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मंडियों में पहुंच रही है नकली सरसों, ऐसे की जा रही है तैयार, जानिए कैसे करें इसकी पहचान - Fake mustard

प्रदेश की मंडियों में नकली सरसों पहुंचने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इसे पहचान पाना मुश्किल है, क्योंकि ये हूबहू असली सरसों के जैसी होती है. नकली सरसों से व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वैर और डीग जिले की कामां मंडी में नकली सरसों पहुंचने के मामले सामने आए हैं.

मंडियों में पहुंच रही है नकली सरसों
मंडियों में पहुंच रही है नकली सरसों (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 30, 2024, 6:32 AM IST

प्रदेश की मंडियों में पहुंच रही है नकली सरसों (ETV Bharat Bharatpur)

भरतपुर: प्रदेश की मंडियों में अब नकली सरसों ने दस्तक दे दी है. जी हां ये सुनकर आपको हैरानी जरूर होगी कि अब सरसों भी नकली आने लगी है. मंडियों में पहुंच रही नकली सरसों से व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. शातिर असामाजिक तत्वों ने मिट्टी और पॉलिस से हूबहू नकली सरसों तैयार कर दी है, जिसे सामान्य तौर पर पहचान पाना बहुत मुश्किल होता है. भरतपुर जिले की वैर और डीग जिले की कामां मंडी में नकली सरसों पहुंचने के मामले सामने आए हैं. मंडी व्यापारियों को जब सरसों की गुणवत्ता पर शक हुआ, तो नकली सरसों का भेद खुला. आइए जानते हैं कि नकली सरसों कैसे तैयार की जा रही और इसकी पहचान कैसे करें.

ऐसे तैयार हो रही नकली सरसों : सरसों व्यापारी भूपेंद्र गोयल ने बताया कि वैर और कामां की मंडियों में नकली सरसों पहुंचने के मामले सामने आए हैं. नकली सरसों तैयार करने के लिए असामाजिक तत्व मिट्टी और सरसों के रंग जैसी पॉलिस का इस्तेमाल कर रहे हैं. मिट्टी से पहले सरसों के आकार के दाने तैयार किए जाते हैं. ये संभवतः किसी मशीन से तैयार किए जाते होंगे, क्योंकि ये दाने एक जैसे आकार के होते हैं. इन दानों पर पॉलिस की जाती है, जिससे ये देखने में बिल्कुल असली सरसों जैसी नजर आती है.

इसे भी पढ़ें- किसानों को सरसों के मिल रहे मंडी मे अच्छे दाम, तो समर्थन मूल्य खरीद केंद्र से मुंह मोड़ रहे किसान

ऐसे हुई पहचान : व्यापारी भूपेंद्र गोयल ने बताया कि वैर और कामां की मंडियों में जब नकली सरसों पहुंची, तो उसकी पहचान के लिए सरसों को पानी में डाला गया. मिट्टी से निर्मित होने की वजह से नकली सरसों आसानी से पानी में घुल गई. इसी से पता चला कि मिट्टी से नकली सरसों तैयार की जा रही है. इस तरह के मामले प्रदेश के अन्य जिलों में भी सामने आ रहे हैं. व्यापारी भूपेंद्र गोयल ने बताया कि मंडियों में पूरी तरह से नकली सरसों नहीं पहुंच रही, बल्कि असली सरसों में ही कुछ मात्रा नकली सरसों की मिला दी जाती है. इससे आसानी से पकड़ में नहीं आती. जब सरसों का लैब टेस्ट कराया जाता है, तभी इसकी मिलावट के बारे में पता चल पाता है. कई घटनाओं के बाद अब व्यापारी भी सतर्क हो गए हैं. हालांकि, अभी तक भरतपुर की सरसों मंडी में इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है.

प्रदेश की मंडियों में पहुंच रही है नकली सरसों (ETV Bharat Bharatpur)

भरतपुर: प्रदेश की मंडियों में अब नकली सरसों ने दस्तक दे दी है. जी हां ये सुनकर आपको हैरानी जरूर होगी कि अब सरसों भी नकली आने लगी है. मंडियों में पहुंच रही नकली सरसों से व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. शातिर असामाजिक तत्वों ने मिट्टी और पॉलिस से हूबहू नकली सरसों तैयार कर दी है, जिसे सामान्य तौर पर पहचान पाना बहुत मुश्किल होता है. भरतपुर जिले की वैर और डीग जिले की कामां मंडी में नकली सरसों पहुंचने के मामले सामने आए हैं. मंडी व्यापारियों को जब सरसों की गुणवत्ता पर शक हुआ, तो नकली सरसों का भेद खुला. आइए जानते हैं कि नकली सरसों कैसे तैयार की जा रही और इसकी पहचान कैसे करें.

ऐसे तैयार हो रही नकली सरसों : सरसों व्यापारी भूपेंद्र गोयल ने बताया कि वैर और कामां की मंडियों में नकली सरसों पहुंचने के मामले सामने आए हैं. नकली सरसों तैयार करने के लिए असामाजिक तत्व मिट्टी और सरसों के रंग जैसी पॉलिस का इस्तेमाल कर रहे हैं. मिट्टी से पहले सरसों के आकार के दाने तैयार किए जाते हैं. ये संभवतः किसी मशीन से तैयार किए जाते होंगे, क्योंकि ये दाने एक जैसे आकार के होते हैं. इन दानों पर पॉलिस की जाती है, जिससे ये देखने में बिल्कुल असली सरसों जैसी नजर आती है.

इसे भी पढ़ें- किसानों को सरसों के मिल रहे मंडी मे अच्छे दाम, तो समर्थन मूल्य खरीद केंद्र से मुंह मोड़ रहे किसान

ऐसे हुई पहचान : व्यापारी भूपेंद्र गोयल ने बताया कि वैर और कामां की मंडियों में जब नकली सरसों पहुंची, तो उसकी पहचान के लिए सरसों को पानी में डाला गया. मिट्टी से निर्मित होने की वजह से नकली सरसों आसानी से पानी में घुल गई. इसी से पता चला कि मिट्टी से नकली सरसों तैयार की जा रही है. इस तरह के मामले प्रदेश के अन्य जिलों में भी सामने आ रहे हैं. व्यापारी भूपेंद्र गोयल ने बताया कि मंडियों में पूरी तरह से नकली सरसों नहीं पहुंच रही, बल्कि असली सरसों में ही कुछ मात्रा नकली सरसों की मिला दी जाती है. इससे आसानी से पकड़ में नहीं आती. जब सरसों का लैब टेस्ट कराया जाता है, तभी इसकी मिलावट के बारे में पता चल पाता है. कई घटनाओं के बाद अब व्यापारी भी सतर्क हो गए हैं. हालांकि, अभी तक भरतपुर की सरसों मंडी में इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है.

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