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हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण पर अंतिम सुनवाई 20 जनवरी को - MADHYA PRADESH HIGH COURT

सुनवाई के दौरान सरकार ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की पैरवी के लिए उपस्थिति का हवाला देते हुए समय प्रदान करने का आग्रह किया.

JABALPUR HIGH COURT
जबलपुर हाईकोर्ट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 6, 2024, 10:59 PM IST

जबलपुर: जबलपुर हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर अंतिम सुनवाई 20 जनवरी को होगी. चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने मामले में शुक्रवार को हुई सुनवाई पश्चात सभी याचिकाओं को पांच श्रेणियों में विभाजित कर पक्षकारों को अगली सुनवाई पर अपना-अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं.

27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के खिलाफ व पक्ष सहित अन्य मुद्दों पर 84 याचिकाएं दायर की गई थीं

गौरतलब है कि प्रदेश में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण किए जाने के खिलाफ व पक्ष सहित अन्य मुद्दों पर 84 याचिकाएं दायर की गई थीं. इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय में भी याचिकाएं दायर की गई थीं. सर्वोच्च न्यायालय ने संबंधित मामले में हाईकोर्ट को सुनवाई करने निर्देश दिए थे. जिसके बाद सभी याचिकाओं पर युगलपीठ के द्वारा शुक्रवार को संयुक्त रूप से सुनवाई की गई. याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की पैरवी के लिए उपस्थिति का हवाला देते हुए समय प्रदान करने का आग्रह किया.

युगलपीठ ने सभी याचिकाओं पर 20 जनवरी को अंतिम सुनवाई के निर्देश दिए

युगलपीठ ने सुनवाई के बाद संबंधित याचिकाओं को कानून के विरोध, कानून के पक्ष, फार्मूला 87ः 13 को चुनौती देने वाली याचिकाओं, 13 प्रतिशत होल्ड किए गये पदों को चुनौती देने वाली याचिकाओं तथा प्रदेश में आबादी के अनुपात में ओबीसी वर्ग को आरक्षण दिए जाने संबंधित याचिकाओं को सुनवाई के लिए अलग-अलग श्रेणी बनाने के निर्देश जारी किये हैं. युगलपीठ ने सभी याचिकाओं पर 20 जनवरी को अंतिम सुनवाई के निर्देश दिए हैं. याचिका की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता आदित्य संघी तथा अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ने पैरवी की.

जबलपुर: जबलपुर हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर अंतिम सुनवाई 20 जनवरी को होगी. चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने मामले में शुक्रवार को हुई सुनवाई पश्चात सभी याचिकाओं को पांच श्रेणियों में विभाजित कर पक्षकारों को अगली सुनवाई पर अपना-अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं.

27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के खिलाफ व पक्ष सहित अन्य मुद्दों पर 84 याचिकाएं दायर की गई थीं

गौरतलब है कि प्रदेश में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण किए जाने के खिलाफ व पक्ष सहित अन्य मुद्दों पर 84 याचिकाएं दायर की गई थीं. इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय में भी याचिकाएं दायर की गई थीं. सर्वोच्च न्यायालय ने संबंधित मामले में हाईकोर्ट को सुनवाई करने निर्देश दिए थे. जिसके बाद सभी याचिकाओं पर युगलपीठ के द्वारा शुक्रवार को संयुक्त रूप से सुनवाई की गई. याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की पैरवी के लिए उपस्थिति का हवाला देते हुए समय प्रदान करने का आग्रह किया.

युगलपीठ ने सभी याचिकाओं पर 20 जनवरी को अंतिम सुनवाई के निर्देश दिए

युगलपीठ ने सुनवाई के बाद संबंधित याचिकाओं को कानून के विरोध, कानून के पक्ष, फार्मूला 87ः 13 को चुनौती देने वाली याचिकाओं, 13 प्रतिशत होल्ड किए गये पदों को चुनौती देने वाली याचिकाओं तथा प्रदेश में आबादी के अनुपात में ओबीसी वर्ग को आरक्षण दिए जाने संबंधित याचिकाओं को सुनवाई के लिए अलग-अलग श्रेणी बनाने के निर्देश जारी किये हैं. युगलपीठ ने सभी याचिकाओं पर 20 जनवरी को अंतिम सुनवाई के निर्देश दिए हैं. याचिका की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता आदित्य संघी तथा अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ने पैरवी की.

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