झालावाड़. जिला कारागृह में बंद कैदी की मौत के बाद बुधवार को मृतक के परिजनों के साथ वाल्मीकि समाज ने जिला अस्पताल में प्रदर्शन किया. वाल्मीकि समाज रैली निकालते हुए मिनी सचिवालय पहुंचा और सहायक जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की. समाज ने मृतक के आश्रितों को 50 लाख रुपए का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की है. मृतक के परिजनों ने झालावाड़ जेल प्रशासन पर बंदी राजेंद्र के साथ मारपीट और हत्या का गंभीर आरोप लगाया है.
वाल्मीकि समाज के प्रतिनिधि दिलीप कलोसिया ने कहा कि एक दिन पूर्व राजेंद्र वाल्मिक को किसी प्रकरण को लेकर अदालत ने जेल भेजा था, लेकिन अगले ही दिन उसकी मौत हो गई. आरोप लगाया है कि मृतक के चेहरे, पेट और घुटनों पर गंभीर चोटों के निशान थे. इससे साफ प्रतीत हो रहा है कि राजेंद्र की मौत गंभीर मारपीट करने से हुई है. इसलिए समाज मांग कर रहा है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए. समाज ने मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपए मुआवजा राशि और एक परिजन को सरकारी नौकरी की भी मांग की है. मामले को लेकर सहायक जिला कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन दिया गया है. दिलीप कलोसिया ने कहा कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो वाल्मीकि समाज उग्र प्रदर्शन को मजबूर हो जाएगा.
मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया गया है. बता दें कि मंगलवार को जिला कारागृह में बंद एक कैदी की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. जेल प्रशासन ने बंदी की मौत का कारण बार-बार फिट्स आना बताया था. वहीं, परिजनों ने जेल प्रशासन पर मृतक के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है. मृतक राजेंद्र पवार को एक दिन पूर्व ही न्यायालय द्वारा जिला कारागार में भेजा गया था. महज 24 घंटे के भीतर ही बंदी की मौत होने से परिजनों ने उसकी जेल में मारपीट और हत्या की आशंका जताई थी.