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मांगों को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के आश्वासन पर माने

रुड़की में किसानों ने मांगों को लेकर जमकर प्रदर्शन किया. वहीं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के आश्वासन पर किसानों ने धरना समाप्त किया.

Farmers Protest in Roorkee
रुड़की में मांगों को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 23, 2024, 7:33 AM IST

रुड़की: विभिन्न मांगों को लेकर भारी संख्या में भारतीय किसान यूनियन तोमर गुट के किसान एआरटीओ कार्यालय के बाहर धरना प्रर्दशन करने के लिए निकले. इसी दौरान कार्यकर्ताओं को पुलिस ने एसडीएम चौक पर उन्हें रोकने का प्रयास किया, जिसके बाद उन्होंने बैरिकेडिंग को हटाते हुए तहसील परिसर में ही अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया. उच्चाधिकारियों के आश्वासन पर किसानों ने धरना समाप्त कर दिया हैं.

दरअसल, भारतीय किसान यूनियन (तोमर) गुट के किसान अपनी मांगों को लेकर एआरटीओ कार्यालय के कर्मचारियों की संपत्ति की जांच, निलंबन, किसानों पर चल रहे मुकदमों को वापस लेने आदि मांग को लेकर अब्दूल कलाम चौक पर इकट्ठा हुए. वहीं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सभी किसान अपने ट्रैक्टर लेकर जुलूस निकालते हुए एआरटीओ कार्यालय की तरफ चल पड़े. इस दौरान उनके साथ यूपी के किसान भी शामिल हुए. इसी बीच रास्तें में एसडीएम चौक स्थित पहले से ही तैनात पुलिस बल ने किसानों को रोक दिया,कड़े विरोध और नोकझोंक के बाद किसान तहसील परिसर में धरने पर जाकर बैठकर गए.

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के आश्वासन पर माने किसान (Video-ETV Bharat)

हालांकि इस दौरान उन्होंने अपनी मांगें पूरी ना होने तक धरना जारी रखने की चेतावनी भी दी. किसानों का कहना था कि बीती 6 अगस्त को रुड़की एआरटीओ कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया गया था, जिसमें किसानों और एआरटीओ अधिकारियों के बीच धक्का-मुक्की और अभद्रता हुई थी, कई किसानों पर डकैती और लूट का मुकदमा दर्ज कराया गया था. वहीं किसानों की मांग थी कि एआरटीओ के अधिकारियों को निलंबित किया जाए और किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस के साथ-साथ अधिकारियों की संपत्तियों की जांच की जानी चाहिए. जिसके बाद मौके पर पहुंचे रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने किसानों से वार्ता की.

लेकिन यूनियन के पदाधिकारी अपनी बात पर अड़े रहे. इसके बाद अधिकारियों द्वारा उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया गया, जिसके बाद किसानों द्वारा धरना समाप्त किया गया. इस दौरान भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव तोमर ने बताया कि एआरटीओ कार्यालय पर धरना प्रर्दशन के दौरान विभाग ने किसानों पर झूठे मुकदमे दर्ज कराए हैं. उन्होंने बताया कि एआरटीओ कर्मचारियों की संपत्ति की जांच कराने उनके निलंबन और किसानों पर चल रहे झूठे मुकदमे वापस लेने की मांग को लेकर धरने का आयोजन किया गया था और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के आश्वासन पर धरना समाप्त किया गया है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो एआरटीओ कार्यालय के बाहर झोपड़ी डालकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा और इसी के साथ सरकार को भी घेरने का काम करेंगे.
पढ़ें-रुड़की में किसान महापंचायत, सड़क जाम करना पड़ा भारी, टिकैत गुट के 600 किसानों पर केस दर्ज

रुड़की: विभिन्न मांगों को लेकर भारी संख्या में भारतीय किसान यूनियन तोमर गुट के किसान एआरटीओ कार्यालय के बाहर धरना प्रर्दशन करने के लिए निकले. इसी दौरान कार्यकर्ताओं को पुलिस ने एसडीएम चौक पर उन्हें रोकने का प्रयास किया, जिसके बाद उन्होंने बैरिकेडिंग को हटाते हुए तहसील परिसर में ही अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया. उच्चाधिकारियों के आश्वासन पर किसानों ने धरना समाप्त कर दिया हैं.

दरअसल, भारतीय किसान यूनियन (तोमर) गुट के किसान अपनी मांगों को लेकर एआरटीओ कार्यालय के कर्मचारियों की संपत्ति की जांच, निलंबन, किसानों पर चल रहे मुकदमों को वापस लेने आदि मांग को लेकर अब्दूल कलाम चौक पर इकट्ठा हुए. वहीं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सभी किसान अपने ट्रैक्टर लेकर जुलूस निकालते हुए एआरटीओ कार्यालय की तरफ चल पड़े. इस दौरान उनके साथ यूपी के किसान भी शामिल हुए. इसी बीच रास्तें में एसडीएम चौक स्थित पहले से ही तैनात पुलिस बल ने किसानों को रोक दिया,कड़े विरोध और नोकझोंक के बाद किसान तहसील परिसर में धरने पर जाकर बैठकर गए.

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के आश्वासन पर माने किसान (Video-ETV Bharat)

हालांकि इस दौरान उन्होंने अपनी मांगें पूरी ना होने तक धरना जारी रखने की चेतावनी भी दी. किसानों का कहना था कि बीती 6 अगस्त को रुड़की एआरटीओ कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया गया था, जिसमें किसानों और एआरटीओ अधिकारियों के बीच धक्का-मुक्की और अभद्रता हुई थी, कई किसानों पर डकैती और लूट का मुकदमा दर्ज कराया गया था. वहीं किसानों की मांग थी कि एआरटीओ के अधिकारियों को निलंबित किया जाए और किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस के साथ-साथ अधिकारियों की संपत्तियों की जांच की जानी चाहिए. जिसके बाद मौके पर पहुंचे रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने किसानों से वार्ता की.

लेकिन यूनियन के पदाधिकारी अपनी बात पर अड़े रहे. इसके बाद अधिकारियों द्वारा उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया गया, जिसके बाद किसानों द्वारा धरना समाप्त किया गया. इस दौरान भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव तोमर ने बताया कि एआरटीओ कार्यालय पर धरना प्रर्दशन के दौरान विभाग ने किसानों पर झूठे मुकदमे दर्ज कराए हैं. उन्होंने बताया कि एआरटीओ कर्मचारियों की संपत्ति की जांच कराने उनके निलंबन और किसानों पर चल रहे झूठे मुकदमे वापस लेने की मांग को लेकर धरने का आयोजन किया गया था और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के आश्वासन पर धरना समाप्त किया गया है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो एआरटीओ कार्यालय के बाहर झोपड़ी डालकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा और इसी के साथ सरकार को भी घेरने का काम करेंगे.
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