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टेंशन में सुहाग नगरी के कारोबारी; बगैर अनुमति किया क्षमता विस्तार, अब सुप्रीम कोर्ट में देना है जवाब

Firozabad Industrial Area: फिरोजाबाद के कारोबारियों ने बिना अनुमति से इकाइयों का क्षमता विस्तार किया. इसको लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा है.

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फिरोजाबाद उद्योग विभाग (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

फिरोजाबाद: औद्योगिक शहर फिरोजाबाद के कांच कारोबारी इन दिनों टेंशन में है. टेंशन की वजह है ताज संरक्षित इलाके की इंडस्ट्री जिसका कारोबारियों ने बगैर किसी परमिशन के क्षमता विस्तार कर लिया. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए अफसरों से पूछा कि आखिर किसकी अनुमति से इकाइयों का क्षमता विस्तार किया गया है. सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद उद्योग विभाग ने पत्र लिखकर कारखाना मालिकों से पूछा है कि किस आधार पर उन्होंने क्षमता विस्तार किया है. जवाब देने के लिए उनको 10 दिसम्बर तक का समय दिया गया है.

दरअसल, फिरोजाबाद का इंडस्ट्रीयल इलाका ताज संरक्षित जोन में आता है. यहां प्रदूषण से ताजमहल को खतरा है. साल 1996 में पर्यावरण विद की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यहां कोयले से चलने वाली इंडस्ट्रीज पर रोक लगा दी थी. कोयले से चलने वाली इंडस्ट्री को बंद करने के आदेश के बाद यहां वैकल्पिक व्यवस्था की गयी.

यहां की इंडस्ट्रीज को सरकार ने नेचुरल गैस मुहैय्या करायी थी. साथ ही यहां के इंडस्ट्रीज की समस्या के समाधान के लिए आगरा कमिश्नर की अध्यक्षता में ताज त्रिपेजियम ऑथोरिटी का गठन किया गया. ऑथोरिटी ने आदेश दिया कि किसी भी इंडस्ट्रीज का क्षमता विस्तार या फिर नई इंडस्ट्री की स्थापना अथॉरिटी की अनुमति के बिना नहीं होगी. ऑथोरिटी के इस आदेश के बाद भी यहां 60 इकाइयों ने धीरे-धीरे क्षमता विस्तार कर लिया. इस क्षमता विस्तार के खिलाफ आगरा के ही एक कारोबारी ने फिर कोर्ट में एक याचिका दाखिल की. इस याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अफसरों से पूछा, कि वह बताएं कि यह क्षमता विस्तार कैसे हो गया.

अब उद्योग विभाग के अफसरों ने क्षमता विस्तार करने वाले उद्यमियों को पत्र भेजकर पूछा है कि वह बताएं कि उन्होंने क्षमता विस्तार कैसे कर लिया. उद्योग विभाग के उपायुक्त दुष्यन्त कुमार ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर कारखाना स्वामियों को जवाब देने के लिए कहा गया है. 10 दिसंबर तक इसका जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है.

यह भी पढ़ें-अच्छी खबर: फिरोजाबाद में बनेंगे दो नए मिनी औद्योगिक क्षेत्र, नए उद्योग लगने से बढ़ेंगे रोजगार के मौके

फिरोजाबाद: औद्योगिक शहर फिरोजाबाद के कांच कारोबारी इन दिनों टेंशन में है. टेंशन की वजह है ताज संरक्षित इलाके की इंडस्ट्री जिसका कारोबारियों ने बगैर किसी परमिशन के क्षमता विस्तार कर लिया. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए अफसरों से पूछा कि आखिर किसकी अनुमति से इकाइयों का क्षमता विस्तार किया गया है. सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद उद्योग विभाग ने पत्र लिखकर कारखाना मालिकों से पूछा है कि किस आधार पर उन्होंने क्षमता विस्तार किया है. जवाब देने के लिए उनको 10 दिसम्बर तक का समय दिया गया है.

दरअसल, फिरोजाबाद का इंडस्ट्रीयल इलाका ताज संरक्षित जोन में आता है. यहां प्रदूषण से ताजमहल को खतरा है. साल 1996 में पर्यावरण विद की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यहां कोयले से चलने वाली इंडस्ट्रीज पर रोक लगा दी थी. कोयले से चलने वाली इंडस्ट्री को बंद करने के आदेश के बाद यहां वैकल्पिक व्यवस्था की गयी.

यहां की इंडस्ट्रीज को सरकार ने नेचुरल गैस मुहैय्या करायी थी. साथ ही यहां के इंडस्ट्रीज की समस्या के समाधान के लिए आगरा कमिश्नर की अध्यक्षता में ताज त्रिपेजियम ऑथोरिटी का गठन किया गया. ऑथोरिटी ने आदेश दिया कि किसी भी इंडस्ट्रीज का क्षमता विस्तार या फिर नई इंडस्ट्री की स्थापना अथॉरिटी की अनुमति के बिना नहीं होगी. ऑथोरिटी के इस आदेश के बाद भी यहां 60 इकाइयों ने धीरे-धीरे क्षमता विस्तार कर लिया. इस क्षमता विस्तार के खिलाफ आगरा के ही एक कारोबारी ने फिर कोर्ट में एक याचिका दाखिल की. इस याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अफसरों से पूछा, कि वह बताएं कि यह क्षमता विस्तार कैसे हो गया.

अब उद्योग विभाग के अफसरों ने क्षमता विस्तार करने वाले उद्यमियों को पत्र भेजकर पूछा है कि वह बताएं कि उन्होंने क्षमता विस्तार कैसे कर लिया. उद्योग विभाग के उपायुक्त दुष्यन्त कुमार ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर कारखाना स्वामियों को जवाब देने के लिए कहा गया है. 10 दिसंबर तक इसका जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है.

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