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धमतरी जल जगार से प्रभावित हुए किसान, दलहन तिलहन फसल की खेती को लेकर रखी शर्त - DHAMTARI FARMERS DEMAND

धमतरी जल जगार महोत्सव से प्रभावित हुए किसानों ने दलहन तिलहन फसल को लेकर प्रशासन के सामने शर्त रखी है.

Dhamtari farmers demand market
धमतरी जल जगार से प्रभावित हुए किसान (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 7, 2024, 8:48 PM IST

धमतरी: छत्तीसगढ़ सरकार कई सालों से धमतरी के किसानों से फसल चक्र में परिवर्तन की अपील कर रही है. अब ये किसान खुद फसल चक्र परिवर्तन के समर्थन में सामने आ रहे हैं. धमतरी में किसान संगठनों ने फसल चक्र परिवर्तन का समर्थन किया है. हालांकि किसानों ने कुछ शर्तें सरकार के सामने रखी है. धमतरी जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए किसानों ने मांग की है कि वह धान की जगह दलहन और तिलहन की फसल करने के लिए तैयार हैं. साथ ही जल संरक्षण का वह समर्थन भी करते हैं.

धमतरी के किसानों ने की ये मांग: धमतरी के किसानों ने अपनी समस्या सरकार के सामने रखी है. किसानों ने मांग की है कि दलहन-तिलहन के लिए उन्हें समर्थन मूल्य सरकार दे. साथ ही साथ फसल को बेचने के लिए सही मंडी भी उपलब्ध कराए, जिससे किसानों की मेहनत का उन्हें भरपूर दाम मिल सके. साथ ही अत्यधिक पानी के दोहन वाले धान की फसलों से छुटकारा मिल सके. इससे पानी का संरक्षण भी होगा. साथ ही दलहन-तिलहन की उपज बढ़ेगी और किसान समृद्ध होंगे. धमतरी कलेक्टर ने किसानों के मांग की सराहना की है. साथ ही इस मांग से शासन को अवगत कराने की बात कही है.

दलहन तिलहन फसल को लेकर रखी ये शर्त (ETV Bharat)

धान की खेती में बहुत ज्यादा लागत भी आती है और रासायनिक खाद दवा का प्रयोग बहुत ज्यादा मात्रा में किसान कर रहे हैं. इस कारण मिट्टी के गुणवत्ता और मिट्टी की शक्ति खराब हो रही है. रासायनिक खाद और दवाई के कारण वातावरण भी दूषित हो रहा है. हम किसान भी धान की खेती नहीं करना चाहते, मजबूरी में करते हैं. अगर हम फसल परिवर्तन कर दलहन तिलहन, चना, गेहूं, उड़द, मूंग की खेती करते हैं तो हमें बाजार उपलब्ध नहीं हो पाता औने पौने में बेचना पड़ता है. :लीलाराम साहू, किसान नेता

धान की खेती में पानी की खपत अधिक: दरअसल धमतरी के किसान सोमवार को कलेक्टरेट पहुंचे और ज्ञापन सौपा. ज्ञापन सौंपने आए किसान लीलाराम साहू ने कहा कि अधिकांश किसान रवि फसल में धान की खेती करते हैं, जिसका किसानों को बाजार उपलब्ध हो जाता है. इस कारण ज्यादा से ज्यादा किसान धान की खेती करना पसंद करते हैं. लेकिन धान की खेती में जल का दोहन बहुत ज्यादा मात्रा में होता है. इससे भविष्य में जल की संकट उत्पन्न हो सकती है. लगातार जल स्तर नीचे गिर रहा है.

यह किसानों की अच्छी पहल है. जल जगार जल संरक्षण के प्रति चलाए गए अभियान के बाद किसान फसल परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. किसानों को सही समय पर बीज उपलब्ध हो जाए, इसके लिए प्रयास किया जाएगा. समर्थन मूल्य और मंडी की मांग शासन स्तर का मामला है, इसके लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा. : नम्रता गांधी, कलेक्टर धमतरी

साल 2017 में हुआ था घाटा: किसान नेता घनाराम साहू ने कहा कि साल 2017 में शासन की ओर से किसानों को फसल परिवर्तन कर दलहन तिलहन लगाने को कहा गया था. जिले के 95 फीसद किसान दलहन तिलहन लगाए थे, लेकिन किसानों को औने पौने में अपनी फसल बेचनी पड़ी थी. किसानों को काफी घाटा हुआ था, जिसकी भरपाई किसान कई सालों में नहीं कर पाए. जल जगार, जल संरक्षण एवं फसल परिवर्तन का हम समर्थन करते हैं, लेकिन हमें फसल का वाजिब दाम भी मिलना चाहिए. बाजार भी उपलब्ध होना चाहिए. सरकार से निवेदन है कि चना, गेहूं, दलहन, तिलहन, उड़द, मूंग को समर्थन मूल्य की दर पर खरीदे. निश्चित रूप से इससे किसान फसल परिवर्तन के लिए सहमत होंगे.

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धमतरी के किसानों ने की ये मांग: धमतरी के किसानों ने अपनी समस्या सरकार के सामने रखी है. किसानों ने मांग की है कि दलहन-तिलहन के लिए उन्हें समर्थन मूल्य सरकार दे. साथ ही साथ फसल को बेचने के लिए सही मंडी भी उपलब्ध कराए, जिससे किसानों की मेहनत का उन्हें भरपूर दाम मिल सके. साथ ही अत्यधिक पानी के दोहन वाले धान की फसलों से छुटकारा मिल सके. इससे पानी का संरक्षण भी होगा. साथ ही दलहन-तिलहन की उपज बढ़ेगी और किसान समृद्ध होंगे. धमतरी कलेक्टर ने किसानों के मांग की सराहना की है. साथ ही इस मांग से शासन को अवगत कराने की बात कही है.

दलहन तिलहन फसल को लेकर रखी ये शर्त (ETV Bharat)

धान की खेती में बहुत ज्यादा लागत भी आती है और रासायनिक खाद दवा का प्रयोग बहुत ज्यादा मात्रा में किसान कर रहे हैं. इस कारण मिट्टी के गुणवत्ता और मिट्टी की शक्ति खराब हो रही है. रासायनिक खाद और दवाई के कारण वातावरण भी दूषित हो रहा है. हम किसान भी धान की खेती नहीं करना चाहते, मजबूरी में करते हैं. अगर हम फसल परिवर्तन कर दलहन तिलहन, चना, गेहूं, उड़द, मूंग की खेती करते हैं तो हमें बाजार उपलब्ध नहीं हो पाता औने पौने में बेचना पड़ता है. :लीलाराम साहू, किसान नेता

धान की खेती में पानी की खपत अधिक: दरअसल धमतरी के किसान सोमवार को कलेक्टरेट पहुंचे और ज्ञापन सौपा. ज्ञापन सौंपने आए किसान लीलाराम साहू ने कहा कि अधिकांश किसान रवि फसल में धान की खेती करते हैं, जिसका किसानों को बाजार उपलब्ध हो जाता है. इस कारण ज्यादा से ज्यादा किसान धान की खेती करना पसंद करते हैं. लेकिन धान की खेती में जल का दोहन बहुत ज्यादा मात्रा में होता है. इससे भविष्य में जल की संकट उत्पन्न हो सकती है. लगातार जल स्तर नीचे गिर रहा है.

यह किसानों की अच्छी पहल है. जल जगार जल संरक्षण के प्रति चलाए गए अभियान के बाद किसान फसल परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. किसानों को सही समय पर बीज उपलब्ध हो जाए, इसके लिए प्रयास किया जाएगा. समर्थन मूल्य और मंडी की मांग शासन स्तर का मामला है, इसके लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा. : नम्रता गांधी, कलेक्टर धमतरी

साल 2017 में हुआ था घाटा: किसान नेता घनाराम साहू ने कहा कि साल 2017 में शासन की ओर से किसानों को फसल परिवर्तन कर दलहन तिलहन लगाने को कहा गया था. जिले के 95 फीसद किसान दलहन तिलहन लगाए थे, लेकिन किसानों को औने पौने में अपनी फसल बेचनी पड़ी थी. किसानों को काफी घाटा हुआ था, जिसकी भरपाई किसान कई सालों में नहीं कर पाए. जल जगार, जल संरक्षण एवं फसल परिवर्तन का हम समर्थन करते हैं, लेकिन हमें फसल का वाजिब दाम भी मिलना चाहिए. बाजार भी उपलब्ध होना चाहिए. सरकार से निवेदन है कि चना, गेहूं, दलहन, तिलहन, उड़द, मूंग को समर्थन मूल्य की दर पर खरीदे. निश्चित रूप से इससे किसान फसल परिवर्तन के लिए सहमत होंगे.

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