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फतेहाबाद पहुंची प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड टीम का किसानों ने किया घेराव, पराली जलाने की लोकेशन पर खेत में पहुंची थी टीम

फतेहाबाद में पराली जलाने की सूचना के बाद मौके पर पहुंची प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम का किसानों ने घेराव किया.

Fatehabad Paddy Stubble Fire
Fatehabad Paddy Stubble Fire (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 12, 2024, 11:30 AM IST

फतेहाबाद/हिसार: हरियाणा में पराली जलाने को लेकर किसानों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है. लेकिन किसान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. फतेहाबाद के रतिया में लाली रोड पर एक किसान द्वारा पराली में आग लगाने की लोकेशन दर्ज होने पर किसान के खेत में प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम पहुंची. जिसका किसान संगठनों ने घेराव कर लिया. किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने टीम को किसानों द्वारा पराली न जलाने पर आ रही समस्याओं के बारे में सवाल जवाब किये.

प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड टीम का घेराव: वहीं, किसान नेताओं ने चेतावनी दी की अगर किसी भी किसान के खिलाफ मामला दर्ज, रेड एंट्री , जुर्माना डाला तो किसान संगठन एकजुट होकर इसका विरोध करेंगे. साथ ही आंदोलन करने पर भी मजबूर होंगे. ऐसे में अधिकारियों का घेराव करने की सूचना मिलने पर कृषि विभाग के अधिकारी व पुलिस टीम भी मौके पर पहुंच गई. किसानों को शहर थाना प्रभारी द्वारा आश्वासन दिया गया और पुलिस प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड अधिकारियों की टीम को अपने साथ लेकर गई.

लोकेशन के तहत टीम को मिली सूचना: मिली जानकारी के अनुसार, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम को लोकेशन के तहत सूचना मिली थी, कि लाली रोड पर किसान द्वारा पराली को आग लगाई जा रही है. इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड के एसडीओ दीपू खटकड़ की अगुवाई में एक टीम मौके पर पहुंची. टीम ने पराली में आग लगाने को लेकर जैसे ही मामले में कार्रवाई करनी शुरू की तो किसान ने भाकियू नेताओं को सूचना दे दी.

किसानों ने बताई अपनी मजबूरी: भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के जिला प्रधान निर्भय सिंह रतिया की अगुआई में काफी किसान मौके पर पहुंच गए. किसान टीम की कार्रवाई का विरोध करने लगे. किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अधिकारियों की टीम वहां से जाने लगी तो किसानों ने उनका घेराव करते हुए उनसे सवाल जवाब शुरू कर दिए. किसान नेताओं ने अधिकारियों से पराली न जलाने पर आ रही समस्याओं के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि किसानों को सरकार उनके विकल्प और मशीनरी तक उपलब्ध नहीं करवा पाई है. जिस वजह से किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा है. विकल्प न होने के कारण मजबूरन किसानों को पराली में आग लगानी पड़ रही है.

पराली जलाने पर होगी कार्रवाई: तो वहीं, किसानों ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर किसान के खिलाफ कार्रवाई हुई तो किसान आंदोलन करने को मजबूर होंगे. वहीं, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम का घेराव करने की सूचना मिलने पर कृषि विभाग के सुपरवाइजर जसमीत सिंह, शहर थाना प्रभारी रंजीत सिंह के साथ मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन किसान मामले में कार्रवाई करने की बात पर अड़ गए.

हिसार में बढ़ाई जुर्माना राशि: इसके अलावा, हिसार में वायु प्रदूषण से निपटने के प्रयासों के तहत केंद्र सरकार ने पराली जलाने वालों के लिए जुर्माना राशि को बढ़ा दिया है. उपनिदेशक कृषि विभाग राजबीर सिंह ने बताया कि तत्काल प्रभाव से लागू होने वाले नए नियमों के तहत दो एकड़ से कम जमीन वाले किसानों पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. जबकि 2-5 एकड़ के बीच वाले किसानों को 10 हजार रुपये जुर्माना राशि भरनी होगी. वहीं, 5 एकड़ से ज्यादा जमीन वाले किसानों को 30 हजार रुपये की राशि का जुर्माना लगाया जाएगा. संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा फील्ड में रहकर कड़ी निगरानी के साथ किसानों को जागरुक किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में पराली जलाने पर किसानों की नहीं खैर, जींद में 11 किसानों पर FIR दर्ज

ये भी पढ़ें: पराली के दोगुने जुर्माने पर सियासी घमासान, दीपेन्द्र हुड्डा और सैलजा ने सरकार पर बोला हमला, बोले- सरकार कर रही शोषण

फतेहाबाद/हिसार: हरियाणा में पराली जलाने को लेकर किसानों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है. लेकिन किसान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. फतेहाबाद के रतिया में लाली रोड पर एक किसान द्वारा पराली में आग लगाने की लोकेशन दर्ज होने पर किसान के खेत में प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम पहुंची. जिसका किसान संगठनों ने घेराव कर लिया. किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने टीम को किसानों द्वारा पराली न जलाने पर आ रही समस्याओं के बारे में सवाल जवाब किये.

प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड टीम का घेराव: वहीं, किसान नेताओं ने चेतावनी दी की अगर किसी भी किसान के खिलाफ मामला दर्ज, रेड एंट्री , जुर्माना डाला तो किसान संगठन एकजुट होकर इसका विरोध करेंगे. साथ ही आंदोलन करने पर भी मजबूर होंगे. ऐसे में अधिकारियों का घेराव करने की सूचना मिलने पर कृषि विभाग के अधिकारी व पुलिस टीम भी मौके पर पहुंच गई. किसानों को शहर थाना प्रभारी द्वारा आश्वासन दिया गया और पुलिस प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड अधिकारियों की टीम को अपने साथ लेकर गई.

लोकेशन के तहत टीम को मिली सूचना: मिली जानकारी के अनुसार, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम को लोकेशन के तहत सूचना मिली थी, कि लाली रोड पर किसान द्वारा पराली को आग लगाई जा रही है. इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड के एसडीओ दीपू खटकड़ की अगुवाई में एक टीम मौके पर पहुंची. टीम ने पराली में आग लगाने को लेकर जैसे ही मामले में कार्रवाई करनी शुरू की तो किसान ने भाकियू नेताओं को सूचना दे दी.

किसानों ने बताई अपनी मजबूरी: भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के जिला प्रधान निर्भय सिंह रतिया की अगुआई में काफी किसान मौके पर पहुंच गए. किसान टीम की कार्रवाई का विरोध करने लगे. किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अधिकारियों की टीम वहां से जाने लगी तो किसानों ने उनका घेराव करते हुए उनसे सवाल जवाब शुरू कर दिए. किसान नेताओं ने अधिकारियों से पराली न जलाने पर आ रही समस्याओं के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि किसानों को सरकार उनके विकल्प और मशीनरी तक उपलब्ध नहीं करवा पाई है. जिस वजह से किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा है. विकल्प न होने के कारण मजबूरन किसानों को पराली में आग लगानी पड़ रही है.

पराली जलाने पर होगी कार्रवाई: तो वहीं, किसानों ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर किसान के खिलाफ कार्रवाई हुई तो किसान आंदोलन करने को मजबूर होंगे. वहीं, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम का घेराव करने की सूचना मिलने पर कृषि विभाग के सुपरवाइजर जसमीत सिंह, शहर थाना प्रभारी रंजीत सिंह के साथ मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन किसान मामले में कार्रवाई करने की बात पर अड़ गए.

हिसार में बढ़ाई जुर्माना राशि: इसके अलावा, हिसार में वायु प्रदूषण से निपटने के प्रयासों के तहत केंद्र सरकार ने पराली जलाने वालों के लिए जुर्माना राशि को बढ़ा दिया है. उपनिदेशक कृषि विभाग राजबीर सिंह ने बताया कि तत्काल प्रभाव से लागू होने वाले नए नियमों के तहत दो एकड़ से कम जमीन वाले किसानों पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. जबकि 2-5 एकड़ के बीच वाले किसानों को 10 हजार रुपये जुर्माना राशि भरनी होगी. वहीं, 5 एकड़ से ज्यादा जमीन वाले किसानों को 30 हजार रुपये की राशि का जुर्माना लगाया जाएगा. संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा फील्ड में रहकर कड़ी निगरानी के साथ किसानों को जागरुक किया जा रहा है.

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