रायपुर : राजधानी रायपुर के फाफाडीह चौक पर बाबा रामदेव जी का मंदिर स्थित है. इस मंदिर में महिला पुजारी अन्नपूर्णा संतोष शर्मा पिछले 8 सालों से पूजा पाठ कराती आ रहीं हैं. महिला पुजारी अन्नपूर्णा सेवा भाव से यहां पूजा आराधना करा रहीं हैं. हवन भी महिला पुजारी ही कराती हैं.
''भगवान की सेवा की इच्छा होने पर की शुरुआत'' : रायपुर के बाबा रामदेव जी मंदिर की महिला पुजारी अन्नपूर्णा संतोष शर्मा ने बताया कि उन्होंने बाबा रामदेव जी के इस मंदिर में पूजा और आरती का काम साल 2016 में शुरू किया. ईश्वर की कृपा हुई. बाबा रामदेव जी के इस मंदिर में सुबह और शाम के समय आरती होती है. दोपहर 12 बजे भगवान को शयन कराया जाता है. इस समय भी मंदिर में एक आरती महिला पुजारी के द्वारा गाई जाती है.
कोई भी मंदिर में जब माता का श्रृंगार देखा करती थी तो लगा कि काश यह मौका मुझे मिलता और मैं भी भगवान की सेवा करती. यही सोचकर मैंने इस काम को शुरू किया. मंदिर में सेवा करने के बाद यदि किसी महिला के द्वारा उद्यापन या फिर अनुष्ठान करवाना होता है तो उसे भी मैं करवाती हूं. केवल सत्यनारायण की कथा मैं नहीं करती, लेकिन अनुष्ठान करने में कोई संकोच या दिक्कत नहीं है. : अन्नपूर्णा संतोष शर्मा, महिला पुजारी, बाबा रामदेव मंदिर रायपुर
महिला पुजारी पर लोगों के मन में था संशय : महिला और पुरुष पुजारी के द्वारा मंदिर में पूजा आराधना को लेकर उनका कहना है कि इसमें काफी कुछ दिक्कत उन्हें आई. पहले लोगों के मन में भी यह बात आई कि एक महिला होकर यह पूजा कैसे करवा सकती हैं, मंत्रों का जाप कैसे करेंगी और संकल्प कैसे करवाएंगी. इस तरह के सवाल भी लोगों के मन में आते रहे.
"बच्चों को मोबाइल से दूर रखें और उन्हें नैतिक शिक्षा दें": महिला पुजारी अन्नपूर्णा संतोष शर्मा का मानना है कि लोग बच्चों को मोबाइल से दूर रखें और उन्हें नैतिक शिक्षा दें. इसके साथ ही बच्चों को मंत्र पढ़ना सीखाना चाहिए, ताकि बच्चे आगे बढ़कर इन चीजों को समझ सकें और जान सकें. पहले के जमाने में गुरुकुल में ब्राह्मणों के बच्चे ही शिक्षा दीक्षा ग्रहण करते थे. सनातनियों को आगे करने के साथ ही अपने धर्म को कैसे आगे बढ़ाया जाए, यही सोचकर उन्होंने इस काम का बीड़ा उठाया है.