फतेहपुरः अवैध धर्मांतरण मामले में एनआईए एटीएस स्पेशल कोर्ट ने मूलरूप से जिले के रहने वाला मौलाना उमर गौतम समेत 16 लोगों को कोर्ट ने सजा सुनाई है. इन दोषियों को सलाखों के पीछे भेजने में जिले की रहने वाली पूर्व शिक्षिका ने अहम निभाई थी. 2021 में फतेहपुर के लखनऊ बाईपास स्थित नुरुल हुदा स्कूल में उमर गौतम का आना-जाना था, जहां धर्म विशेष को लेकर जमकर बयानबाजी होती थी. इस संबंध में स्कूल की महिला शिक्षिका कल्पना सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद बड़े पैमाने पर किए जा रहे धर्मांतरण का पर्दा उठा था और एनआईए और एटीएस ने पूरे देश में छापेमारी कर गिरफ्तारियां की थी.
नुरुल हुदा स्कूल की महिला शिक्षिका कल्पना सिंह कहना है कि 2021 में फतेहपुर पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी. स्कूल में छात्रों के बीच धार्मिक बयानबाजी की जा रही थी और धर्म विशेष को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही थी. उन्होंने दावा किया कि छात्रों और अन्य स्टाफ को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जा रहा था. कल्पना सिंह की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मौलाना उमर गौतम, स्कूल के प्रबंधक मौलाना उमर शरीफ हमाजरी और उनके बेटे मोहम्मद उमैर शरीफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. यह मामला तब और गंभीर हो गया, जब जांच में पाया गया कि उमर गौतम अक्सर इस स्कूल में आता-जाता था और कथित रूप से धर्म परिवर्तन से जुड़े भाषण देता था.