भिवानी: नहरी पानी की समस्या को लेकर भिवानी में किसानों ने प्रदर्शन किया. किसानों के मुताबिक ना तो नहरों की सफाई की गई है और ना ही उन्हें नहरी पानी मिल रहा है. जिसके चलते उनकी फसल सूखने की कगार पर है. किसानों के मुताबिक कई बार वो अपनी समस्या को लेकर संबंधित अधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है. किसानों के मुताबिक उन्हें आश्वासन के सिवाय और कुछ नहीं मिला है.
भिवानी में किसानों का प्रदर्शन: इसी बात से गुस्साए किसानों ने वीरवार को सरकार और प्रशासन के खिलाफ हल्ला बोला. निनाण, पालुवास, कालुवास, नाथुवास, कोंट और उमरावट. इन पांच गांव के किसानों ने भिवानी जिले के गांव नाथूवास में एकत्रित होकर सरकार व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. किसानों की मांग है कि उन्हें समुचित मात्रा में नहरी पानी उपलब्ध होना चाहिए. इसके अलावा वक्त-वक्त पर नहर की साफ सफाई होनी चाहिए.
नहरी पानी की समस्या: किसान सुनील ने कहा कि एक तरफ प्रदेश की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ये कहती हैं कि उनके दादा पूर्व सीएम स्वर्गीय बंसीलाल ने आखिरी टेल तक पानी पहुंचाने के लिए समुचित कार्य किया, लेकिन हकीकत ये है कि किसानों को आज तक भी अंतिम टेल तक पानी नहीं मिला है. जिसके चलते किसान दर-दर भटकने को मजबूर हैं. उन्होंने बताया कि 5 गांवों में बीते 13 दिसंबर को पानी छोड़ा गया था.
'नहरों में पानी नहीं छोड़ा जाता': किसानों के मुताबिक 13 दिसंबर के बाद वीरवार को ही पानी छोड़ा गया, वो भी इसलिए, क्योंकि अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट भेजनी थी. उन्होंने कहा कि ये हालात आज पहली बार नहीं बने हैं, हमेशा से जानबूझकर नहरों में कई-कई दिनों बाद पानी छोड़ा जाता है तथा नहरी पानी के अभाव में उनकी फसलें सूख कर बर्बाद हो रही है, जिसके चलते उनके समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.
'शिकायत के बाद भी नहीं हो रहा समाधान': किसान हरिराम ने कहा कि भिवानी में नहरी पानी की समस्या तब है, जब प्रदेश की सिंचाई मंत्री उनके हल्के की है, लेकिन सिंचाई मंत्री भी किसानों की इस समस्या से मुंह फेरे बैठी हैं. वहीं जब वे नहरों में पर्याप्त पानी छोड़े जाने की मांग को लेकर अधिकारियों से मिलते है, तो अधिकारी उनकी समस्या का समाधान करने की बजाए सिर्फ आश्वासन देते हैं.
सरकार और प्रशासन को दी चेतावनी: किसानों की नहरी पानी की समस्या का स्थायी समाधान नहीं किया जा रहा. उन्होंने कहा कि वे इस समस्या के समाधान की मांग को लेकर विधायक से भी मिले थे, लेकिन उनके द्वारा दिए गए आश्वासन पर भी अभी तक अमल नहीं किया गया. किसानों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी नहरी पानी की समस्या का स्थायी समाधान नहीं किया गया तो किसान मजबूरन बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे.