लातेहारः जिले के किसान अब ड्रैगन फ्रूट्स जैसे कीमती फलों का उत्पादन करेंगे. लातेहार जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी विवेक मिश्रा की पहल पर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत प्रायोगिक तौर पर लातेहार के भूसुर पंचायत में 1 एकड़ भूमि में ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा रही है.
दरअसल लातेहार जिला कृषि के क्षेत्र में अब तक पिछड़ा जिला समझा जाता था. यहां के किसान मात्र पारंपरिक कृषि तक ही सीमित थे. परंतु अब लातेहार जिले के किसान आधुनिक खेती की ओर अग्रसर हो गए हैं. इसी कड़ी में लातेहार जिले के भूसुर पंचायत में किसान पहली बार ड्रैगन फ्रूट्स की खेती कर रहे हैं. प्रारंभिक चरण में ड्रैगन फ्रूट की खेती सफल होती दिख रही है. यदि यह प्रयोग सफल हुआ तो आने वाले भविष्य में लातेहार जिले के किसान मालामाल होंगे.
भूमि संरक्षण विभाग से मिला प्रोत्साहन तो किसानों ने की खेती
दरअसल भूमि संरक्षण विभाग के द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत विभिन्न प्रकार की आधुनिक खेती से किसानों को जोड़ा जा रहा है. इसी कड़ी में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के प्रति भी किसानों को जागरूक किया जा रहा था. स्थानीय किसान संदीप प्रसाद ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट्स की खेती को बढ़ावा देने की जानकारी जब उन्हें मिली तो उन्होंने जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी विवेक मिश्रा से मिलकर पूरी जानकारी ली. भूमि संरक्षण पदाधिकारी ने उन्हें प्रोत्साहित किया और एक एकड़ भूमि में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने की सलाह दी. भूमि संरक्षण पदाधिकारी के द्वारा इसके लिए हर प्रकार की मदद भी करने की बात कही गई. पदाधिकारी के प्रोत्साहन के बाद संदीप प्रसाद ने अपने खेतों में ड्रैगन फ्रूट की खेती आरंभ कर दी है. संदीप प्रसाद ने बताया कि आने वाले 2 वर्षों के बाद उनके खेतों में ड्रैगन फ्रूट्स का उत्पादन आरंभ हो जाएगा. इससे उन्हें काफी अच्छी आमदनी भी होगी.
25 वर्षों तक मिलता रहेगा फल, किसानों को 6 से 7 लाख रुपए की होगी आमदनी
इधर इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी विवेक मिश्रा ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की खेती लातेहार जैसे जिले के लिए काफी फायदेमंद है. उन्होंने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की खेती में सिंचाई की बहुत अधिक जरूरत नहीं होती है. इसके अलावे एक बार पौधा लगाए जाने के बाद आने वाले 25 वर्षों तक वह लगातार फल देते रहता है. उन्होंने कहा कि ड्रैगन फ्रूट्स खुले बाजार में 200 से लेकर 300 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बिकता है. इससे किसानों को प्रति एकड़ लगभग 6 से 7 लाख रुपए तक आमदनी होगी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रायोगिक तौर पर एक एकड़ भूमि में किसान संदीप प्रसाद के द्वारा ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा रही है. आने वाले दिनों में अन्य किसान भी इस खेती से जुड़ेंगे. उन्होंने कहा कि ड्रैगन फ्रूट में औषधीय गुण भी पाए जाते हैं, जो किसी जख्म को भरने में अथवा को मधुमेह कंट्रोल करने में काफी फायदेमंद होते हैं.