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13 दिन बाद भी पैंथर वन विभाग की पहुंच से बाहर, डॉग स्क्वायड और ड्रोन भी रहे फेल - ALWAR PANTHER FEAR

अलवर में पैंथर का खौफ, 13 दिन बाद भी नहीं पकड़ा जा सका पैंथर, डॉग स्क्वायड और ड्रोन भी रहे फेल.

ALWAR PANTHER FEAR
13 दिन बाद भी नहीं पकड़ा जा सका पैंथर (ETV BHARAT ALWAR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

अलवर : शहर के लोगों में 13 दिन बाद भी पैंथर के पकड़े नहीं जाने से डर का माहौल बना हुआ है. 1 दिसंबर को करीब 5 बजे शहर के बीच स्थित आरआर कॉलेज में पैंथर की मूवमेंट की सूचना मिली थी. उसके बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पग मार्क देखकर कॉलेज परिसर में पैंथर होने की पुष्टि की. इसके बाद से ही लगातार वनकर्मियों की टीम पैंथर की मॉनिटरिंग कर रही हैं, लेकिन अभी तक पैंथर की लोकेशन का पता नहीं लग पाया है. वन विभाग की ओर से 13 दिनों तक कई प्रयास किए गए, लेकिन पैंथर वन विभाग की चंगुल से दूर है.

अब संभावना है कि जल्द ही वन विभाग की ओर से जंगल में रेस्क्यू वैन लगाई जाएगी. इसमें शिकार के लालच के रूप में वन्यजीव को बांधा जाएगा. इस से पहले वन कर्मियों की ओर से शुक्रवार दिन में पैंथर की लोकेशन का पता लगाने के लिए सर्च अभियान चलाया गया, लेकिन इसमें भी सफलता हाथ नहीं लगी.

अलवर में पैंथर का खौफ (ETV BHARAT ALWAR)

इसे भी पढ़ें - अलवर: पैंथर के आतंक से बहरोड़ में कायसा गांव के ग्रामीण दहशत में - Panther attack

अलवर वन मंडल वनपाल भीम सिंह ने बताया कि वन विभाग की टीम लगातार पैंथर की मॉनीटरिंग कर रही है. कुछ समय तक पैंथर पिंजरे के पास तक आया, लेकिन बीते एक में दो दिनों में पैंथर को मूवमेंट कॉलेज के गेट, होटल के पास सहित अन्य जगहों पर मिला. इसके बाद वनकर्मियों की टीम ने शुक्रवार दोपहर को सर्च अभियान चलाया, जहां पर जंगल व कॉलेज परिसर में बने खंडहरों में भी पैंथर की लोकेशन ढूंढी गई. इस अभियान के दौरान ट्रेंकुलाइज टीम भी साथ थी.उन्होंने बताया कि पैंथर अंधेरे में मूवमेंट करता है, पैंथर को पकड़ने के लिए पिंजरे में बकरा, मेमना व मुर्गा भी लगाया गया, लेकिन पैंथर लालच में नहीं आया.

उन्होंने बताया कि कॉलेज परिसर के में बने 50 हेक्टेयर के घने जंगल में पैंथर के भोजन के लिए प्रचुर मात्रा में सांभर, रोजडे, नीलगाय, सूअर सहित वाजयजीव है. कुछ दिनों पहले पैंथर ने सूअर व गाय का शिकार कर भोजन किया, ऐसी सूचना भी आई थी. हालांकि रोजाना वन विभाग की टीम सुबह पैंथर के पैकमार्क चेक कर लोकेशन की प्रयास में जुटी है. लेकिन अभी तक कोई भी सफलता हाथ नहीं लगी है.

इसे भी पढ़ें - अलवर में पैंथर का आतंक, शिकार के लिए रेसिडेंशियल इलाके में पहुंचा, अब ड्रोन से निगरानी - आबादी में पैंथर

कॉलेज प्रशासन ने लगाए चेतावनी बोर्ड : आरआर कॉलेज प्रशासन ने भी 13 दिन बीत जाने के बाद पैंथर का रेस्क्यू नहीं होता देख कॉलेज में आने वाले छात्रों व शाम के समय घूमने वाले लोगों के लिए जगह-जगह पर चेतावनी बोर्ड लगाए है. जिसमें छात्रों से अकेले एकांत व जंगल के आस पास न जाने की अपील की है. कॉलेज प्रशासन का कहना है कि कॉलेज में चल रहे एग्जाम के लिए आने वाले बच्चों को भी समझाइश की गई है कि वह एग्जाम देकर सीधे घर की ओर निकले, जिससे कि किसी तरह की कोई दुर्घटना ना हो.

वहीं, कॉलेज में शाम व सुबह के समय आने वाले लोगों से भी चेतावनी बोर्ड के माध्यम से अपील की गई है कि वे अंधेरे के समय में परिसर में न आए. वहीं, सावधानी के तौर पर वन कर्मियों की टीम द्वारा अंधेरे से पहले कॉलेज परिसर के मुख्य गेट को भी बंद कर दिया जाता है.

ड्रोन व डॉग स्क्वाड की ली मदद : वनपाल भीम सिंह ने बताया कि शुक्रवार को कॉलेज परिसर के जंगल क्षेत्र में डॉग स्क्वाड व ड्रोन की भी मदद ली गई, लेकिन यह प्रयास भी विफल रहे. उन्होंने बताया कि रोजाना पिंजरों की जगह को बदला जा रहा है. वहीं, पिंजरे के आस पास पैंथर के पगमार्क भी मिले थे. भीम सिंह ने कहा की कॉलेज परिसर से पैंथर को जल्द से जल्द रेस्क्यू करने की कोशिश की जा रही है. इस पैंथर को रेस्क्यू कर सरिस्का टाइगर रिजर्व के जंगलों में छोड़ा जाएगा.

अलवर : शहर के लोगों में 13 दिन बाद भी पैंथर के पकड़े नहीं जाने से डर का माहौल बना हुआ है. 1 दिसंबर को करीब 5 बजे शहर के बीच स्थित आरआर कॉलेज में पैंथर की मूवमेंट की सूचना मिली थी. उसके बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पग मार्क देखकर कॉलेज परिसर में पैंथर होने की पुष्टि की. इसके बाद से ही लगातार वनकर्मियों की टीम पैंथर की मॉनिटरिंग कर रही हैं, लेकिन अभी तक पैंथर की लोकेशन का पता नहीं लग पाया है. वन विभाग की ओर से 13 दिनों तक कई प्रयास किए गए, लेकिन पैंथर वन विभाग की चंगुल से दूर है.

अब संभावना है कि जल्द ही वन विभाग की ओर से जंगल में रेस्क्यू वैन लगाई जाएगी. इसमें शिकार के लालच के रूप में वन्यजीव को बांधा जाएगा. इस से पहले वन कर्मियों की ओर से शुक्रवार दिन में पैंथर की लोकेशन का पता लगाने के लिए सर्च अभियान चलाया गया, लेकिन इसमें भी सफलता हाथ नहीं लगी.

अलवर में पैंथर का खौफ (ETV BHARAT ALWAR)

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अलवर वन मंडल वनपाल भीम सिंह ने बताया कि वन विभाग की टीम लगातार पैंथर की मॉनीटरिंग कर रही है. कुछ समय तक पैंथर पिंजरे के पास तक आया, लेकिन बीते एक में दो दिनों में पैंथर को मूवमेंट कॉलेज के गेट, होटल के पास सहित अन्य जगहों पर मिला. इसके बाद वनकर्मियों की टीम ने शुक्रवार दोपहर को सर्च अभियान चलाया, जहां पर जंगल व कॉलेज परिसर में बने खंडहरों में भी पैंथर की लोकेशन ढूंढी गई. इस अभियान के दौरान ट्रेंकुलाइज टीम भी साथ थी.उन्होंने बताया कि पैंथर अंधेरे में मूवमेंट करता है, पैंथर को पकड़ने के लिए पिंजरे में बकरा, मेमना व मुर्गा भी लगाया गया, लेकिन पैंथर लालच में नहीं आया.

उन्होंने बताया कि कॉलेज परिसर के में बने 50 हेक्टेयर के घने जंगल में पैंथर के भोजन के लिए प्रचुर मात्रा में सांभर, रोजडे, नीलगाय, सूअर सहित वाजयजीव है. कुछ दिनों पहले पैंथर ने सूअर व गाय का शिकार कर भोजन किया, ऐसी सूचना भी आई थी. हालांकि रोजाना वन विभाग की टीम सुबह पैंथर के पैकमार्क चेक कर लोकेशन की प्रयास में जुटी है. लेकिन अभी तक कोई भी सफलता हाथ नहीं लगी है.

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कॉलेज प्रशासन ने लगाए चेतावनी बोर्ड : आरआर कॉलेज प्रशासन ने भी 13 दिन बीत जाने के बाद पैंथर का रेस्क्यू नहीं होता देख कॉलेज में आने वाले छात्रों व शाम के समय घूमने वाले लोगों के लिए जगह-जगह पर चेतावनी बोर्ड लगाए है. जिसमें छात्रों से अकेले एकांत व जंगल के आस पास न जाने की अपील की है. कॉलेज प्रशासन का कहना है कि कॉलेज में चल रहे एग्जाम के लिए आने वाले बच्चों को भी समझाइश की गई है कि वह एग्जाम देकर सीधे घर की ओर निकले, जिससे कि किसी तरह की कोई दुर्घटना ना हो.

वहीं, कॉलेज में शाम व सुबह के समय आने वाले लोगों से भी चेतावनी बोर्ड के माध्यम से अपील की गई है कि वे अंधेरे के समय में परिसर में न आए. वहीं, सावधानी के तौर पर वन कर्मियों की टीम द्वारा अंधेरे से पहले कॉलेज परिसर के मुख्य गेट को भी बंद कर दिया जाता है.

ड्रोन व डॉग स्क्वाड की ली मदद : वनपाल भीम सिंह ने बताया कि शुक्रवार को कॉलेज परिसर के जंगल क्षेत्र में डॉग स्क्वाड व ड्रोन की भी मदद ली गई, लेकिन यह प्रयास भी विफल रहे. उन्होंने बताया कि रोजाना पिंजरों की जगह को बदला जा रहा है. वहीं, पिंजरे के आस पास पैंथर के पगमार्क भी मिले थे. भीम सिंह ने कहा की कॉलेज परिसर से पैंथर को जल्द से जल्द रेस्क्यू करने की कोशिश की जा रही है. इस पैंथर को रेस्क्यू कर सरिस्का टाइगर रिजर्व के जंगलों में छोड़ा जाएगा.

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