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EXPLAINER: किसान संगठनों ने 'दिल्ली चलो' विरोध मार्च का आह्वान किया, जानिए क्या है मांग

Farmers Protest 2024: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत कृषि से जुड़ी अपनी मांगों को लेकर किसान एक बार फिर दिल्ली कूच कर रहे हैं. वहीं आंदोलन को नाकाम करने के लिए सरकार का प्लान क्या है. यहां जाने प्रदर्शन से जुड़े अपडेट्स.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 13, 2024, 1:14 PM IST

नई दिल्ली: किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत खेती से जुड़ी अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर से दिल्ली को घेरने की तैयारी कर ली है. किसानों का कहना है कि वह केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए आज यानी 13 फरवरी को 'चलो दिल्ली' मार्च में शामिल हो रहे हैं. आंदोलन के लिए पंजाब-हरियाणा और अन्य राज्यों से किसान दिल्ली पहुंचने वाले हैं. इसे ध्यान में रखते हुए हरियाणा से लेकर दिल्ली तक की सीमाओं पर कड़ी पहरेदारी है.

दिल्ली 2020-21 में किसानों का एक प्रदर्शन देख चुकी है, जो करीब एक साल तक चला था. इस आंदोलन की वजह से दिल्लीवासियों को ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझना पड़ा था. प्रदर्शन के दौरान 26 जनवरी के दिन हिंसा भी हुई थी. यही वजह है कि सरकार इस बार ऐसा कुछ नहीं होने देना चाहती. किसानों को दिल्ली की सीमाओं से दूर रखने के लिए खास इंतजाम की है. जिससे किसानों के जत्थे को रोका जा सके.

किसान नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में गाजीपुर बॉर्डर पर हुए किसान आंदोलन में बड़ी संख्या में पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसान शामिल थे. हालांकि अभी तक राकेश टिकैत ने आंदोलन को लेकर अपना रुख साफ नहीं किया है.
वहीं पंजाब हरियाणा के साथ कई और राज्यों के किस दिल्ली कूच की तैयारी में हैं. किसान संगठनों ने इस आंदोलन को "चलो दिल्ली" नाम दिया है.

किसानों की ये है मांग

  1. किसान की पहली मांग है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि एसपी के लिए कानून बनाए. एमएसपी गारंटी कानून की किसान लंबे समय से मांग कर रहे हैं.
  2. आंदोलनकारी किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा जल्द स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू किया जाए. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू होने से किसानों को काफी फायदा होगा.
  3. प्रदर्शनकारी किसानों की मांग है किसान कृषि श्रण माफ किया जाए.

एमएसपी (MSP) गारंटी कानून: न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP फसल बिक्री के लिए गारंटी कीमत है. एमएसपी के जरिए फसल बुवाई के वक्त यह तय किया जाता है कि कटाई के बाद फसल किस कीमत पर बाजार में बेची जाएगी. एमएसपी यह पक्का करती है कि किसान को उसकी फसल का मूल्य तय कीमत से कम नहीं मिलेगा, चाहे बाजार में फसल का भाव गिर ही क्यों न जाए. एमएसपी का उद्देश्य किसान को बाजार में फसल की कीमत के उतार-चढ़ाव के नुकसान से बचाना है.

किसानों को रोकने के लिए दिल्ली में तैयारी: 'दिल्ली चलो' मार्च को ध्यान में रखते हुए दिल्ली को किले में तब्दील कर दिया गया है. हरियाणा से लेकर उत्तर प्रदेश से लगने वाली सीमाओं पर नाकेबंदी कर दी गई है. दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर धारा 144 लागू है. दिल्ली को हरियाणा और यूपी से जोड़ने वाले तीनों प्रमुख बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है.

भारत बंद का आह्वान: 16 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चे ने राष्ट्रव्यापी भारत बंद का आह्वान किया है. संयुक्त किसान मोर्चे की इस कॉल को मोर्चे के अंतर्गत आने वाले सभी संगठनों ने सहमति दी है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत भी 16 फरवरी को भारत बंद को सफल बनाने का किसानों से आह्वान किया है.

नई दिल्ली: किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत खेती से जुड़ी अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर से दिल्ली को घेरने की तैयारी कर ली है. किसानों का कहना है कि वह केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए आज यानी 13 फरवरी को 'चलो दिल्ली' मार्च में शामिल हो रहे हैं. आंदोलन के लिए पंजाब-हरियाणा और अन्य राज्यों से किसान दिल्ली पहुंचने वाले हैं. इसे ध्यान में रखते हुए हरियाणा से लेकर दिल्ली तक की सीमाओं पर कड़ी पहरेदारी है.

दिल्ली 2020-21 में किसानों का एक प्रदर्शन देख चुकी है, जो करीब एक साल तक चला था. इस आंदोलन की वजह से दिल्लीवासियों को ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझना पड़ा था. प्रदर्शन के दौरान 26 जनवरी के दिन हिंसा भी हुई थी. यही वजह है कि सरकार इस बार ऐसा कुछ नहीं होने देना चाहती. किसानों को दिल्ली की सीमाओं से दूर रखने के लिए खास इंतजाम की है. जिससे किसानों के जत्थे को रोका जा सके.

किसान नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में गाजीपुर बॉर्डर पर हुए किसान आंदोलन में बड़ी संख्या में पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसान शामिल थे. हालांकि अभी तक राकेश टिकैत ने आंदोलन को लेकर अपना रुख साफ नहीं किया है.
वहीं पंजाब हरियाणा के साथ कई और राज्यों के किस दिल्ली कूच की तैयारी में हैं. किसान संगठनों ने इस आंदोलन को "चलो दिल्ली" नाम दिया है.

किसानों की ये है मांग

  1. किसान की पहली मांग है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि एसपी के लिए कानून बनाए. एमएसपी गारंटी कानून की किसान लंबे समय से मांग कर रहे हैं.
  2. आंदोलनकारी किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा जल्द स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू किया जाए. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू होने से किसानों को काफी फायदा होगा.
  3. प्रदर्शनकारी किसानों की मांग है किसान कृषि श्रण माफ किया जाए.

एमएसपी (MSP) गारंटी कानून: न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP फसल बिक्री के लिए गारंटी कीमत है. एमएसपी के जरिए फसल बुवाई के वक्त यह तय किया जाता है कि कटाई के बाद फसल किस कीमत पर बाजार में बेची जाएगी. एमएसपी यह पक्का करती है कि किसान को उसकी फसल का मूल्य तय कीमत से कम नहीं मिलेगा, चाहे बाजार में फसल का भाव गिर ही क्यों न जाए. एमएसपी का उद्देश्य किसान को बाजार में फसल की कीमत के उतार-चढ़ाव के नुकसान से बचाना है.

किसानों को रोकने के लिए दिल्ली में तैयारी: 'दिल्ली चलो' मार्च को ध्यान में रखते हुए दिल्ली को किले में तब्दील कर दिया गया है. हरियाणा से लेकर उत्तर प्रदेश से लगने वाली सीमाओं पर नाकेबंदी कर दी गई है. दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर धारा 144 लागू है. दिल्ली को हरियाणा और यूपी से जोड़ने वाले तीनों प्रमुख बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है.

भारत बंद का आह्वान: 16 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चे ने राष्ट्रव्यापी भारत बंद का आह्वान किया है. संयुक्त किसान मोर्चे की इस कॉल को मोर्चे के अंतर्गत आने वाले सभी संगठनों ने सहमति दी है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत भी 16 फरवरी को भारत बंद को सफल बनाने का किसानों से आह्वान किया है.

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