अंबाला: शहर की मंडियों में धान की फसल की आवक लगातार जारी है, लेकिन फसल का उठान न होने की भी शिकायतें लगातार आ रही है, जिससे किसान काफी नाराज दिखाई दे रहे हैं. किसानों ने मंडी प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्था पर भी सवाल उठाए. आज रविवार को धान की फसल की खरीद भी नहीं हो पाई. हालांकि गेट पास जरूर काटे गए.
मंडी सचिव का कहना है कि मंडी में लगातार धान की फसल का उठान जारी है. हमारी कोशिश है कि इसमें और ज्यादा तेजी लाई जा सके. अभी तक अंबाला कैंट की मंडी में 2 लाख 12 हजार क्विंटल की आवक हो चुकी है और 1 लाख 82 हजार क्विंटल की खरीद हो गई है. वहीं अभी तक 66 हजार क्विंटल धान का उठान हो चुका है.
धान की सरकारी खरीद 27 सितंबर से शुरू हुई थी और तब से लेकर अब तक भारी मात्रा में धान की फसल मंडियों में आ रही है. अब धान की फसल की आवक पीक पर है. अंबाला कैंट की मंडी में धान का उठान धीमी गति से हो रहा है. किसानों का कहना है कि 15 दिन से मंडी में आए हुए हैं, यहां न धान की सुखाने की जगह है, ना उठाने की. ऐसे में मौस्चर निकल जाता है. कभी-कभी 18 तक हो जाता है. मंडी में भीड़ के चलते खाने-पीने व बैठने की व्यवस्था भी नहीं है.
"इससे अच्छा सरकार धान की फसल लगाने से ही मना कर दें" : मंडी में मौजूद एक किसान ने कहा कि गेट पास तो कट गए है लेकिन आलू लगाने व सरसो की बिजनी का टारगेट बिगड़ गया. पिछले सात दिनों से यहां पर पड़ा हूं. अगर 10 दिन पहले सरकार धान का उठान शुरू कर देती तो आज ये नौबत न आती. इसमें उन्होंने सैलर मिलों की हड़ताल का भी मुद्दा उठाया जिसकी वजह से धान का उठान नहीं हो पाया. उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इससे अच्छा तो सरकार किसानों को धान की फसल लगाने से ही मना कर दे.
परसो तक होगा अच्छा उठान : इस बीच मंडी सचिव नीरज भारद्वाज ने कहा कि मंडी में सभी व्यवस्थाएं ठीक है. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि पीने का ठंडा पानी मंडी में भीड़ होने के चलते ठंडा नहीं हो पा रहा है. वहीं उठान तो हो रहा है, लेकिन हमारी कोशिश है कि इसमें और ज्यादा तेजी लाई जा सके. उन्होंने परसों तक उठान अच्छा होने का आश्वासन दिया. वहीं उन्होंने कहा कि पिछले साल 3 लाख क्विंटल धान की आवक हुई थी और अबकी बार 3 लाख 60 हजार क्विंटल धान की आवक होने की संभावना है.
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