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फतेहाबाद : धान की खरीद न होने से लघु सचिवालय पर किसानों का धरना... मेवात में खाद की कालाबाजारी - FARMERS PROTEST IN FATEHABAD

फतेहाबाद में किसानों ने धान की खरीद नहीं होने के चलते लघु सचिवालय पर धरना देकर नारेबाजी की है.

FARMERS PROTEST IN FATEHABAD
फतेहाबाद में किसानों का धरना (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 10, 2024, 8:57 PM IST

फतेहाबाद : जिले में धान की खरीद नहीं होने के चलते जिले भर में बवाल मचा हुआ है. टोहाना में जहां कल रोड जाम किया गया था तो वहीं आज फतेहाबाद में किसान एकत्रित होकर लघु सचिवालय पहुंचे और यहां प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुख्य गेट पर धरना शुरू कर दिया. उधर भूना में भी चंडीगढ़ रोड पर कल किसानों ने जाम लगाया था, जो आज दोपहर तक जारी रहा, बाद में किसानों ने धरना खत्म कर दिया.

धान की खरीद अभी तक शुरू नहीं : किसान नेता मनदीप नथवान ने बताया कि परचेज 27 सितंबर से शुरू हो गई है, लेकिन अभी तक शैलर मिल्र्स से कोई डीलिंग नहीं हुई, जिस कारण सरकारी खरीद नहीं हो रही. निजी तौर पर कम रेटों में धान खरीदा जा रहा है. जिलेभर में धान की खरीद अभी तक शुरू नहीं हो पाई है, जबकि किसान ढेरियां लेकर मंडियों में कई-कई दिनों से बैठे हैं. किसानों को धान में नमी ज्यादा होने की बात कहकर धान नहीं खरीदी जा रही जबकि किसान तय मूल्य से कम पर यदि धान प्राइवेट परचेजर को देता है तो वहीं धान खरीद ली जाती है.

फतेहाबाद में किसानों का धरना (Etv Bharat)

2000 रुपए की रेट से भी नीचे खरीद : किसानों का कहना है कि वे लगातार प्रशासन से खरीद शुरू करवाने की मांग उठा रहे हैं, लेकिन खरीद नहीं हो पा रही. जिस कारण किसानों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. मनदीप नथवान ने कहा कि भाजपा ने कहा था कि 3100 की रेट से ज्यादा पर धान खरीदा जाएगा, जबकि अब रेट 2300 तक तय है और खरीदा 2 हजार से भी नीचे जा रहा है. उन्होंने कहा कि खाद की ब्लैक से भी किसान को लूटने का काम किया जा रहा है.

नूहं में ब्लैक में बिक रही खाद : मेवात में सरसों और गेहूं की फसल की बिजाई का समय नजदीक आते ही डीएपी और यूरिया खाद की मांग बढ़ गई है. सरकारी केंद्रों पर खाद नहीं होने के कारण किसानों को मजबूरी में प्राइवेट दुकानदारों से खरीदना पड़ रहा है. आरोप है कि दुकानदार किसानों से मनमानी रकम वसूल रहे हैं.

किसानों ने बताया कि दुकानदार एक बैग डीएपी खाद के लिए 1650-1750 तक की रकम वसूल रहे हैं. सरकार द्वारा डीएपी खाद का मूल्य 1350 रुपए प्रति बैग और यूरिया का 268 रुपए निर्धारित किया गया है. खाद महंगा मिलने के कारण किसानों को परेशानी हो रही है. किसान अली मोहम्मद डुंगेजा ने बताया कि किसान सरसों की बिजाई के लिए महंगे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर हैं. लाइसेंस से खाद बीज बेचने वाले दुकानदारों ने अपने-अपने गोदाम में डीएपी खाद का स्टॉक किया हुआ है. यह थोड़े कट्टे दुकान पर दिखावे के लिए रखते हैं. विभाग को कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है.

इसे भी पढ़ें : मंत्रिमंडल को लेकर बीजेपी की माथापच्ची! जींद जिला रहेगा अहम, जानें मंत्री की रेस में कौन आगे

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फतेहाबाद : जिले में धान की खरीद नहीं होने के चलते जिले भर में बवाल मचा हुआ है. टोहाना में जहां कल रोड जाम किया गया था तो वहीं आज फतेहाबाद में किसान एकत्रित होकर लघु सचिवालय पहुंचे और यहां प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुख्य गेट पर धरना शुरू कर दिया. उधर भूना में भी चंडीगढ़ रोड पर कल किसानों ने जाम लगाया था, जो आज दोपहर तक जारी रहा, बाद में किसानों ने धरना खत्म कर दिया.

धान की खरीद अभी तक शुरू नहीं : किसान नेता मनदीप नथवान ने बताया कि परचेज 27 सितंबर से शुरू हो गई है, लेकिन अभी तक शैलर मिल्र्स से कोई डीलिंग नहीं हुई, जिस कारण सरकारी खरीद नहीं हो रही. निजी तौर पर कम रेटों में धान खरीदा जा रहा है. जिलेभर में धान की खरीद अभी तक शुरू नहीं हो पाई है, जबकि किसान ढेरियां लेकर मंडियों में कई-कई दिनों से बैठे हैं. किसानों को धान में नमी ज्यादा होने की बात कहकर धान नहीं खरीदी जा रही जबकि किसान तय मूल्य से कम पर यदि धान प्राइवेट परचेजर को देता है तो वहीं धान खरीद ली जाती है.

फतेहाबाद में किसानों का धरना (Etv Bharat)

2000 रुपए की रेट से भी नीचे खरीद : किसानों का कहना है कि वे लगातार प्रशासन से खरीद शुरू करवाने की मांग उठा रहे हैं, लेकिन खरीद नहीं हो पा रही. जिस कारण किसानों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. मनदीप नथवान ने कहा कि भाजपा ने कहा था कि 3100 की रेट से ज्यादा पर धान खरीदा जाएगा, जबकि अब रेट 2300 तक तय है और खरीदा 2 हजार से भी नीचे जा रहा है. उन्होंने कहा कि खाद की ब्लैक से भी किसान को लूटने का काम किया जा रहा है.

नूहं में ब्लैक में बिक रही खाद : मेवात में सरसों और गेहूं की फसल की बिजाई का समय नजदीक आते ही डीएपी और यूरिया खाद की मांग बढ़ गई है. सरकारी केंद्रों पर खाद नहीं होने के कारण किसानों को मजबूरी में प्राइवेट दुकानदारों से खरीदना पड़ रहा है. आरोप है कि दुकानदार किसानों से मनमानी रकम वसूल रहे हैं.

किसानों ने बताया कि दुकानदार एक बैग डीएपी खाद के लिए 1650-1750 तक की रकम वसूल रहे हैं. सरकार द्वारा डीएपी खाद का मूल्य 1350 रुपए प्रति बैग और यूरिया का 268 रुपए निर्धारित किया गया है. खाद महंगा मिलने के कारण किसानों को परेशानी हो रही है. किसान अली मोहम्मद डुंगेजा ने बताया कि किसान सरसों की बिजाई के लिए महंगे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर हैं. लाइसेंस से खाद बीज बेचने वाले दुकानदारों ने अपने-अपने गोदाम में डीएपी खाद का स्टॉक किया हुआ है. यह थोड़े कट्टे दुकान पर दिखावे के लिए रखते हैं. विभाग को कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है.

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