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राजस्थान विधानसभा : सदन में कौन किस पर रहेगा हावी, पक्ष और विपक्ष ने बनाई ये रणनीति

विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए सत्ता पक्ष ने मंगलवार को सुबह 10 बजे विधायक दल की बैठक की. वहीं, विपक्ष ने भी राज्यपाल के अभिभाषण में हुई गहलोत सरकार की आलोचनाओं को लेकर सदन में सत्ता पक्ष को घेरने की रणनीति बनाई है.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 23, 2024, 12:03 PM IST

Leader of Opposition Tikaram Julie
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली

जयपुर. 16वीं विधानसभा के पहले सत्र में सदन की कार्यवाही में विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए सत्ता पक्ष ने विधायक दल की बैठक की. मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में विपक्ष के आरोपों पर किस तरह से मजबूती के साथ जवाब दिया जाए, इसकी रणनीति बनी, तो वहीं दूसरी और विपक्ष ने भी सत्ता पक्ष को घेरने के लिए अपने पूर्व मंत्रियों और विधायकों को जिम्मेदारी दी है. खास तौर से विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की आलोचनाओं को लेकर पलटवार करने की रणनीति बनाई है.

सीएम की अध्यक्षता में विधायक दल की बैठक : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विधानसभा की लॉबी में विधायक दल की बैठक ली. इस दौरान सीएम भजनलाल शर्मा ने सभी विधायकों को सदन में मजबूती से सरकार का पक्ष रखने और विपक्ष के आरोपों का जवाब देने की रणनीति बनाई. सीएम ने बैठक में कहा कि सरकार ने 1 महीने में जो जन कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया है, उनको मजबूती से सदन में रखा जाए और जो भी आरोप कांग्रेस के विधानसभा सदस्यों की ओर से लगाए जाएं, उन पर मजबूती से पलटवार किया जाए.

विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होनी है. इससे पहले भाजपा विधायक अनीता भदेल राज्यपाल के लिए धन्यवाद प्रस्ताव रखेंगी. बाबूसिंह और फूल सिंह मीणा प्रस्ताव का अनुमोदन करेंगे.

विपक्ष ने भी बनाई रणनीति : उधर राज्यपाल के अभिभाषण में हुई गहलोत सरकार की आलोचनाओं को लेकर भी प्रतिपक्ष ने सदन में सत्ता पक्ष को घेरने की रणनीति बनाई है. सदन में अब चार दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होनी है. विपक्ष का सबसे बड़ा मुद्दा राज्यपाल का अभिभाषण रहेगा. विपक्ष पहले ही साफ कर चुका है कि सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए राज्यपाल के अभिभाषण पर शांत रहे. कांग्रेस का आरोप है कि सत्ता पक्ष ने राज्यपाल के जरिये पूर्ववर्ती सरकार को भ्रष्टाचारी बताया और उनकी योजनाओं को फेल बताया, जबकि राज्यपाल ने पूर्व में इन्हीं योजनाओं की तारीफ की थी. कांग्रेस ने अपने विधायक दल की बैठक के बाद इसी को मुद्दा बनाना तय किया है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने बताया कि पेपर लीक और अवैध खनन सहित कई मुद्दे है, जिनके जवाब सदन में मांगे जाएंगे. पार्टी ने पूर्व मंत्रियों को विषयवार सरकार से सवाल करने की जिम्मेदारी दी है.

इसे भी पढ़ें- राजस्थान विधानसभा : पेपर लीक व महिला स्मार्ट फोन जैसे मुद्दों पर लगे सवाल, हंगामे के आसार

राम नहीं बचायेंगे : जूली ने कहा कि सरकार अपने एक महीने के कामकाज की क्या गिनती करेगी, जब उन्होंने तो न तो मंत्रियों को समय पर विभाग बांटे और ना ही मंत्रियों ने समय पर पदभार ग्रहण किया. सरकार अपने 100 दिन की कार्य योजना बनाने की बात कर रही है, लेकिन 50 दिन बाद तो उनके मंत्रियों ने अपने विभागों के कामकाज को संभाला है.

ऐसे में सरकार कहां पर काम कर रही है, यह तो अभी तक किसी को दिखाई नहीं दे रहा है. जूली ने कहा कि सिर्फ इस सरकार में एक ही चीज हो रही है वह है मुख्यमंत्री का लगातार दिल्ली दौरा. अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जूली ने कहा कि विधानसभा में इन्हें बचाने राम नहीं आएंगे, यहां पर तो उन्हें सवालों के जवाब ही देने पड़ेंगे, जिसके जवाब उनके पास नहीं है.

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली

जयपुर. 16वीं विधानसभा के पहले सत्र में सदन की कार्यवाही में विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए सत्ता पक्ष ने विधायक दल की बैठक की. मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में विपक्ष के आरोपों पर किस तरह से मजबूती के साथ जवाब दिया जाए, इसकी रणनीति बनी, तो वहीं दूसरी और विपक्ष ने भी सत्ता पक्ष को घेरने के लिए अपने पूर्व मंत्रियों और विधायकों को जिम्मेदारी दी है. खास तौर से विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की आलोचनाओं को लेकर पलटवार करने की रणनीति बनाई है.

सीएम की अध्यक्षता में विधायक दल की बैठक : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विधानसभा की लॉबी में विधायक दल की बैठक ली. इस दौरान सीएम भजनलाल शर्मा ने सभी विधायकों को सदन में मजबूती से सरकार का पक्ष रखने और विपक्ष के आरोपों का जवाब देने की रणनीति बनाई. सीएम ने बैठक में कहा कि सरकार ने 1 महीने में जो जन कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया है, उनको मजबूती से सदन में रखा जाए और जो भी आरोप कांग्रेस के विधानसभा सदस्यों की ओर से लगाए जाएं, उन पर मजबूती से पलटवार किया जाए.

विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होनी है. इससे पहले भाजपा विधायक अनीता भदेल राज्यपाल के लिए धन्यवाद प्रस्ताव रखेंगी. बाबूसिंह और फूल सिंह मीणा प्रस्ताव का अनुमोदन करेंगे.

विपक्ष ने भी बनाई रणनीति : उधर राज्यपाल के अभिभाषण में हुई गहलोत सरकार की आलोचनाओं को लेकर भी प्रतिपक्ष ने सदन में सत्ता पक्ष को घेरने की रणनीति बनाई है. सदन में अब चार दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होनी है. विपक्ष का सबसे बड़ा मुद्दा राज्यपाल का अभिभाषण रहेगा. विपक्ष पहले ही साफ कर चुका है कि सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए राज्यपाल के अभिभाषण पर शांत रहे. कांग्रेस का आरोप है कि सत्ता पक्ष ने राज्यपाल के जरिये पूर्ववर्ती सरकार को भ्रष्टाचारी बताया और उनकी योजनाओं को फेल बताया, जबकि राज्यपाल ने पूर्व में इन्हीं योजनाओं की तारीफ की थी. कांग्रेस ने अपने विधायक दल की बैठक के बाद इसी को मुद्दा बनाना तय किया है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने बताया कि पेपर लीक और अवैध खनन सहित कई मुद्दे है, जिनके जवाब सदन में मांगे जाएंगे. पार्टी ने पूर्व मंत्रियों को विषयवार सरकार से सवाल करने की जिम्मेदारी दी है.

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राम नहीं बचायेंगे : जूली ने कहा कि सरकार अपने एक महीने के कामकाज की क्या गिनती करेगी, जब उन्होंने तो न तो मंत्रियों को समय पर विभाग बांटे और ना ही मंत्रियों ने समय पर पदभार ग्रहण किया. सरकार अपने 100 दिन की कार्य योजना बनाने की बात कर रही है, लेकिन 50 दिन बाद तो उनके मंत्रियों ने अपने विभागों के कामकाज को संभाला है.

ऐसे में सरकार कहां पर काम कर रही है, यह तो अभी तक किसी को दिखाई नहीं दे रहा है. जूली ने कहा कि सिर्फ इस सरकार में एक ही चीज हो रही है वह है मुख्यमंत्री का लगातार दिल्ली दौरा. अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जूली ने कहा कि विधानसभा में इन्हें बचाने राम नहीं आएंगे, यहां पर तो उन्हें सवालों के जवाब ही देने पड़ेंगे, जिसके जवाब उनके पास नहीं है.

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