लखनऊ: रमजान के आखिरी जुमे जुमातुल विदा की नमाज शुक्रवार यानी 5 अप्रैल मस्जिदों में अदा की जाएगी. वहीं, लखनऊ शहर की मस्जिदों में जुमातुल विदा की नमाज अदा करने के लिए हजारों की संख्या में रोजेदार नमाजी मस्जिदों में पहुंच रहे हैं. रमजान के आखिरी जुमे की नमाज को लेकर मस्जिद प्रबंधन ने तमाम तैयारियां की हैं. जिनमें रोजेदारों को तेज धूप से बचाने के लिए टेण्ट, वजू के लिए पानी, नमाज अदा करने के लिए जानमाज आदि की व्यवस्था की गई है.
ईदगाह में हुई खास मीटिंग आयोजित
ईद-उल-फित्र और अलविदा की तैय्यारियों के लिए गुरुवार को ईदगाह में खास मीटिंगआयोजित हुई. इस मीटिंग में जिला प्रशासन के अधिकारियों, उलमा और शहरियों ने शिरकत की. इस मीटिंग में मौलाना ख़ालिद रशीद ने कहा कि रमजानुल मुबारक के रोजों के पूर्ण होने पर उन को खुदा की ओर से ईद-उल-फित्र के रूप में एक खुशी और जश्न मनाने का अवसर दिया जाता है. यह मुसलमानों का एैसा त्यौहार है जिसमें अन्य धर्मो के अनुयायी भी मुसलमानों के साथ शरीक होकर खुशियां मनाते हैं. उन्होंने जिला प्रशासन से कहा कि वह नमाज ईद अदा करने वालों को अधिक से अधिक आसानियां उपलब्ध कराए.
11 अप्रैल को पूरे देश में ईद
मौलाना ने कहा कि ईद का चांद 9 अप्रैल को देखा जाएगा और 11 अप्रैल को पूरे देश में ईद मनाई जाएगी. मौलाना ने कहा कि इस साल अलविदा की नमाज 5 अप्रैल को अदा की जाएगी. इस दिन जिलों के तमाम मस्जिदों के पास सफाई का विशेष इंतजाम किया जाए और इस साल भी जामा मस्जिद ईदगाह लखनऊ में अलविदा की नमाज 12ः45 पर अदा की जाएगी. वहीं इस दौरान ज्वाइंट कमिश्नर आफ पुलिस उपेन्द्र कुमार अग्रवाल ने कहा कि इमाम ईदगाह ने जिन बिन्दुओं पर ध्यान केन्द्रित कराया है उन पर ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बार तमाम इंतजाम हर बार से बेहतर किए जाएंगे ताकि नमाजियों को कोई परेशानी न हो.
वहीं, सिटी मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ ने कहा कि जिला प्रशासन की तरफ से इस सम्बन्ध में हर साल, जो व्यवस्था की जा रही है, वह इस साल भी की जाएगी. मीटिंग में डीसीपी वेस्ट दुर्गेश कुमार ने कहा कि ईद के अवसर पर पुलिस की तरफ से सख्त सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है. नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि नगर निगम की तरफ से सफाई और अन्य कार्यों को पूरा करने का हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है. समय से पहले कार्यों को पूरा कर लिया जाएगा.
यह भी पढ़ें: जुलूस में शोर, शराबा नहीं बल्कि दुरुद ओ सलाम पढ़ते आएं : मुफ्ती इरफान