कुरुक्षेत्र: शुक्रवार, 27 सितंबर 2024 से हरियाणा में धान की खरीद जारी है. किसानों का आरोप है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर उनकी फसल नहीं खरीदी जा रही. एमएसपी पर धान की फसल खरीदने की मांग को लेकर बुधवार को कुरुक्षेत्र में किसानों ने प्रदर्शन किया. केडीबी रोड जाम कर किसानों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि नमी के नाम पर कट लगाया जा रहा है.
कुरुक्षेत्र में किसानों का प्रदर्शन: किसानों के मुताबिक वो बीते 15 से 20 दिन से फसल की कटाई करके कुरुक्षेत्र अनाज मंडी में लेकर आए हुए हैं, लेकिन उनको कोई भी खरीदार नहीं मिल रहा. जिसके चलते किसान काफी परेशान हो रहे हैं. जब धान की खरीद शुरू हुई, तो किसानों की फसल पर कमी के नाम पर कट लगाया जा रहा है. जिसके चलते किसानों में काफी रोष है. एमएसपी पर फसल खरीद की मांग को लेकर किसानों ने प्रदर्शन किया.
रोड जाम की नारेबाजी: कुरुक्षेत्र के केडीबी रोड मल्टी आर्ट कल्चर सेंटर चौक पर किसानों ने जाम लगा दिया. जाम की सूचना मिलने पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और किसानों को समझाकर जाम खुलवाया. मनजीत सिंह किसान ने बताया कि वो करीब 20 दिनों से अनाज मंडी में अपनी फसल लेकर बैठे हुए हैं, लेकिन उनकी फसल की खरीद नहीं की जा रही. किसानों को धान का उचित मूल्य नहीं मिल रहा. जिसके चलते किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
धान की फसल एमएसपी पर खरीदने की मांग: किसान ने कहा कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य 2320 निर्धारित किया हुआ है, लेकिन खरीद एजेंसी नमी के नाम पर कम दामों पर खरीद कर रही है. जिसके चलते किसानों ने परेशान होकर रोड जाम किया है. बता दें कि इस बार केंद्र सरकार ने सामान्य धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपये और ग्रेड-ए धान के लिए 2320 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. बाजरा के लिए 2625 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी निर्धारित किया गया है.
किसान नेता गुरनाम चढूनी के गंभीर आरोप: किसान नेता गुरनाम सिंह ने कहा कि नमी के नाम पर बहुत ही ज्यादा अनाज मंडी में धांधली की जा रही है. जब हरियाणा विधानसभा चुनाव के चलते मतगणना की जा रही थी. तब खरीद करने के लिए खरीद एजेंसी के लोग अनाज मंडी में आए थे. जहां पर उन्होंने कहा था कि जिसकी धान की नमी 17% से कम है. उनको ₹22 प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जाएगा.
सरकार और कमीशन एजेंट पर मिलीभगत का आरोप: किसान नेता गुरनाम चढूनी ने कहा कि अब बीजेपी सरकार बनने के बाद किसानों की फसल में ज्यादा कट लगाया जा रहा है. 1800 से 1900 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदने की बात एजेंसी के लोग कर रहे हैं. सरकार कमीशन एजेंट और राइस मिलर की मिलीभगत के चलते उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा. जिसके चलते उनका काफी नुकसान हो रहा है.