जोधपुर: शिक्षा मंत्री और जोधपुर के प्रभारी मंत्री मदन दिलावर शुक्रवार को जोधपुर आए. सरकार की पहली वर्षगांठ पर आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि सरकार ने अब तक जो भी घोषणाएं की हैं, वे धरातल पर उतरेंगी. राज्य में महंगाई से पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि महंगाई के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. इसका पता करने के लिए किसी अर्थशास्त्री से पूछना पड़ेगा, क्योंकि मैं कोई अर्थशास्त्री नहीं हूं, जो बता सकूं कि एक साल महंगाई बढ़ी है या घटी है.
शिक्षा मंत्री दिलावर ने कहा कि मध्यम वर्ग के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सरकार ने मुद्रा योजना चला रखी है. उससे लोन लेकर वे अपना खुद का काम शुरू कर सकते हैं. दिलावर ने कहा कि सरकार ने बजट पेश होने के तुरंत बाद घोषणाओं पर काम शुरू कर दिया. भाजपा ने जब चुनाव लड़ा तो संकल्प पत्र जारी किया था, जिसमें जनता के लाभ की योजनाएं थी.
मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि, सामाजिक सुरक्षा योजनाएं लागू करने की बात कही थी. इन्हें पूरा करने का काम हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने सबसे पहले 450 रुपए में गैस सिलेंडर देने का काम किया. सामाजिक सुरक्षा पेंशन 1150 देना शुरू कर दी है. आने वाले समय में यह राशि 1500 रुपए कर दी जाएगी.
गांवों में भी होगी सफाई: मंत्री दिलावर ने कहा कि अब गांवों में भी स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा. शहरों से ज्यादा गांव साफ नजर आएंगे. शौचालय निर्माण से वंचितों को राशि दे रहे हैं. स्कूलों की दशा सुधरने के लिए लगातार काम हो रहा है. शिक्षा विभाग में हो रहे कामों को लेकर मंत्री दिलावर ने कहा कि अध्यापकों के कक्षा में मोबाइल नहीं ले जाने के आदेश जारी किए गए हैं. इससे शिक्षा का माहौल बना है. दिलावर ने कहा कि स्कूल समय में धार्मिक पूजा या नमाज के लिए जाने पर रोक लगाई है.
घोषणाओं को पूरा होने में समय लगता है: शिक्षा मंत्री दिलावर से जब पूछा गया कि जोधपुर में एक साल में क्या-क्या काम हुआ, इस पर दिलावर ने कहा कि जो भी घोषणाएं हुई वो सब धरातल पर उतरेगी. हालांकि, उनके काम शुरू होने में समय लगता है, क्योंकि इसके लिए बहुत सारी प्रक्रियाएं होती हैं.
सत्रांक व्यवस्था बदली है: उन्होंने कहा कि स्कूलों में सत्रांक की परिभाषा बदल दी है. पहले हर पेपर के बीस अंक सत्रांक के मार्फत विद्यार्थियों को दिए जाते हैं. अध्यापक लगभग हर बच्चे को 18 से बीस नंबर देते है. इसके बाद शेष अस्सी अंक में से 13 अंक लाने पर भी छात्र पास हो जाता है. इसमें हमने बदलाव किया है. अब 40 नंबर लाने होंगे. यानी पचास फीसदी नंबर लाने होंगे. कम नंबर पर बच्चे को तो पास कर दिया जाएगा, लेकिन शिक्षक के कामकाज की समीक्षा की जाएगी.