कानपुर: कई सालों बाद एक बार फिर कानपुर की गलियों में मुंगेर की .32 बोर पिस्टल से गोलियां चलीं, और शहर के ग्वालटोली थाना क्षेत्र में दहशत फैल गई. कमिश्नरेट पुलिस के आला अफसरों को चुनौती देते हुए आरोपी सचिन कुमार और सैफ ने ग्वालटोली निवासी मन्नू सोनकर पर खुलेआम जमकर गोलियां चलाईं. फायरिंग के दौरान मन्नू जहां गंभीर रूप से घायल हुआ है, वहीं एक आरोपी सचिन कुमार का हाथ फट गया.
परिजनों ने कहा, अक्सर दुकान पर मीट खाने आते थे आरोपी: एक ओर जहां पुलिस ये बता रही है, कि ब्याज के रुपयों को लेकर विवाद हुआ. वहीं, दूसरी ओर मन्नू के परिजनों का कहना है कि सचिन और सैफ अक्सर ही दुकान पर मीट खाने आते थे. शनिवार को इन्हें मना किया गया था, और कहा गया था कि जब बकाया रुपये दे देंगे, तब खाना दिया जाएगा. ऐसे में रविवार को सचिन और सैफ असलहों से लैस होकर आए और उनके साथ कई साथी भी बाइक से थे. उन्होंने मन्नू को दुकान पर बैठा देखा और सीधे फायर झोंक दिया. जब पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा तो पुलिस वालों के भी होश उड़ गए. सचिन के हाथ में मुंगेर की .32 बोर पिस्टल थी. अब पुलिस की कई टीमें आरोपियों से पूछताछ में लग गई हैं.
बड़ा सवाल, आखिर कहां से आई मुंगेर की .32 बोर पिस्टल: एक ओर जहां सूबे की पुलिस का दावा है, कि अवैध पिस्टलों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जा चुका है. वहीं, कानपुर में ग्वालटोली थाना क्षेत्र की घटना ने पुलिस अफसरों को चौंकन्ना कर दिया है. खुलेआम आरोपियों ने मुंगेर की .32 बोर पिस्टल से फायरिंग की, जो पूरी तरह से प्रतिबंधित है. दबी जुबां में अब अफसर यह भी कह रहे हैं, कि कहीं ऐसा तो नहीं कि कानपुर और आसपास अवैध पिस्टलों के तस्कर फिर से सक्रिय हो गए है.
पुलिस के मुताबिक ब्याज के रुपयों के लेन-देन को लेकर विवाद की स्थिति बनी. इस पूरे मामले में एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार ने बताया, कि फायरिंग के मामले को लेकर आरोपी सचिन कुमार (नानकारी निवासी) और सैफ को गिरफ्तार किया गया है. जबकि कई अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
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