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श्रीगंगानगर : राहत के इंतजार में किसान, व्यापारी और छात्र, किसान आंदोलन के चलते राजस्थान-पंजाब बॉर्डर 15 दिनों से बंद - Rajasthan Punjab Border Closed

Farmer Protest 2024, राजस्थान के श्रीगंगानगर में किसान, व्यापारी और छात्र राहत के इंतजार में हैं. किसान आंदोलन के चलते राजस्थान-पंजाब बॉर्डर 15 दिनों से बंद है, जिसके कारण लोगों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

Farmer Protest 2024
राजस्थान पंजाब बॉर्डर 15 दिनों से बंद
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 27, 2024, 2:15 PM IST

श्रीगंगनगर. किसान आंदोलन के चलते श्रीगंगानगर में प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राजस्थान-पंजाब बॉर्डर की साधुवाली चैक पोस्ट को 13 फरवरी से लगातार बंद किया हुआ है. ऐसे में राजस्थान से पंजाब आने जाने वाले यात्रियों के साथ-साथ किसानों और छात्रों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

गाजर, किन्नू और अन्य वस्तुओं का रुका परिवहन : राजस्थान से पंजाब और अन्य राज्यों को इस रास्ते से गाजर और किन्नू और गाजर का होने वाला परिवहन भी रुक गया है. ऐसे में गाजर और किन्नू के दामों में भारी कमी आ गई है. किसानो का कहना है कि बॉर्डर बंद होने से देश के दूर दराज के हिस्सों में गाजर और किन्नू भेजना मुश्किल हो गया है. दूसरे रास्तों से भेजने पर ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट काफी अधिक हो जाती है और व्यापारी फसल नहीं खरीदते.

पढ़ें : राजस्थान-पंजाब बॉर्डर पर ट्रैक्टर लेकर पहुंचे किसान, केंद्र सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

किसानों ने बताया कि गाजर के दाम 1200 रुपये प्रति किंवटल से गिर कर 150 रुपये प्रति किंवटल तक हो गए हैं. वहीं, किन्नू के दाम भी 2000 रुपये प्रति किंवटल से गिर कर पांच-छह सौ रुपये प्रति किंवटल तक हो गए हैं. किसानों का कहना है कि यह फसल भी पांच-सात दिन में खराब होने लगती है. ऐसे में कम दामों में फसल बेचनी पड़ रही है या फिर पशुओं को खिलानी पड़ रही है.

व्यापारी और छात्र भी खासे परेशान : किसानों के साथ-साथ राजस्थान से पंजाब आने जाने वाले लोग भी खासे परेशान हैं. 13 फरवरी से लगातार बॉर्डर बंद रहने से पंजाब रोडवेज की बसें पंजाब सीमा तक आती हैं और उसके बाद यात्री पैदल तीन से चार किलोमीटर का सफर तय करने के बाद राजस्थान सीमा में आकर ऑटो से राजस्थान में जाते हैं. बॉर्डर के आस पास के दुकानदारों का कारोबार भी ठप्प हो गया है. वहीं, पंजाब सीमा में संचलित हो रहे नर्सिंग और आईटीआई कालेज के छात्र भी काफी परेशान है उनका कहना है कि या तो पैदल चार किलोमीटर चलना पड़ता है या फिर दस से पंद्रह किलोमीटर अतिरिक्त रास्ता तय करना पड़ता है. ठीक इसी तरह पंजाब और राजस्थान के लोग एक दूसरे राज्य में नौकरी करने भी जाते हैं. ऐसे में उन्हें तीस चालीस किलोमीटर लम्बा सफर तय करना पड़ता है.

जिला प्रशासन अभी पशोपेश में : किसानों का कहना है कि किसान शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने बॉर्डर पर सीमेंट और लोहे के बेरिकेडिंग लगा दिए हैं. जानबूझ कर लोगों को परेशान किया जा रहा है. उधर जिले के एसपी गौरव यादव का कहना है कि कानून-व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद ही इस बॉर्डर को खोलने का विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राजस्थान से पंजाब आने जाने के लिए सादुलशहर के निकट पतली चैक पोस्ट खुली रखी गई है.

श्रीगंगनगर. किसान आंदोलन के चलते श्रीगंगानगर में प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राजस्थान-पंजाब बॉर्डर की साधुवाली चैक पोस्ट को 13 फरवरी से लगातार बंद किया हुआ है. ऐसे में राजस्थान से पंजाब आने जाने वाले यात्रियों के साथ-साथ किसानों और छात्रों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

गाजर, किन्नू और अन्य वस्तुओं का रुका परिवहन : राजस्थान से पंजाब और अन्य राज्यों को इस रास्ते से गाजर और किन्नू और गाजर का होने वाला परिवहन भी रुक गया है. ऐसे में गाजर और किन्नू के दामों में भारी कमी आ गई है. किसानो का कहना है कि बॉर्डर बंद होने से देश के दूर दराज के हिस्सों में गाजर और किन्नू भेजना मुश्किल हो गया है. दूसरे रास्तों से भेजने पर ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट काफी अधिक हो जाती है और व्यापारी फसल नहीं खरीदते.

पढ़ें : राजस्थान-पंजाब बॉर्डर पर ट्रैक्टर लेकर पहुंचे किसान, केंद्र सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

किसानों ने बताया कि गाजर के दाम 1200 रुपये प्रति किंवटल से गिर कर 150 रुपये प्रति किंवटल तक हो गए हैं. वहीं, किन्नू के दाम भी 2000 रुपये प्रति किंवटल से गिर कर पांच-छह सौ रुपये प्रति किंवटल तक हो गए हैं. किसानों का कहना है कि यह फसल भी पांच-सात दिन में खराब होने लगती है. ऐसे में कम दामों में फसल बेचनी पड़ रही है या फिर पशुओं को खिलानी पड़ रही है.

व्यापारी और छात्र भी खासे परेशान : किसानों के साथ-साथ राजस्थान से पंजाब आने जाने वाले लोग भी खासे परेशान हैं. 13 फरवरी से लगातार बॉर्डर बंद रहने से पंजाब रोडवेज की बसें पंजाब सीमा तक आती हैं और उसके बाद यात्री पैदल तीन से चार किलोमीटर का सफर तय करने के बाद राजस्थान सीमा में आकर ऑटो से राजस्थान में जाते हैं. बॉर्डर के आस पास के दुकानदारों का कारोबार भी ठप्प हो गया है. वहीं, पंजाब सीमा में संचलित हो रहे नर्सिंग और आईटीआई कालेज के छात्र भी काफी परेशान है उनका कहना है कि या तो पैदल चार किलोमीटर चलना पड़ता है या फिर दस से पंद्रह किलोमीटर अतिरिक्त रास्ता तय करना पड़ता है. ठीक इसी तरह पंजाब और राजस्थान के लोग एक दूसरे राज्य में नौकरी करने भी जाते हैं. ऐसे में उन्हें तीस चालीस किलोमीटर लम्बा सफर तय करना पड़ता है.

जिला प्रशासन अभी पशोपेश में : किसानों का कहना है कि किसान शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने बॉर्डर पर सीमेंट और लोहे के बेरिकेडिंग लगा दिए हैं. जानबूझ कर लोगों को परेशान किया जा रहा है. उधर जिले के एसपी गौरव यादव का कहना है कि कानून-व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद ही इस बॉर्डर को खोलने का विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राजस्थान से पंजाब आने जाने के लिए सादुलशहर के निकट पतली चैक पोस्ट खुली रखी गई है.

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