औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. जहां औरंगाबाद मंडल कारा में एक विचाराधीन कैदी की मौत हो गई. जिसके बाद गुस्साए परिजनों ने जमकर बवाल काटा है। परिजनों का आरोप है कि सुबह से ही कैदी के सीने में दर्द था. लेकिन जेल प्रशासन ने उसपर ध्यान नहीं दिया. आखिरकार जब स्थिति बिगड़ गई तो दिखावे के लिए अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया.
परिजनों ने जमकर किया हंगामा: मिली जानकारी के अनुसार, मृत कैदी की पहचान बारुण थाना के बगनाहा ग्राम निवासी अरविंद राम के रूप में की गई है. कैदी की मौत के बाद औरंगाबाद सदर अस्पताल रणक्षेत्र में तबदील हो गया. परिजनों ने जमकर हंगामा किया. बताया जा रहा कि परिजनों ने सुबह ही जेलर से कैदी की खराब तबियत का हवाला देते हुए इलाज कराने का निवेदन किया था. लेकिन जेल प्रशासन ने लापरवाही दिखाई. ऐसे में मौत की खबर सुनते ही परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा और जेलर को इलाज न करवाने का जिम्मेदार ठहराया.
"मैं अपने पति से सुबह में ही जेल में मिली थी. अरविंद ने बताया कि उसके सीने में काफी दर्द हो रहा है, इलाज की जरूरत है. मैंने जेलर साहब से इलाज करवाने की गुहार भी लगाई, लेकिन जेलर द्वारा इलाज नहीं करवाए जाने के कारण उनकी मौत हो गई." - संतोषी देवी, अरविंद राम की पत्नी
साल 2013 में दर्ज हुई थी प्राथमिकी: बता दें कि अरविंद राम पर वर्ष 2013 में होली के दौरान मामूली से विवाद को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें गांव के 6 लोग आरोपित बने थे. मामले की सुनवाई न्यायालय में चल रही थी. पिछले 12 मार्च 2024 को न्यायालय के एडीजे 3 बृजेश कुमार की अदालत में सुनवाई होनी थी. इस दौरान प्राथमिकी में शामिल एक अभियुक्त को बरी कर दिया गया था, लेकिन 5 आरोपितों की सुनवाई चल रही थी.
"मामले की जानकारी लगते ही पुलिस सदर अस्पताल पहुंचकर जांच में जुट गई है. साथ ही परिजनों को समझाया बूझकर मामला को शांत कराया गया है. फिलहाल घटना की सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है." - उपेंद्र कुमार सिंह, नगर थाना अध्यक्ष
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