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किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने आंदोलन कर रहे किसानों पर साधा निशाना, कहा- हमें आंदोलन से रखा जा रहा दूर - Farmer Movement Part 2

BKU Meeting in Kurukshetra: आंदोलन को लेकर किसान संगठनों में दरार देखने को मिल रही है. दिल्ली कूच को लेकर हरियाणा के बॉर्डर पर बैठे किसान संगठन दूसरे संगठनों की मदद लेने से इनकार कर रहे हैं. मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप की कुरुक्षेत्र में हुई मीटिंग में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने ये बात कही.

BKU Meeting in Kurukshetra
BKU Meeting in Kurukshetra
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Mar 5, 2024, 10:43 PM IST

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने आंदोलन कर रहे किसानों पर साधा निशाना.

कुरुक्षेत्र: किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में कुरुक्षेत्र की जाट धर्मशाला में मंगलवार को एक मीटिंग हुई. इस दौरान गुरनाम चढूनी ने किसान आंदोलन पार्ट-2 को लेकर कहा कि आंदोलन कर रहे नेताओं ने साफ तौर से कहा है कि जो किसान नेता आंदोलन से बाहर हैं वो आंदोलन में किसी प्रकार की दखल अंदाजी ना करें. हमने मीटिंग कर दिल्ली जाने का फैसला लिया था लेकिन आंदोलन कर रहे किसानों ने 3 तारीख को यह फैसला लिया कि हरियाणा और पंजाब के किसानों को छोड़कर दूसरे राज्यों के किसान दिल्ली अपने-अपने तरीके से कूच करें इसलिए हमने दिल्ली जाने के फैसले को रोक दिया.

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हम आंदोलन कर रहे किसानों के साथ हैं और अगर उन लोगों की तरफ से कोई कॉल आती है तो हमारी तरफ से कोर कमेटी का गठन किया गया है, जो आंदोलन को लेकर आगे के फैसले लेगी. किसान आंदोलन से संबंधित कुछ किसान नेताओं को जींद पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया है. उसके ऊपर उन्होंने कहा कि हम उनकी रिहाई के लिए लड़ाई लड़ेंगे. इसके लिए 7 मार्च को जींद एसपी कार्यालय का घेराव किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि आंदोलन को तेज करने के लिए हमने आंदोलन कर रहे किसानों से मुलाकात की थी और उनके सामने सभी संगठनों को एक साथ लेकर लड़ाई लड़ने का प्रस्ताव रखा था लेकिन अभी तक उन्हें उसे पर कोई संदेश नहीं मिला. आंदोलन कर रहे किसान जो भी कॉल देंगे हम उसका बाहर से समर्थन करेंगे.

जहां पर प्रदेश भर से भारतीय किसान यूनियन (चढूनी संगठन) के प्रतिनिधि पहुंचे. मीटिंग के बाद गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि चढूनी ग्रुप की जींद जिला प्रधान अनीता के पास उनकी जमीन की कुड़की करने का ऑर्डर आया है, जो हम किसी भी हालत में नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि उनके ऊपर किसान यूनियन का एक मुकदमा था जिसको लेकर कुड़की के आर्डर किए गए हैं.

चढूनी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने किसानों पर एक और फरमान थोपने का काम किया है. जो ट्रांसफार्मर किसानों के खेतों में रखे हैं, अगर वो खराब होते हैं तो किसानों से उन्हें ठीक करने का 20 प्रतिशत पैसा लिया जाएगा. किसान इसका विरोध करते हैं. पिछले सप्ताह बरसात और ओलावृष्टि से हुई फसल खराबे को लेकर उन्होंने कहा कि बीते दिनों बरसात से खराब फसलों की सरकार जल्द गिरदावरी कराए और किसानों को खराब फसलों का मुआवजा देने का काम करे. उन्होंने कहा कि इसकी भरपाई के लिए सरकार को 40 हजार प्रति एकड़ देने की मदद देनी चाहिए.

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गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हम आंदोलन कर रहे किसानों के साथ हैं और अगर उन लोगों की तरफ से कोई कॉल आती है तो हमारी तरफ से कोर कमेटी का गठन किया गया है, जो आंदोलन को लेकर आगे के फैसले लेगी. किसान आंदोलन से संबंधित कुछ किसान नेताओं को जींद पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया है. उसके ऊपर उन्होंने कहा कि हम उनकी रिहाई के लिए लड़ाई लड़ेंगे. इसके लिए 7 मार्च को जींद एसपी कार्यालय का घेराव किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि आंदोलन को तेज करने के लिए हमने आंदोलन कर रहे किसानों से मुलाकात की थी और उनके सामने सभी संगठनों को एक साथ लेकर लड़ाई लड़ने का प्रस्ताव रखा था लेकिन अभी तक उन्हें उसे पर कोई संदेश नहीं मिला. आंदोलन कर रहे किसान जो भी कॉल देंगे हम उसका बाहर से समर्थन करेंगे.

जहां पर प्रदेश भर से भारतीय किसान यूनियन (चढूनी संगठन) के प्रतिनिधि पहुंचे. मीटिंग के बाद गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि चढूनी ग्रुप की जींद जिला प्रधान अनीता के पास उनकी जमीन की कुड़की करने का ऑर्डर आया है, जो हम किसी भी हालत में नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि उनके ऊपर किसान यूनियन का एक मुकदमा था जिसको लेकर कुड़की के आर्डर किए गए हैं.

चढूनी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने किसानों पर एक और फरमान थोपने का काम किया है. जो ट्रांसफार्मर किसानों के खेतों में रखे हैं, अगर वो खराब होते हैं तो किसानों से उन्हें ठीक करने का 20 प्रतिशत पैसा लिया जाएगा. किसान इसका विरोध करते हैं. पिछले सप्ताह बरसात और ओलावृष्टि से हुई फसल खराबे को लेकर उन्होंने कहा कि बीते दिनों बरसात से खराब फसलों की सरकार जल्द गिरदावरी कराए और किसानों को खराब फसलों का मुआवजा देने का काम करे. उन्होंने कहा कि इसकी भरपाई के लिए सरकार को 40 हजार प्रति एकड़ देने की मदद देनी चाहिए.

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