रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम यात्रा में हर वर्ष निःशुल्क चिकित्सा सेवाएं देने वाली सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर यूनिट की महिला डॉक्टरों ने केदार सभा के पदाधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोप है कि महिला चिकित्सक को केदारनाथ मंदिर में प्रवेश करने से रोका गया. इसका कारण पूछने पर उनके साथ अभद्रता की गई. सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर यूनिट की महिला चिकित्सकों ने पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र भेजकर मामले में कार्यवाही की मांग की है. जिस पर पुलिस ने सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है. इधर, केदारसभा अध्यक्ष ने इन सभी आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने इस मामले में एसपी को पत्र भी लिखा है.
सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर यूनिट की मेडिकल डायरेक्टर अनीता भारद्वाज एवं चीफ डॉ कोऑर्डिनेटर सपना बुढ़लाकोटी ने एसपी शिकायती पत्र भेजा है. जिसमें केदारनाथ धाम में महिला डॉक्टरों के साथ अभद्रता की जानकारी दी. उन्होंने बताया केदार सभा के कुछ पदाधिकारियों ने उन्हें केदारनाथ मंदिर में प्रवेश करने से रोका. जब उनसे उन्हें रोकने का कारण पूछा गया तो इनकी ओर से उनके साथ अभद्रता की गई. धाम में उनके द्वारा दी जा रही निःशुल्क सेवाओं को रोकने की भी धमकी दी गई. उन्होंने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए तुरंत संज्ञान लेने एवं सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की.
सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर यूनिट की मेडिकल डायरेक्टर अनीता भारद्वाज ने बताया उन्हें सामाजिक सेवाओं के लिए राष्ट्रपति सम्मान से भी सम्मानित किया गया है. बावजूद इसके उनके साथ इस प्रकार का व्यवहार किया गया. जिससे उन्हें काफी ठेस पहुंची है. मामले में एसपी डाॅ विशाखा भदाणे ने बताया सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर यूनिट की मेडिकल डायरेक्टर अनीता भारद्वाज एवं चीफ कोऑर्डिनेटर डॉ सपना बुढ़लाकोटी की अभद्रता की शिकायत पर कोतवाली सोनप्रयाग में सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.
मामले में केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी का बयान भी सामने आया है. उन्होंने सभी आरोपों को झूठा करार दिया है. उन्होंने एसपी को भेजे पत्र में बताया सिक्स सिग्मा में तैनात महिला चिकित्सक अपने सगे संबंधियों को केदारनाथ मन्दिर के निकास द्वार से प्रवेश करवा रही थी. चार जून को सिक्स सिग्मा महिला चिकित्सकों ने फिर से अनाधिकृत रूप से अपने परिचितों को अनुचित रूप से मन्दिर के निकास द्वार से प्रवेश कराये जाने का प्रयास किया. इस पर केदारसभा के पदाधिकारियों ने उन्हें रोका. महिला चिकित्सकों को बताया गया कि मन्दिर समिति के प्रोटोकॉल अधिकारी एवं कर्मियों के माध्यम से निर्धारित प्रक्रिया के तहत मन्दिर में प्रवेश करवाया जाए, लेकिन महिला चिकित्सकों ने एक बात नहीं सुनी. वे बहस करने लगी. केदारसभा के पदाधिकारियों ने सभी आरोपों को झूठ बताया. साथ ही मामले में मजिस्ट्रियल जांच की मांग की है.