फरीदाबाद: हरियाणा सरकार राज्य के लोगों को हर क्षेत्र में सुविधाएं देने का काम कर रही है. अब सिटी बसों में सफर करने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है. इसके अलावा, शहर से गांव की दूरियां भी कम होने वाली है. फरीदाबाद में सिटी बसों का संचालन फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण कर रहा है. फिलहाल जिले में 50 बसें चल रही हैं. लेकिन अब जल्द ही 150 बसें और आने वाली है. 2031 तक जिले में 500 बसें चलाने का लक्ष्य भी रखा गया है.
शहर से कनेक्ट होंगे गांव: इसके अलावा, बस के 12 रूटों पर 310 बस क्यू सेंटर बनाए जाएंगे. जिसमें करीब 38 करोड़ रुपये का खर्च होगा. जिले में 2 साल से सिटी बसें चल रही हैं. लेकिन एक भी बस क्यू सेल्टर नहीं बनाया गया है और जो बने हैं, वो शहरी इलाकों में बनाए गए हैं. जिसकी हालत काफी खराब है. लेकिन नई रूटों पर नई बस चलने से कई गांव ऐसे हैं, जिसकी कनेक्टिविटी शहर को जोड़ेगी और लोगों का समय भी बचेगा.
जमुना किनारे बसे गांव में बसों की सुविधा नहीं है. जिस वजह से लोग ऑटो में सफर करने को मजबूर हैं. जिले में करीब 35 हजार ऑटो चल रहे हैं. जो यात्रियों से मनमाना किराया वसूलते हैं. लेकिन सिटी बसों के चलने से यात्रियों को राहत मिलेगी और ऑटो के मनमाने किराए से भी बचाव होगा.
500 सिटी बसें चलाने का लक्ष्य: एफएमडीए के मुख्य अभियंता रमेश बागड़ी की मानें तो सिटी बसों के प्रति लोगों का काफी रुझान देखा जा रहा है. इसलिए बसों की संख्या बढ़ा रहे हैं. इसके अलावा, रूटों को भी बढ़ाया जाएगा. कोशिश रहेगी कि जिले में सभी गांवों को कवर किया जा सके. हालांकि रूट मैप बनाया गया है, जिसके जरिए पता लगेगा कौन-कौन से गांव कवर होंगे. इस पर काम जल्द शुरू हो जाएगा. वहीं, 2031 तक जिले में 500 सिटी बस चलाने का लक्ष्य है. जिसके ऊपर भी तेजी से काम किया जा रहा है.
फरीदाबाद में इन रूटों पर चल रही बसें: बता दें कि बल्लभगढ़ बस स्टैंड से पाली गांव चौक, बल्लभगढ़ बस स्टैंड से मंझावली गांव, बल्लभगढ़ बस स्टैंड से अरुवा गांव, बल्लभगढ़ बस स्टैंड से तिगांव होते हुए बदरपुर बॉर्डर, बागपुर गांव, बल्लभगढ़ एम्स से दिल्ली एम्स, हाईवे से बल्लभगढ़ बस स्टैंड से बदरपुर बॉर्डर, बाईपास पर बल्लभगढ़ बस स्टैंड से बदरपुर बॉर्डर, बदरपुर बॉर्डर से धातिर गांव, बदरपुर बॉर्डर से बसंतपुर गांव, बदरपुर बॉर्डर से मंझावली गांव, बदरपुर बॉर्डर से अमृता हॉस्पिटल.
समय की होगी बचत: वहीं, अब नए बसों के शामिल होने से नए रूट बनाए जाएंगे और उन रूटों पर बसें चलेंगी. जिससे दूर गांव की कनेक्टिविटी शहर के लिए आसान हो जायेगी. यात्रियों का आने जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. समय की बचत होगी. गौरतलब है कि 2021 में 12 बसों से जिले में सिटी बस की सेवा की शुरुआत हुई थी. लेकिन बाद में 12 से बढ़कर 50 बसें की गयी जो जिले में 12 रुटों पर अभी चल रही है.
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