मुंगेर: बिहार के मुंगेर जिला में फर्जी पत्र के आलोक में 8 प्रयोगशाला प्राविधिक की नियुक्ति का मामला सामने आया है. मामला पकड़ में आने के बाद सभी फर्जी कर्मी अपने-अपने कार्यस्थल से फरार हो गए हैं. इनमें से फर्जी 6 कर्मी नालंदा जिला का तथा 2 पटना जिला का रहने वाला है. सिविल सर्जन डॉक्टर विनोद कुमार ने सभी फर्जी कर्मियों के विरुद्ध विभिन्न थानों में प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है.
कैसे पकड़ा गया फर्जीवाड़ाः सभी फर्जी कर्मी 2022 में मुंगेर के प्राथमिक सामुदायिक एवं हेल्थ वेलनेस सेंटर में पदस्थापित थे. जब इन लोगों के मार्च का वेतन देने के लिए एचआरएमएस पोर्टल में नाम डाला गया तो इन लोगों का नाम नहीं था. जब इसकी जांच की गई तो सभी फर्जी पाए गए. तकरीबन 1 साल से ये सभी काम कर रहे थे. जब इनलोगों का वेतन के लिए एचआरएमएस पर नाम लोड होने लगा तब लोड नहीं हो पा रहा था. बाद में विभाग की ओर से पत्र आया कि 8 लोगों का लेटर फर्जी है. इन 8 लोगों को पहले ही भनक लग गयी थी, सभी फरार हो गए हैं.
क्या कहते हैं अधिकारीः सिविल सर्जन विनोद कुमार ने बताया कि "स्वास्थ्य विभाग पटना द्वारा फर्जी पत्रांक 3504, दिनांक 13/4/2022 के तहत मुंगेर जिला में 8 प्रयोगशाला प्राविधिक की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा हुआ है. फर्जी आदेश पत्र के आलोक में तारापुर अनुमंडल अंतर्गत 3, हवेली खड़गपुर में 3 और संग्रामपुर में 2 प्रयोगशाला प्राविधिक की नियुक्ति की गई. यह सभी फर्जी कर्मी अप्रैल 2022 में योगदान दिया था. लेकिन जब विभाग को उनकी फर्जी नियुक्ति की भनक लगी तो यह सभी मार्च-अप्रैल 2024 से फरार हो गए."
फर्जी कर्मियों के नामः विभाग के रिकार्ड के अनुसार फर्जी प्रयोगशाला प्राविधिक में पटना का वेदराज (अनुमंडल अस्पताल तारापुर), नालंदा का सुरजन कुमार (अनुमंडल अस्पताल तारापुर), नालंदा का अमित कुमार (एपीएससी लखनपुर तारापुर), नालंदा का अशोक कुमार सिंह (एपीएस बढ़ौना हवेली खड़गपुर), नालंदा का विवेकानंद सिंह (एपीएससी पहाड़पुर हवेली खड़गपुर), नालंदा का मुकेश कुमार (एपीएससी दुर्गापुर संग्रामपुर), नालंदा का रूपक कुमार (एपीएससी रामपुर संग्रामपुर), पटना का शिव शंकर कुमार (एपीएससी प्रसंडो, हवेली खड़गपुर) में पदस्थापित थे.
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