अंबाला: पराली जलाने के मामलों पर रोक लगाने के लिए हरियाणा की नायब सरकार ने कड़ा फैसला लिया है. जिसके तहत पराली जलाने वाले किसानों पर FIR तो दर्ज की ही जाएगी, साथ ही किसान की फसल MSP पर नहीं खरीदी जाएगी. सरकार का यह फैसला अब एक बार फिर किसानों की नाराजगी का कारण बन रहा है. ऐसे में किसानों ने सूबे की नायब सरकार को दो टूक चेतावनी दी है.
"मशीनें उपलब्ध करवाएं तो कोई किसान नहीं जलाएगा पराली" : भारतीय किसान मजदूर यूनियन के प्रधान सुरेश कौथ आज अम्बाला शहर की अनाज मंडी पहुंचे, जहां उन्होंने धान खरीद और मंडी की व्यवस्था का भी जायजा लिया. इस दौरान किसान नेता सुरेश कौथ पराली जलाने को लेकर किए गए सरकार के फैसले से भी नाखुश दिखाई दिए. उन्होंने प्रदेश की नई नवेली सरकार के मुखिया नायब सैनी को भी दो टूक चेतावनी दे डाली. सुरेश कौथ ने कहा कि अगर सरकार हर गांव में पराली प्रबंधन के लिए मशीनें उपलब्ध करवाएगी तो कोई किसान पराली नहीं जलाएगा. लेकिन सरकार कोई व्यवस्था नहीं करती. उन्होंने कहा कि एक बार हमारी धान बिक जाने दो, फिर हम सैनी साहब(मुख्यमंत्री) को सीधें बता देंगे.
"प्रदूषण के लिए किसानों से ज्यादा उद्योग जिम्मेदार" : सुरेश कौथ ने कहा कि आज प्रदूषण के पीछे किसान से ज्यादा उद्योग जिम्मेदार हैं. रही बात फसल बिकवाने की तो वो हम एक-एक दाना बिकवा लेंगे. इस दौरान उन्होंने धान खरीद में मॉइश्चर के नाम पर लगाये जा रहे कट को लेकर भी नाराजगी जाहिर की. वहीं, शंभू बॉर्डर को लेकर सुरेश कोथ ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर बैठे किसान संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा नहीं हैं. वो एक अलग संगठन है.
"... तो शायद कांग्रेस की सरकार बनती": चुनाव में भाजपा की जीत को लेकर उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस मुख्यमंत्री पद की लड़ाई पहले न छेड़ती तो जरूर कांग्रेस को फायदा होता. वहीं, सुरेश कौथ ने अम्बाला के किसान नेता सुखविंदर सिंह जलबेड़ा को अपनी यूनियन का जिला प्रधान भी नियुक्त किया.
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