मेरठ : भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के भतीजे की बाइक पुलिस ने बुधवार शाम को सीज कर दी थी. पुलिस ने 27 हजार रुपये का चालान भी किया था, वहीं बाइक रिलीज न करने से गुस्साए भाकियू के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने बुधवार की शाम गद्दे बिछाकर गंगानगर थाने में ही डेरा डाल दिया था, जिसके बाद पुलिस प्रशासन के साथ वार्ता कर समझौता कर लिया गया था. पुलिस ने थाने पर बैठे 33 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, जिसमें पांच लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया था. वहीं, गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन के लोगों ने मुकदमा वापस लेने की मांग को लेकर थाने के बाहर दरी पर बैठकर अपनी मांग रखी.
27 हजार का लगाया था जुर्माना : भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय पाल घोपला ने बताया कि 20 जनवरी को पुलिस ने गंगानगर में रहने वाले भाकियू के कार्यकर्ता विपुल की बाइक को सीज कर दिया था. बाइक के ऊपर पुलिस ने 27 हजार का जुर्माना लगाया था, जिसके बाद सीओ नवीना शुक्ला व इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह के साथ वार्ता होने के बाद चालान को वापस कर लिया गया, वहीं विजय घोपला ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने पहले तो समझौता कर लिया था, फिर उसके बाद किसानों के घर जाते ही 33 लोगों के खिलाफ अज्ञात में मुकदमा दर्ज कर लिया, जिसमें पांच लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा लिखा गया. वहीं, किसान गुरुवार को भारी संख्या में थाना गंगानगर पहुंचे और मुकदमा वापस लेने की मांग के साथ थाने के बाहर बैठ गए. विजय घोपला का कहना है कि यह पहली बार देखने को मिल रहा है कि जिन लोगों के नाम मुकदमे लिखे जा चुके हैं उनको पुलिस थाने में नहीं बिठाना चाहती है, बल्कि थाने में आने से रोक रही है. उन्होंने कहा कि इस बात से जाहिर होता है कि गलती किसकी है और भुगतनी किसको पड़ रही है.
33 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज : उन्होंने बताया किसानों की मांग है कि जब तक 33 लोगों के खिलाफ लिखा मुकदमा वापस नहीं लिया जाता है तब तक धरना जारी रहेगा. किसानों का कहना है कि अगर बात नहीं मानी जाती है तो ये धरना अनिश्चित कालीन तक चलेगा. किसानों की मांग है कि प्रशासन सम्मान के साथ वार्ता करे ओर थाने का गेट खोलकर किसानों को अंदर बुलाकर बात करे, या तो बाहर आकर जिन 33 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है उनकी गिरफ्तारी कर जेल भेजे. वहीं 8 घंटे बाद किसान फिर एक जुट होकर थाने के बाहर बैठ गये ओर थाने के गेट के बाहर इक्ट्ठा होकर हुक्का गुड़गुड़ाने लगे. यूनियन जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी का कहना है कि हम जब तक नहीं हटेंगे जब तक सम्मान के साथ इस थाने का मेन गेट खोलकर अधिकारी किसानों को बुलाकर बात नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि हम सिर को झुकाकर अब थाने के अंदर जानें के पक्ष में नहीं हैं. किसान का सम्मान देश का सम्मान है. हम किसी भी कीमत पर उसको खत्म नहीं होने देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि जब हमारे लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमे हैं तो पुलिस प्रशासन जेल भेजने का काम करे अगर हम लोग अपराधी हैं.
जिम्मेदार लोगों से चल रही है वार्ता : वहीं, एसपी देहात कमलेश बहादुर का कहना है कि भारतीय किसान यूनियन की जिम्मेदार लोगों से वार्ता चल रही है, जल्द ही कोई ना कोई हल निकाल लिया जायेगा. पुलिस द्वारा किसानों के सामने पांच जिम्मेदार सदस्यों को लेकर वार्ता की बात कही गई है. शासन और प्रशासन के लोग लगातार वार्ता करने की बात को लेकर बातचीत कर रहे हैं.
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