हजारीबाग : पेठे का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है. आम तौर पर आगरा का पेठा पूरे देश में मशहूर है. यहां का पेठा विदेशों में निर्यात किया जाता है. लेकिन अब वह दिन दूर नहीं जब लोग हजारीबाग के पेठे का भी स्वाद चखेंगे. हजारीबाग एनएच 33 डेमोटांड के पास सड़क किनारे किसानों ने जमीन लीज पर लेकर पेठा बनाने की फैक्ट्री खोली है. इसका स्वाद आगरा के पेठे से कम नहीं है.
हजारीबाग अपने व्यंजनों के लिए पूरे देश में मशहूर है. आम तौर पर हजारीबाग के बरा और कचरी की चर्चा पूरे देश में होती रही है. अब पेठे की बारी है. हजारीबाग के एनएच 33 डेमोटांड के पास किसानों ने पेठा बनाने की फैक्ट्री खोली है. यहां का पेठा आगरा के पेठे से कम नहीं है. आगरा से ही सीख लेकर किसानों ने हजारीबाग में पेठे का कारोबार शुरू किया है.
हजारीबाग में पेठे को मुरब्बा के नाम से जाना जाता है. बिहार से आए लोग मुरब्बा बनाने में लगे हैं. सड़क से गुजरने वाले लोग यहां जरूर रुकते हैं, और यहां के पेठे का स्वाद लेते हैं.
मुरब्बा बनाने वाले दीपक कुमार बताते हैं कि वे बिहार के गया जिले के मोहना के रहने वाले हैं. शुरुआत में वे आगरा में पेठा मिठाई बनाते थे. बाद में पिछले 15 सालों से वे अपनी खुद की दुकान चला रहे हैं. अब वे हजारीबाग में रोजाना करीब 5 क्विंटल मुरब्बा तैयार करते हैं. इसके लिए उत्तर प्रदेश से भतुआ मंगाया जाता है. अब दुकान में रोजाना पांच कारीगर काम करते हैं.
उन्होंने बताया कि यहां बनने वाली मुरब्बा मिठाई की मांग पूरे झारखंड में है. झारखंड के अलावा इसकी आपूर्ति बिहार में भी होती है. सर्दी के मौसम में इस मिठाई की मांग और भी बढ़ जाती है. लेकिन इसे बनाना आसान काम नहीं है. तेज आंच वाली भट्ठी के सामने दिनभर काम करना पड़ता है. अभी मुरब्बा 150 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.
यह भी पढ़ें:
चिल्लर से मिलेगी जानकारी, सूचना के बदले 27 हजार सिक्के! जानें, क्या है माजरा