जींद: बधाना एपी फीडर (एग्रीकल्चर फीडर) पर करीब एक सप्ताह से बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से नe चलने से गुस्साए नगूरां गांव के किसानों ने सड़क के बीचों बैठकर जाम लगा दिया. ग्रामीणों ने निगम प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और नगूरां बिजली पावर हाउस के सामने जींद-कैथल मार्ग पर काफी देर तक चक्का जाम किया.
जाम की सूचना मिलते ही अलेवा थाना प्रभारी बनवारी लाल और नगूरां निगम एसडीओ आन्नंद कुमार मौके पर पहुंचे. उन्होंने किसानों को खेतों की निर्बाध रूप से सप्लाई देने का आश्वासन देकर करीब एक घंटे बाद जाम खुलवा दिया. किसानों का कहना था कि अगर शाम तक उनकी बिजली समस्या का समाधान नहीं हुआ तो दोबारा से किसान मार्ग जाम करने पर मजबूर होंगे. जाम के कारण सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी लाइने लग गईं.
जाम लगा रहे नगूरां गांव के किसानों ने बताया कि करीब एक सप्ताह से बधाना एपी फीडर ( एग्रीकल्चर फीडर) पर किसानों को सुचारू से बिजली आपूर्ति नहीं मिल रही है. किसानों का कहना था कि धान का सीजन होने के बावजूद बधाना एपी फीडर पर करीब एक सप्ताह से बिजली सुचारू रूप से नहीं चल रही है. खेतों में लगाई धान की पौध सूख गई है. निगम प्रशासन द्वारा किसानों को शेड्यूल के हिसाब से बिजली नहीं देकर केवल दो से तीन घंटे ही सप्लाई दी जा रही है. मामले को लेकर शेड्यूल के हिसाब से बिजली देने के बारे में बात कही जाती है तो कर्मचारियों कोई संतोषजनक जवाब नहीं देते.
पुलिस ने वाहनों को किया डायवर्ट
पुलिस ने जींद-कैथल मार्ग पर लगे जाम के कारण यात्रियों की सुरक्षा के लिए वाहनों को शाहपुर वाया जीवनपुर डायवर्ट कर नगूरां के लिए रवाना किया. हालांकि दुपहिया वाहन चालक लंबे रूट से बचने के लिए खेतों के रास्ते अपने गंतव्य तक पहुंचते दिखाई दिए. जाम लगा रहे किसानों ने एंबुलेंस या फिर जरूरी सामान वाले वाहनों को जाम के रास्ते से ही गुजरने दिया. यात्रियों को जाम के दौरान किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए पीने के पानी के भी पुख्ता प्रबंध दिखाई दिए.
कर्मचारियों पर परेशान करने का आरोप
किसानों ने बताया कि आए दिन कर्मचारी लाइन में फाल्ट आने का बहाना बनाकर उनकी तरफ चलने वाली लाइन का हैंडल काट देते हैं और दूसरी लाइन के लोगों को जानबूझकर शैड्यूल के हिसाब से भी ज्यादा बिजली आपूर्ति की जाती है. जिसके कारण किसानों ने कई बार कर्मचारियों तथा अधिकारियों को इसकी जानकारी दी लेकिन कर्मचारियों तथा अधिकारियों ने उनकी बातों की तरफ किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया. जिसके कारण किसानों ने कर्मचारियों तथा अधिकारियों पर उनकी लाइन के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए हैं. जक्का जाम के बाद निगम एसडीओ ने किसानों की शिकायत पर जांच करने की बात कही है.