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मां दुर्गा को नम आंखों से दी गई विदाई, बंगीय दुर्गाबाड़ी में महिलाओं ने खेला सिंदूर खेला - DURGA PUJA 2024

पलामू में बंगीय दुर्गाबाड़ी से माता को विदाई दी गई. इस दौरान महिलाओं ने सिंदूर खेला किया.

Bangiya Durgabari Palamu
सिंदूर खेलने के बाद महिलाएं (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 13, 2024, 7:13 PM IST

पलामू: नवरात्रि संपन्न हो चुकी है. जिसके बाद रविवार को नम आंखों से मां दुर्गा को विदाई दी गई. पिछले नौ दिनों से नवरात्र में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जा रही थी. रविवार को मां दुर्गा को विदाई देकर उनका विसर्जन कर दिया गया. पलामू के बंगिया दुर्गाबाड़ी में महिलाओं ने सिंदूर खेला और मां दुर्गा को विदाई दी. इस दौरान महिलाओं ने ढाक की थाप पर नृत्य कर मां को विदाई दी.

श्रद्धालु मुनमुन चक्रवर्ती ने कहा कि मां का इंतजार साल भर रहता है, मां को विदाई देते समय थोड़ा दुख होता है लेकिन खुशी इस बात की है कि मां अगले साल फिर आएंगी. वह मां का बेसब्री से इंतजार करेंगी. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने परिवार के साथ ही पूरे पलामू की सुख-समृद्धि की कामना की है.

जानकारी देते संवाददाता नीरज कुमार (ईटीवी भारत)

वहीं, श्रद्धालु सोमा ने कहा कि पूरे नौ दिनों तक पूरे उत्साह और उमंग के साथ मां की पूजा की गई. इस दौरान उन्होंने परिवार और आने वाले लोगों के लिए सुख-समृद्धि की कामना की है.

Bangiya Durgabari Palamu
सिंदूर खेला के दौरान महिलाएं (ईटीवी भारत)

पलामू के बंगिया दुर्गाबाड़ी में दुर्गा पूजा का इतिहास 110 साल पुराना है. बंगिया दुर्गाबाड़ी की पूजा पूरे पलामू प्रमंडल में भव्य मानी जाती है. पूरे पलामू में सबसे ज्यादा भीड़ बंगिया दुर्गाबाड़ी में देवी के दर्शन के लिए उमड़ती है. दुर्गाबाड़ी की प्रतिमा काफी भव्य है. दुर्गाबाड़ी में देवी का भव्य शृंगार किया जाता है. जिनकी मनोकामना पूरी होती है, वे देवी के शृंगार में उपयोग होने वाले आभूषण दान करते हैं.

यह भी पढ़ें:

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श्रद्धालु मुनमुन चक्रवर्ती ने कहा कि मां का इंतजार साल भर रहता है, मां को विदाई देते समय थोड़ा दुख होता है लेकिन खुशी इस बात की है कि मां अगले साल फिर आएंगी. वह मां का बेसब्री से इंतजार करेंगी. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने परिवार के साथ ही पूरे पलामू की सुख-समृद्धि की कामना की है.

जानकारी देते संवाददाता नीरज कुमार (ईटीवी भारत)

वहीं, श्रद्धालु सोमा ने कहा कि पूरे नौ दिनों तक पूरे उत्साह और उमंग के साथ मां की पूजा की गई. इस दौरान उन्होंने परिवार और आने वाले लोगों के लिए सुख-समृद्धि की कामना की है.

Bangiya Durgabari Palamu
सिंदूर खेला के दौरान महिलाएं (ईटीवी भारत)

पलामू के बंगिया दुर्गाबाड़ी में दुर्गा पूजा का इतिहास 110 साल पुराना है. बंगिया दुर्गाबाड़ी की पूजा पूरे पलामू प्रमंडल में भव्य मानी जाती है. पूरे पलामू में सबसे ज्यादा भीड़ बंगिया दुर्गाबाड़ी में देवी के दर्शन के लिए उमड़ती है. दुर्गाबाड़ी की प्रतिमा काफी भव्य है. दुर्गाबाड़ी में देवी का भव्य शृंगार किया जाता है. जिनकी मनोकामना पूरी होती है, वे देवी के शृंगार में उपयोग होने वाले आभूषण दान करते हैं.

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