अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की नई कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून ने कुलपति की जिम्मेदारी संभाल ली है. केंद्रीय विश्वविद्यालय के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, कि विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति पति प्रो. मोहम्मद गुलरेज ने कुलपति पत्नी प्रो. नईमा को कार्यभार ग्रहण कराया है. प्रोफेसर नईमा खातून ने देर शाम को ही पदभार संभाल लिया.
पति ने कुलपति पद का कार्यभार सौंपा: विश्वविद्यालय के इतिहास में भी यह पहला मौका है, जब एक महिला को कुलपति की जिम्मेदारी सौंप गई है.हालांकि प्रोफेसर गुलरेज एक तरफ जहां एएमयू के कार्यवाहक कुलपति की जिम्मेदारी संभाल रहे थे, वहीं प्रोफेसर नईमा एएमयू के वीमेंस कॉलेज की प्राचार्य के रूप में कार्यरत थी. कुलपति चयन प्रक्रिया को लेकर सवाल भी खड़े किए गए हैं. हालांकि, पति द्वारा पत्नी को कुलपति का कार्य भार सौंपने का यह दुर्लभ प्रकरण चर्चा में है.
एएमयू में पढ़ी, यहीं शिक्षक बनीं, अब कुलपति की जिम्मेदारी मिली: प्रोफेसर नईमा खातून ने साल 1977 में उड़ीसा बोर्ड से हाई स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की थी. वहीं, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से इंटर किया था. यहीं से ही ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएट, एमफिल और पीएचडी की डिग्री ली थी. वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग में 1988 लेक्चरर नियुक्त हुई. वहीं, 1998 में एसोसिएट प्रोफेसर और जुलाई 2006 में प्रोफेसर बनीं. प्रोफेसर नईमा जुलाई 2014 में वीमेंस कॉलेज की प्रिंसिपल बनी. जिसका दायित्व उन्होंने अब तक निभाया है.
विदेश में भी दिये लेक्चर: उन्होंने अफ्रीका के रवांडा में राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में एक साल तक पढ़ाया है. इसके अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका, रोमानिया, बैंकॉक, इस्तानबुल आदि विश्वविद्यालय का दौरा कर लेक्चर दिए हैं. उन्होंने 6 किताबों का लेखन और संपादन किया है. प्रोफेसर नईमा खातून वीमेंस कॉलेज छात्रसंघ के लिए दो बार चुनी गई. वहीं, उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें पापा मियां सर्वश्रेष्ठ छात्रा पुरस्कार से सम्मानित किया गया. वीमेंस कॉलेज के प्रिंसिपल बनने के बाद उन्होंने अपने दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया.