लखनऊ: सर्किल रेट बढ़ाने समेत कई मांगों को लेकर पिछले 43 दिनों से सुल्तानपुर रोड पर रिंग रोड अंडर पास के नीचे धरना दे रहे किसानों ने शुक्रवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के अफसरों को बंधक बना लिया. एलडीए के अधिकारी अमोलिया गांव में सर्वे करने पहुंचे थे. किसान अफसरों को लेकर धरना स्थल पर पहुंच गए. सूचना मिलने पर दो थानों की फोर्स पहुंच गई और अफसरों को छोड़ने के लिए. लेकिन किसान नहीं माने. करीब घंटे भर बाद एलडीए वीसी और आवास आयुक्त से मुलाकात के आश्वासन पर किसान माने और अफसरों को छोड़ा.
अमोलिया गांव में LDA की ओर से अवर अभियंता भरत पांडेय, प्रमोद पांडेय, योगेंद्र प्रताप सिंह, लक्ष्मी शंकर और सुरेश सिंह सर्वे करने पहुंचे थे. गांव में किसानों ने अफसरों को घेर लिया. उन्हें कार में बैठाकर धरना स्थल पर ले आए. अफसरों की गाड़ी भी कब्जे में ले ली. किसानों ने कहा कि एलडीए के वीसी को मौके पर बुलाया जाए, तभी अधिकारियों को छोड़ा जाएगा. अक्रोशित किसानों ने सर्वे करने पहुंची टीम में शामिल अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी अभद्रता आदि के आरोप में मुकदमा दर्ज कराने की मांग भी की.
इस बीच किसानों की पुलिस से भी गहमागहमी भी हो गई. बाद में LDA अधिकारियों ने लिखित में कहा कि जब तक विकास प्राधिकरण और किसानों के बीच वार्ता नहीं होती है, तब तक स्थल पर नहीं आएंगे. हालांकि किसान वीसी से वार्ता करने पर अड़े रहे. काफी मान-मनौव्वल के बाद 26 अक्टूबर को एलडीए वीसी और 4 नवंबर को आवास आयुक्त से मिलने का लिखित में आश्वासन मिला तो किसानों ने अफसरों को छोड़ा.
इस बारे में एसीपी गोसाईंगंज किरण यादव ने बताया कि अधिकारियों के बंधक बनाए जाने की सूचना मिलते ही दो थानों की फोर्स मौके पर भेजी गई. किसानों को समझाकर मामला शांत कराया गया है. बंधक बनाए गए अधिकारियों के लिखित में आश्वासन देने पर छोड़ दिया गया. मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
बता दें कि बीते करीब 43 दिनों से भारतीय किसान यूनियन टिकैत के बैनर तले विभिन्न मांगों को लेकर किसान सुल्तानपुर रोड पर रिंग रोड अंडर पास के नीचे धरना दे रहे हैं. गुरुवार को किसानों ने बड़ी संख्या में ट्रैक्टर से सीएम आवास के लिए कूच किया था.