रायबरेली : जिले की डलमऊ पुलिस ने एसटीएफ लखनऊ के साथ मिलकर एक शातिर गिरोह का खुलासा किया है. पुलिस का दावा है कि गिरोह के सदस्य लोगों से मोबाइल टावर लगाने के नाम पर धोखाधड़ी किया करते थे. गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार करके पुलिस ने संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है और विधिक कार्रवाई करते हुए न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है.
डलमऊ क्षेत्राधिकारी अरुण नौहार ने बताया कि पकड़े गए अभियुक्तों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि पहले यह लोग मोबाइल के वाई-फाई टावर लगाने के नाम पर ग्राम प्रधानों व अन्य संभ्रांत व्यक्तियों से संपर्क करते थे. उसके बाद रजिस्ट्रेशन के नाम पर 16 हजार रुपये की राशि अपने खाते में ट्रांसफर करवा लेते थे. यह लोग प्रतिष्ठित मोबाइल कंपनियों में किसी कंपनी का फर्जी कंफर्मेशन लेटर भी तैयार कर लेते थे और उस व्यक्ति को कंपनी द्वारा 20 लाख रुपये पास होने की बात कहते थे.
क्षेत्राधिकारी के मुताबिक, प्रोसेसिंग के नाम पर व्यक्ति से लगातार अपने खाते में पैसे ट्रांसफर कराते रहते थे और जब उस व्यक्ति को शक हो जाता तो वह पैसा देना बंद कर देता था. तब यह लोग मोबाइल सिम तोड़कर फेंक देते थे. उन्होंने बताया कि गिरोह के सदस्य सड़क किनारे सिम बेचने वालों को अधिक पैसा देकर फर्जी आईडी से सिम प्राप्त कर लेते थे. पूछताछ में पता चला है कि इस धोखाधड़ी के कार्य में इन लोगों के साथ दो अन्य साथी निरंकार सिंह व उसका भाई रोहित सिंह भी शामिल थे.
उन्होंने बताया कि इस धोखाधड़ी के मामले में सुनील श्रीवास्तव, अजय कुमार सिंह, अतिउल्लाह अंसारी व पदम नाथ दुबे निवासी ग्राम तेंदूबारी थाना गौरी बाजार जनपद देवरिया और गंगेश्वर पांडे उर्फ गोलू पांडे निवासी ग्राम सेमरा थाना कसैया जनपद कुशीनगर को गिरफ्तार किया गया है. क्षेत्राधिकारी ने बताया कि इस ठगी के शिकार लोगों द्वारा शिकायत के आधार पर रायबरेली पुलिस की एक टीम बनाई गई थी, जो लगातार इस गिरोह के पीछे लगी थी. लखनऊ एसटीएफ टीम के साथ इन सभी को लखनऊ गोमती नगर विस्तार से गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से एक कार, टावर लगाने संबंधित फर्जी कूटरचित विभिन्न कंपनियों के कागजात, मोहर, 13 हजार रुपये की नकदी, मोबाइल, सिम व अन्य फर्जी दस्तावेजों को भी बरामद किया गया है.