रायपुर : परिवहन कार्यालय कबीरधाम में राज्य के पहले सड़क सुरक्षा अनुभव कक्ष का उद्घाटन हुआ. डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने जिले के लोगों को सड़क सुरक्षा अनुभव कक्ष समर्पित किया. इस दौरान विजय शर्मा ने कहा कि ये कक्ष मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की एक कड़ी है. कबीरधाम जिला प्रदेश का पहला जिला है जहां इस प्रकार का अनुभव कक्ष स्थापित किया गया है. इस उद्घाटन समारोह में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कक्ष के सभी पहलुओं का अवलोकन किया और इसकी कार्यप्रणाली पर विस्तार से जानकारी ली.
क्या है अनुभव कक्ष का उद्देश्य : सड़क सुरक्षा अनुभव कक्ष का उद्देश्य नागरिकों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है. इस कक्ष में कई प्रकार की सड़क सुरक्षा संबंधित जानकारी और सामग्री प्रस्तुत की गई है, जिसमें वाहन चालकों को दुर्घटनाओं से बचने के उपाय, ट्रैफिक नियमों के पालन और सुरक्षित ड्राइविंग के बारे में बताया गया है. कक्ष में वर्चुअल अनुभव, वीडियो और मॉडल्स के जरिए सड़क सुरक्षा को समझने का एक आकर्षक तरीका अपनाया गया है.
समाज में होगी नई सोच विकसित : इस दौरान डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि बचपन से ही हमें सही और गलत का भेद सिखाया जाता है. माताओं की भूमिका बच्चों को जीवन के उचित और अनुचित कार्यों के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण होती है. इसी प्रकार यह सत्र समाज में सुरक्षा और नियमों के प्रति एक सकारात्मक सोच विकसित करेगा. इस प्रक्रिया को निरंतर जारी रखा जाए, ताकि हर व्यक्ति सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक हो सके.
अब ड्राइविंग लाइसेंस बनाने आने वाले व्यक्तियों को एक विशेष ऑडियो, वीडियो सत्र से गुजरना होगा. यह सत्र आवेदनकर्ताओं को ट्रैफिक नियमों और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है. इस प्रक्रिया का उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक व्यक्ति ट्रैफिक नियमों, चालान प्रक्रिया और सुरक्षित वाहन संचालन के महत्व को गहराई से समझे. ऑडियो, वीडियो सत्र पूरा करने के बाद प्रतिभागियों को एक प्रमाण पत्र मिलेगा. यह प्रमाण पत्र ये दर्शाएगा कि उन्होंने सड़क सुरक्षा के नियमों को समझ लिया है- विजय शर्मा,डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम के मुताबिक ये सत्र लोगों को सड़क पर सही निर्णय लेने और सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित करेगा. इससे ना केवल ट्रैफिक नियमों के पालन में सुधार होगा, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं की संख्या भी कम होगी. विभागीय प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और जागरूकता बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है. ये सुनिश्चित करेगा कि ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने वाला हर व्यक्ति सड़क पर जिम्मेदारी से वाहन चलाए.