हजारीबागः जिला में एक बार फिर इलाज के लापरवाही में एक घर का चिराग बुझ गया. परिजनों के अनुसार इसके पीछे का कारण एक महिला दलाल को बताया जा रहा है. जिसने शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल से परिजनों को बहला-फुसलाकर बड़ा बाजार स्थित एक निजी होम में इलाज के लिए ले आई. जहां इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई.
इचाक कुरहा निवासी प्यास प्रसाद मेहता के 18 वर्षीय पुत्र आशीष कुमार की इलाज में लापरवाही के कारण मौत होने का आरोप परिजनों द्वारा लगाया गया है. युवक की मौत होते ही अस्पताल संचालक शहर के पीपल चौक निवासी बबलू रविदास, बभनवै निवासी राजकुमार साव, अस्पताल के सभी स्टाफ और चिकित्सक फरार हो गए. परिजनों ने नर्सिंग होम पर जमकर बवाल काटा. इस संबंध में परिजनों द्वारा बड़ा बाजार ओपी में लिखित आवेदन देकर मामला दर्ज कराया गया है.
परिजनों के अनुसार आशीष को पेट दर्द, कमजोरी और कांस्टीपेशन की शिकायत थी. उसे बुधवार को दोपहर 12:00 बजे में सदर अस्पताल लाया गया था. जहां पूर्व से मौजूद एक अनीता नाम की दलाल ने उन्हें अपने झांसे में ले लिया और सस्ते में बेहतर इलाज कराने की बात कह कर दुर्गा नर्सिंग होम पहुंचा दिया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इलाज के दौरान उसे एक इंजेक्शन दिया गया. दूसरा इंजेक्शन शाम आठ बजे देने के आधे घंटे के बाद उसकी मौत हो गई. परिजनों का कहना है कि इलाज में लापरवाही से आशीष की मौत हो गई है.
इस बाबत बड़ा बाजार ओपी प्रभारी बिट्टू कुमार रजक ने बताया कि युवक की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में बहुत हंगामा किया. जिसके बाद अस्पताल के संचालक व कर्मी वहां से फरार हो गए. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज स्थित पोस्टमार्टम हाउस भेजवा दिया. शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया.
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