करनाल: हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के द्वारा किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन करने के लिए समय-समय पर अनुदान पर कृषि यंत्र दिए जाते हैं, ताकि किसान फसल अवशेष में आग ना लगाकर उनका प्रबंधन करें, जिसके चलते उनके खेत की मिट्टी उपजाऊ बनी रहे और फसल की पैदावार अच्छी हो. आईए जानते हैं कि कौन-कौन से कृषि यंत्र आप अनुदान पर ले सकते हैं. किस वर्ग के लोग इसका लाभ ले सकते हैं और क्या हैं आवेदन के नियम.
कृषि यंत्रों पर अनुदान: जिला कृषि एवं कल्याण विभाग के जिला उपनिदेशक डॉक्टर वजीर सिंह ने बताया कि किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन करने के लिए समय-समय पर जागरूक किया जाता है. इसके साथ-साथ किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन करने के लिए कृषि यंत्र दिए जाते हैं. जिसकी सहायता से वो अपने फसल अवशेष का आसानी से प्रबंध कर सकते हैं. जिसमें उनके समय और पैसे दोनों की बचत होती है.
फसल अवशेष प्रबंधन योजना: कृषि अधिकारी ने बताया कि 2024-25 वर्ष के लिए किसानों से आवेदन आमंत्रित (Subsidy On Agricultural Equipment) किए गए हैं. जिसमें किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत कृषि यंत्र पर व्यक्तिगत किसानों को सुपर सीडर तथा बिलिंग यूनिट पर 50% अनुदान दिया जाएगा. बिलिंग यूनिट में कहीं कृषि यंत्र होते हैं. जिसकी सहायता से वो फसल अवशेष प्रबंधन आसानी से करते हैं.
कितना दिया जाता है अनुदान? जिला कृषि उपनिदेशक ने बताया कि मौजूदा समय में जो फसल अवशेष प्रबंधन के कृषि यंत्र के लिए आवेदन मांगे गए हैं. वो व्यक्तिगत किसान के लिए मांगे गए हैं. कुछ ऐसी योजनाएं भी होती हैं. जिसमें किसानों का एक समूह होता है. वो उसके लिए आवेदन करता है, लेकिन अगर कोई अकेला किसान भी इसका लाभ लेना चाहता है, तो उसके लिए सरकार 50% अनुदान दे रही है. अगर कोई मशीन 80000 की है, तो उस पर 40 हजार रुपये सरकार अनुदान दे रही है. उसको उसकी मात्र 40000 कीमत ही अदा करनी होगी.
इस योजना का कौन ले सकता है लाभ? जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि इस योजना का लाभ के लिए किसी भी वर्ग के किसान आवेदन कर सकते हैं, लेकिन कृषि विभाग के द्वारा उसके ऊपर कुछ शर्त रखी गई है. जिस किसान भाई ने मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रबी सीजन और खरीफ सीजन 2024 का दौरान पंजीकरण किया हुआ है. वही किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए पत्र होगा. एक किसान केवल एक परिवार पहचान पत्र के आधार पर एक बार ही आवेदन कर सकता है. मतलब ये कि अगर फैमिली आईडी में अगर चार लोग परिवार के सदस्य के रूप में शामिल हैं, तो उनमें से केवल एक व्यक्ति ही इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकता है.
इन दस्तावेजों का होना जरूरी: आवेदन करने के लिए किसान के पास हरियाणा में रजिस्टर ट्रैक्टर की वैध आरसी, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाते का विवरण होना जरूरी है. ये सभी मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर दर्ज हो. इसके साथ फसल अवशेष ना जलाने की शपथ पत्र, किसान द्वारा पिछले 3 सालों से इस मशीन पर भारत सरकार एवं हरियाणा सरकार के किसी भी विभाग से अनुदान ना लिया हो. ये शर्त शामिल है.
कब तक कर सकते हैं आवेदन? जो भी किसान इन सभी शर्तों के अनुसार लाभ लेने के योग्य हो, तो वो हरियाणा कृषि विभाग के पोर्टल www.agriharyana.gov.in पर 4 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन कर सकता है. आवेदन करने के बाद जिला कृषि विभाग वरीयता सूची ऑनलाइन ड्रॉ के माध्यम से जिला स्तरीय कार्यकारिणी कमेटी के द्वारा निर्णय लिया जाता है कि कौन किसान इस योजना का लाभ लेने के योग्य है या नहीं. कृषि यंत्र देने के लिए जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाती है, जो इसका निर्णय करती है.
कैश पेमेंट मान्य नहीं: चयनित किसानों को पोर्टल पर अपलोड किए गए दस्तावेजों के प्रति सहायक कृषि अभियंता कार्यालय में जमा करानी होती है. उसके बाद किसान अपनी पसंद के किसी भी निर्माता डीलर जिसकी भारत सरकार के मान्यता प्राप्त संस्थान से वैध टेस्ट रिपोर्ट हो, उसे चुन सकता है. किसानों को ऑनलाइन मोड/ बैंक/ चेक द्वारा मशीन की पेमेंट करनी होगी. कैश पेमेंट मान्य नहीं होगी.
इसके अलावा जिन मशीनों के अनुदान राशि एक लाख रुपये से ऊपर होगी, उसका 70% अनुदान राशि भौतिक सत्यापन के बाद तथा 30% अनुदान राशि 15 जनवरी के बाद पुनः भौतिक सत्यापन के उपरांत जारी करने का प्रावधान रखा गया है. जिसके चलते निर्माता वैलिड टेस्ट रिपोर्ट के साथ विभाग पोर्टल पर रजिस्टर करवा सकते हैं. अगर किसी किसान को इस बारे में कोई जानकारी लेनी है, तो वो कृषि विभाग या सहायक कृषि अभियंता में जाकर इस बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है और इस योजना का लाभ ले सकता है.