बालोद: छत्तीसगढ़ के करीब 25 लाख किसानों के लिए मंगलवार को सौगात से भरा दिन रहा. किसानों को धान का पहले बोनस का भुगतान किया गया. कृषक उन्नति योजना सम्मेलन में 13 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि किसानों के खाते में ट्रांसफर की गई.
सीएम ने 65 योजनाओं का किया लोकार्पण: इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शामिल हुए. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का स्थानीय लोगों ने गजमाला से स्वागत किया. वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव राजनांदगांव से वर्चुअली जुड़े. प्रदेश के सभी कैबिनेट मंत्री भी वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम में जुड़े. सीएम ने 28 करोड़ की 65 योजनाओं का लोकार्पण किया.कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत प्रति एकड़ 19,257 रुपए आदान सहायता की राशि दी गई. किसानों को धान विक्रय के 917 रुपए प्रति क्विंटल के मान से अंतर राशि का भुगतान किया गया.
"पीएम मोदी की एक और गारंटी आज पूरी हो गई है. कृषक उन्नति योजना के तहत 24.75 लाख किसानों के बैंक खातों में 13,320 करोड़ रुपये की इनपुट सहायता राशि दी गई है. इसके साथ ही किसानों को 13,289 करोड़ रुपये की अंतर राशि का भुगतान किया गया. धान बीज उत्पादक 2,829 किसानों को बीज निगम के माध्यम से 31 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया. पिछले साल दिसंबर में हमने 3716 करोड़ रुपये के पेंडिंग धान के बोनस का भी भुगतान किया. जिसमें 13 लाख से अधिक किसानों को फायदा हुआ": विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़
मोहन यादव भी आयोजन में हुए शामिल: कृषक उन्नति योजना में शामिल होने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी छत्तीसगढ़ आए. उन्होंने राजनांदगांव के कार्यक्रम में हिस्सा लिया और किसानों को इनपुट सहायता राशि का ट्रांसफर किया. उन्होंने कहा कि "छत्तीसगढ़ का विकास अब जेट स्पीड से होगा. नई सरकार बनने के महज तीन महीने में ही राज्य में विकास कार्यों में काफी तेजी आई है. ऐसा लग रहा है जैसे छत्तीसगढ़ में पैसों की बारिश हो रही है." आपको बता दें कि बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान किसानों को धान खरीदी का भुगतान करने का वादा किया था. कांग्रेस की सरकार के समय 2100 रुपये प्रति क्विंटल की दर के किसानों को धान की राशि मिली थी. उसके बाद बीजेपी की सरकार बन गई. इन दोनों राशि के बीच जो अंतर था उसका पैसा मंगलवार को ट्रांसफर किया गया है. कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों को एमएसपी के अंतर की राशि का भुगतान किया गया है.