लखनऊ: शहर के एक उपभोक्ता से बिजली चोरी का मामला रफा-दफा करने के एवज में ₹20,000 मांगना संविदा कर्मियों को भारी पड़ गया. उपभोक्ता की शिकायत पर अधिकारियों ने पांच संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया. साथ ही कामता पावर हाउस के जेई और एसडीओ के खिलाफ जांच बिठा दी.
मामला कामता पावर हाउस के अंतर्गत आने वाली पंचवटी कॉलोनी इलाके का है. उपभोक्ता का आरोप था कि बिजली कर्मियों ने चोरी का झूठा आरोप लगाते हुए लेनदेन कर मामला रफा-दफा करने के एवज में रिश्वत मांगी थी. शिकायत के बाद अधीक्षण अभियंता ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पांच संविदाकर्मियों को सेवा से बाहर का रास्ता दिखा दिया.
उपभोक्ता गयास अहमद ने बिजली विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी कि पंचवटी कॉलोनी में संविदा कर्मी बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चलाने गए थे, लेकिन बेवजह का आरोप लगाकर बिजली चोरी की बात कही. जब बिजली चोरी न करने की उपभोक्ता की तरफ से बात कही गई तो उन्होंने कहा कि पैसा दे दो नहीं तो बिजली चोरी में फंसा दूंगा. ₹20000 रिश्वत मांगी, ₹15000 पर बात बनी.
ग्यास अहमद ने इसकी शिकायत बिजली विभाग के अधिकारियों से की. इसके बाद सर्किल टू के अधीक्षण अभियंता यदुनाथ राम ने पांच संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया. हालांकि कर्मचारियों का साफ कहना है कि उपभोक्ता ने झूठ शिकायत की है. किसी तरह के पैसे का कोई लेनदेन हुआ ही नहीं है, न कोई बात हुई है. बिजली चोरी के सारे साक्ष्य मौजूद हैं.
वीडियोग्राफी कराई गई थी कि अपने मकान से ही दूसरे मकान के निर्माण कार्य के लिए उपभोक्ता ने बिजली चोरी कराई. चोरी की बिजली से ही नई इमारत बन रही थी जो नियमावली का सीधे तौर पर उल्लंघन है. इसी को लेकर कार्रवाई की गई तो उपभोक्ता ने अपनी पहुंच का इस्तेमाल करते हुए अधिकारियों पर दबाव बनाया. इसके बाद एकतरफा कार्रवाई कर दी गई.
सर्किल टू के अधीक्षण अभियंता यदुनाथ राम का कहना है कि प्रथम दृष्टया जांच में संविदा कर्मी जिम्मेदार पाए गए हैं. उनसे पूछताछ की गई. उसके बाद कार्रवाई हुई है. पांच संविदा कर्मियों की संविदा समाप्त की गई है. जेई और एसडीओ के खिलाफ एक जांच समिति गठित कर जांच शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. तीन दिन के अंदर रिपोर्ट आएगी. दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी.
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