करनाल: भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम चढूनी ने कहा है कि सरकार को शम्भू बॉर्डर खोल देना चाहिए. करनाल में पत्रकारों से बातचीत में चढूनी ने कहा बॉर्डर खोलने से लोगों को परेशानी से निजात मिलेगी. उन्होंने कहा कि हम स्थाई रूप से सड़क रोकने के हक में नहीं हैं. किसान आंदोलन कभी जनता के नहीं बल्कि सरकार के खिलाफ होता है. इस सड़क को किसानों ने नहीं बल्कि सरकार ने जाम किया है.
चढूनी ने कहा कि किसानों को रोकने का ये तरीका सही नहीं है. अगर दोनों तरफ से फिर भी जिद है तो एक तरफ का रास्ता खोल देना चाहिए था. अब हाई कोर्ट ने आदेश दिया है तो सरकार को इस पर अमल करना चाहिए. एक सवाल के जवाब में गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हमने प्रदर्शनकारी किसानों का कोई समर्थन नहीं किया है, हम उन्हें समर्थन देने गए थे लेकिन उन्होंने राजनीति ना करने की शर्त के चलते हमारा समर्थन लेने से मना कर दिया.
चढूनी ने कहा कि ये किसान दिल्ली में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने नहीं बल्कि सरकार को परेशान करने ही जा रहे हैं. ये तो उनको भी पता है कि अगर वो वहां जाकर चुपचाप बैठ जाएंगे तो उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि जब लोकतंत्र ने हमें वोट का अधिकार दिया गया है तो हम गैर राजनीतिक कैसे रह सकते हैं. हम राजनीति जरूर करेंगे, चाहे कोई हमारा समर्थन ले या ना ले. किसान नेता ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी हरियाणा की सभी 90 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी.