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कांकेर में पानी की कमी के कारण किसानों का फसल हो रहा बर्बाद, जमीन पर पड़ी दरारें - नव चेतना कृषक समिति

Farmers Crop loss due to lack of water in Kanker:कांकेर में बिजली और पानी की कमी के कारण किसानों के फसल को नुकसान हो रहा है. अब ये किसान प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

Farmers Crop loss due to lack of water in Kanker
कांकेर में पानी की कमी के कारण किसानों का फसल हो रहा बर्बाद
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 22, 2024, 7:42 PM IST

कांकेर: जिले के 21 किसानों की 50 एकड़ जमीन पर धान की फसल बर्बाद होने की कगार पर है. बिजली समस्या के कारण पानी की किल्लत इन किसानों को झेलनी पड़ रही है. ऐसे में इन किसानों का धान का फसल बर्बाद हो रहा है.

बढ़ती जा रही किसानों की समस्या: दरअसल, कांकेर के कोयलीबेड़ा क्षेत्र के बदरंगी पटेलपारा में समूह की ओर से खेती के लिए 18 किसानों के लिए नव चेतना कृषक समिति को 2020 से विभिन्न विभागों द्वारा कई सुविधाएं मुहैया कराई गई थी. इसमें आरईएस के माध्यम से खेतों का घेरा, क्रेडा विभाग द्वारा सोलर पंप, कृषि विभाग की ओर से बोर खनन, उद्यानिकी विभाग की ओर से शेड निर्माण कराया गया. इसके जरिए समिति सामूहिक खेती के माध्यम से किसानों के जीवन स्तर को सुधार कर किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही थी. हालांकि सामूहिक खेती का दायरा जो 450 एकड़ में फैला है, धीरे-धीरे सिमटता जा रहा है.वहीं, किसानों की समस्या कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है.

पानी की कमी से फसल हो रहा बर्बाद: इस साल गांव में कुल 21 किसानों ने लगभग 50 एकड़ भूमि पर धान का फसल लगाया है. दिसंबर जनवरी में लगाए इन फसलों में माह भर बाद ही पानी की समस्या बनी हुई है. किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. बिजली विभाग को कई बार सूचना पर ट्रांसफार्मर की आधी-अधूरी मरम्मत से अब किसान बोर नहीं चल पा रहे हैं. बोर न चलने से जमीन पर दरारें पड़ने लगी है. धान के फसल के लिए सोलर पम्प से पानी की पूर्ति नहीं हो पा रही है. मेंटनेंस के अभाव में अधिकतर किसानों के सोलर पंप भी खराब हो चुके हैं. ऐसे में अब इन किसानों की मांग है कि जल्द से जल्द उनकी पानी की समस्या दूर की जाए. इसके लिए लगातार किसान आवेदन कर रहे हैं.

फसल बचाना किसानों के लिए बड़ी चुनौती: इस बारे में नव चेतना कृषक समिति के अध्यक्ष देशीराम कोरेटी ने जानकारी दी कि समूह कृषि के लिए बदरंगी पटेलपारा के 18 किसानों का लगभग 450 एकड़ भूमि में घेराव किया गया है. इनमें 50 एकड़ में इस साल धान की फसल लगाई गई है. हालांकि बिजली न होने से बोर नहीं चलाया जा रहा है. पानी की कमी से जमीन पर दरारें पड़ गई है. किसानों को फसल की चिंता हो रही है. गांव में एक मात्र ट्रांसफार्मर है, जिसमें 26 बोर चलते हैं. पूरे बस्ती का बिजली इसी पर निर्भर है. फसल बचाना किसानों के लिए चुनौती बन गई है.

कृषक समूह की ओर से बीते चार सालों से लगातार खरीफ और रबी की फसल लिए जा रहे थे. हालांकि इस साल बिजली समस्या होने से धान, उड़द मक्के की फसल को नुकसान हो रहा है. अगर समय पर पानीं नही मिला तो हम सभी किसानों को लाखों का नुकसान होगा. -लच्छन उसेंडी, समिति सदस्य, नव चेतना कृषक समिति

बता दें कि नव चेतना कृषक समिति में कुल 18 सदस्य हैं. ये सभी किसान हैं. इन किसानों के सामने अपनी फसल को बचाना बड़ी चुनौती है. ये किसान लगातार प्रसाशन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

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कांकेर: जिले के 21 किसानों की 50 एकड़ जमीन पर धान की फसल बर्बाद होने की कगार पर है. बिजली समस्या के कारण पानी की किल्लत इन किसानों को झेलनी पड़ रही है. ऐसे में इन किसानों का धान का फसल बर्बाद हो रहा है.

बढ़ती जा रही किसानों की समस्या: दरअसल, कांकेर के कोयलीबेड़ा क्षेत्र के बदरंगी पटेलपारा में समूह की ओर से खेती के लिए 18 किसानों के लिए नव चेतना कृषक समिति को 2020 से विभिन्न विभागों द्वारा कई सुविधाएं मुहैया कराई गई थी. इसमें आरईएस के माध्यम से खेतों का घेरा, क्रेडा विभाग द्वारा सोलर पंप, कृषि विभाग की ओर से बोर खनन, उद्यानिकी विभाग की ओर से शेड निर्माण कराया गया. इसके जरिए समिति सामूहिक खेती के माध्यम से किसानों के जीवन स्तर को सुधार कर किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही थी. हालांकि सामूहिक खेती का दायरा जो 450 एकड़ में फैला है, धीरे-धीरे सिमटता जा रहा है.वहीं, किसानों की समस्या कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है.

पानी की कमी से फसल हो रहा बर्बाद: इस साल गांव में कुल 21 किसानों ने लगभग 50 एकड़ भूमि पर धान का फसल लगाया है. दिसंबर जनवरी में लगाए इन फसलों में माह भर बाद ही पानी की समस्या बनी हुई है. किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. बिजली विभाग को कई बार सूचना पर ट्रांसफार्मर की आधी-अधूरी मरम्मत से अब किसान बोर नहीं चल पा रहे हैं. बोर न चलने से जमीन पर दरारें पड़ने लगी है. धान के फसल के लिए सोलर पम्प से पानी की पूर्ति नहीं हो पा रही है. मेंटनेंस के अभाव में अधिकतर किसानों के सोलर पंप भी खराब हो चुके हैं. ऐसे में अब इन किसानों की मांग है कि जल्द से जल्द उनकी पानी की समस्या दूर की जाए. इसके लिए लगातार किसान आवेदन कर रहे हैं.

फसल बचाना किसानों के लिए बड़ी चुनौती: इस बारे में नव चेतना कृषक समिति के अध्यक्ष देशीराम कोरेटी ने जानकारी दी कि समूह कृषि के लिए बदरंगी पटेलपारा के 18 किसानों का लगभग 450 एकड़ भूमि में घेराव किया गया है. इनमें 50 एकड़ में इस साल धान की फसल लगाई गई है. हालांकि बिजली न होने से बोर नहीं चलाया जा रहा है. पानी की कमी से जमीन पर दरारें पड़ गई है. किसानों को फसल की चिंता हो रही है. गांव में एक मात्र ट्रांसफार्मर है, जिसमें 26 बोर चलते हैं. पूरे बस्ती का बिजली इसी पर निर्भर है. फसल बचाना किसानों के लिए चुनौती बन गई है.

कृषक समूह की ओर से बीते चार सालों से लगातार खरीफ और रबी की फसल लिए जा रहे थे. हालांकि इस साल बिजली समस्या होने से धान, उड़द मक्के की फसल को नुकसान हो रहा है. अगर समय पर पानीं नही मिला तो हम सभी किसानों को लाखों का नुकसान होगा. -लच्छन उसेंडी, समिति सदस्य, नव चेतना कृषक समिति

बता दें कि नव चेतना कृषक समिति में कुल 18 सदस्य हैं. ये सभी किसान हैं. इन किसानों के सामने अपनी फसल को बचाना बड़ी चुनौती है. ये किसान लगातार प्रसाशन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

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