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सैनिक रामस्वरूप कस्वां की मौत : धरने पर बैठे परिजन और ग्रामीण, शहीद का दर्जा देने की मांग - martyr status for Bikaner Soldier

Bikaner Soldier Dies in Jammu बीकानेर के सैनिक रामस्वरूप कस्वां के निधन के मामले में परिजन धरने पर बैठ गए हैं और शहीद का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने शव लेने और उसका अंतिम संस्कार करने से भी इनकार कर दिया है.

सैनिक रामस्वरूप कस्वां की मौत
सैनिक रामस्वरूप कस्वां की मौत (ETV Bharat (File Photo))
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 26, 2024, 1:15 PM IST

बीकानेर : पांचू थाना क्षेत्र के निवासी और जम्मू के अनंतनाग में पोस्टेड सैनिक रामस्वरूप कस्वां के निधन के मामले में विवाद गहराता जा रहा है. दरअसल, पहले सैनिक के शहीद होने की खबर आई थी. बताया गया था कि अनंतनाग में मुठभेड़ में सैनिक को गोली लगी है. परिजनों का आरोप है कि जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने इसे आत्महत्या का प्रयास बताते हुए गोली चलने की बात कही और कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की बात कही है. इसके बाद गुरुवार को सैनिक रामस्वरूप के गांव पांचू में लोग धरने पर बैठ गए और सैनिक को शहीद का दर्जा देने की मांग करने लगे. सैनिक और उनके परिवारों के लिए वेलफेयर का काम करने वाले सीताराम का कहना है कि इस मामले में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी का रवैया ठीक नहीं था और यह उनकी तानाशाही है.

पढे़ं. सैनिक रामस्वरूप कस्वां की संदिग्ध मौत का मामला, रक्षा मंत्री से की हनुमान बेनीवाल ने यह मांग

शव लेने से इनकार : वहीं, इस मामले में सैनिक रामस्वरूप के परिजनों और ग्रामीणों ने शव लेने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि जब तक रामस्वरूप को शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता है तब तक वह शव नहीं लेंगे और अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. इस पूरे मामले में अभी तक सेना की ओर से किसी तरह का कोई बयान नहीं आया है. जिला सैनिक कल्याण अधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई.

बेनीवाल ने भी जताई आपत्ति : पूरे मामले में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जिला सैनिक कल्याण अधिकारी पर संकीर्ण मानसिकता का आरोप लगाते हुए मामले की जांच की मांग की है. बेनीवाल ने कहा कि बिना कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के जिला सैनिक कल्याण अधिकारी की ओर से इस मामले को आत्महत्या बताना पूरी तरह से गलत है. सैनिक रामस्वरूप को शहीद का दर्जा देने के साथ ही उनके परिवार पूरे परिलाभ दिए जाने चाहिए.

बीकानेर : पांचू थाना क्षेत्र के निवासी और जम्मू के अनंतनाग में पोस्टेड सैनिक रामस्वरूप कस्वां के निधन के मामले में विवाद गहराता जा रहा है. दरअसल, पहले सैनिक के शहीद होने की खबर आई थी. बताया गया था कि अनंतनाग में मुठभेड़ में सैनिक को गोली लगी है. परिजनों का आरोप है कि जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने इसे आत्महत्या का प्रयास बताते हुए गोली चलने की बात कही और कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की बात कही है. इसके बाद गुरुवार को सैनिक रामस्वरूप के गांव पांचू में लोग धरने पर बैठ गए और सैनिक को शहीद का दर्जा देने की मांग करने लगे. सैनिक और उनके परिवारों के लिए वेलफेयर का काम करने वाले सीताराम का कहना है कि इस मामले में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी का रवैया ठीक नहीं था और यह उनकी तानाशाही है.

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शव लेने से इनकार : वहीं, इस मामले में सैनिक रामस्वरूप के परिजनों और ग्रामीणों ने शव लेने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि जब तक रामस्वरूप को शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता है तब तक वह शव नहीं लेंगे और अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. इस पूरे मामले में अभी तक सेना की ओर से किसी तरह का कोई बयान नहीं आया है. जिला सैनिक कल्याण अधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई.

बेनीवाल ने भी जताई आपत्ति : पूरे मामले में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जिला सैनिक कल्याण अधिकारी पर संकीर्ण मानसिकता का आरोप लगाते हुए मामले की जांच की मांग की है. बेनीवाल ने कहा कि बिना कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के जिला सैनिक कल्याण अधिकारी की ओर से इस मामले को आत्महत्या बताना पूरी तरह से गलत है. सैनिक रामस्वरूप को शहीद का दर्जा देने के साथ ही उनके परिवार पूरे परिलाभ दिए जाने चाहिए.

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