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JJM के फर्जी बिलों का नहीं किया भुगतान, ठेकेदार ने हिस्ट्रीशीटर संग मिल उड़ाया गाड़ी से, जिससे हमला दुर्घटना लगे, 4 गिरफ्तार - 4 arrested in attack on XEN

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 4, 2024, 9:41 PM IST

जल जीवन मिशन के फर्जी बिलों का भुगतान नहीं करने से नाराज ठेकेदार ने हिस्ट्रीशीटर की मदद से अधिशासी अभियंता पर हमला करवाया. जिससे की जानलेवा हमला ना लगकर दुर्घटना लगे. इस मामले में वाहन मालिक सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है.

4 arrested in attack on XEN
एक्सईएन पर हमले के मामले में 4 गिरफ्तार (ETV Bharat Kota)

कोटा. शहर के दादाबाड़ी थाना पुलिस ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के अधिशासी अभियंता को जान से मारने के इरादे से किए गए एक्सीडेंट के मामले में खुलासा हुआ है. जिसमें सामने आया है कि जल जीवन मिशन के फर्जी बिलों का भुगतान नहीं करने से नाराज ठेकेदार ने हिस्ट्रीशीटर की मदद से हमला करवाया. हालांकि हिस्ट्रीशीटर और ठेकेदार अभी फरार चल रहे हैं. इस मामले में वाहन मालिक सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में अधिशासी अभियंता की बाइक और अन्य वाहन भी दुर्घटना ग्रसित हो गए थे. इसके साथ ही उसके हाथ पैर भी टूट गए थे.

दादाबाड़ी थाना अधिकारी नरेश मीणा ने बताया कि पीएचईडी के अधिशासी अभियंता बने सिंह मीणा अपने ऑफिस दादाबाड़ी से महावीर नगर विस्तार योजना स्थित घर पर जा रहे थे. उनकी गली के बाहर ही एक पिकअप ने अनियंत्रित होते हुए जानबूझकर उनकी बाइक को टक्कर मारी. जिसके बाद वह एक कार से भीड़ गए. साथ ही पिकअप ने वहां पर खड़ी हुई एक अन्य कार को भी टक्कर मार दी. इसके बाद बदमाश एक्टिवा पर सवार होकर फरार हो गए. इस घटना में बने सिंह मीणा के चोट लगी और उसके हाथ पैर फैक्चर हो गए थे.

पढ़ें: जल जीवन मिशन घोटाले में तीसरी गिरफ्तारी, ईडी ने ठेकेदार महेश मित्तल को दबोचा - JJM Scam

बने सिंह मीणा ने कहा कि वाहन चालक और उसमें बैठे हुए लोगों को पहचान लेंगे. घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखा जिसमें चित्तौड़गढ़ में रजिस्टर्ड गाड़ी से दुर्घटना होना सामने आया. इसकी तलाश शुरू की. जिसके बाद पिकअप मालिक नरेंद्र रावल, पिकअप उपलब्ध कराने वाले मोहम्मद हुसैन और राजेश साहू को डिटेन किया गया. इसके साथ ही पिकअप चालक के साथी अशोक को बापर्दा गिरफ्तार किया गया. इस मामले में पूछताछ के बाद सामने आया कि घटना उदयपुर के सुखेर थाने के हिस्ट्रीशीटर नरेश वाल्मीकि और पीएचईडी के ठेकेदार मनोज वागड़ी ने कारित की है.

पढ़ें: JJM योजना घोटले में बड़ी कार्रवाई, एक साथ जलदाय विभाग के 8 अधिकारी निलंबित - JJM Scam Row

सीआई मीणा ने बताया कि एक्सईएन बने सिंह मीणा मार्च 2024 से पहले उदयपुर में तैनात थे. इसी दौरान ठेकेदार मनोज वागड़ी से उनका झगड़ा हो गया था. मनोज के फर्जी बिलों का भुगतान उन्होंने नहीं किया था. इसी बात पर डरा धमकाकर वह भुगतान करवाना चाह रहा था, लेकिन उनके हस्ताक्षर करने से मना करने से यह भुगतान अटक गया. इसके बाद बने सिंह का कोटा ट्रांसफर हो गया. मनोज इस घटना से काफी नाराज था और उसने अपने हिस्ट्रीशीटर मित्र नरेश वाल्मीकि को साथ लिया. इसमें पिकअप खरीद कर इस घटना को अंजाम दिया है.

पढ़ें: जल जीवन मिशन का जिन्न फिर आया बाहर, पीएचईडी के XEN और दो ठेकेदारों पर CBI ने दर्ज किया केस - Jal Jeevan Mission

सीआई मीणा ने बताया कि यह घटना भी पूरी तरह साजिशन जानलेवा हमले की है. जिसे दुर्घटना की तरह कारित किया गया. ताकि जानलेवा हमले को एक्सीडेंट का रूप दिया जा सके. इस मामले में पुलिस ने हत्या के प्रयास की धाराओं में ही मुकदमा दर्ज किया और चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. जबकि ठेकेदार मनोज और हिस्ट्रीशीटर नरेश वाल्मीकि भी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. दोनों अपने घरों पर भी नहीं पहुंच रहे हैं.

कोटा. शहर के दादाबाड़ी थाना पुलिस ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के अधिशासी अभियंता को जान से मारने के इरादे से किए गए एक्सीडेंट के मामले में खुलासा हुआ है. जिसमें सामने आया है कि जल जीवन मिशन के फर्जी बिलों का भुगतान नहीं करने से नाराज ठेकेदार ने हिस्ट्रीशीटर की मदद से हमला करवाया. हालांकि हिस्ट्रीशीटर और ठेकेदार अभी फरार चल रहे हैं. इस मामले में वाहन मालिक सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में अधिशासी अभियंता की बाइक और अन्य वाहन भी दुर्घटना ग्रसित हो गए थे. इसके साथ ही उसके हाथ पैर भी टूट गए थे.

दादाबाड़ी थाना अधिकारी नरेश मीणा ने बताया कि पीएचईडी के अधिशासी अभियंता बने सिंह मीणा अपने ऑफिस दादाबाड़ी से महावीर नगर विस्तार योजना स्थित घर पर जा रहे थे. उनकी गली के बाहर ही एक पिकअप ने अनियंत्रित होते हुए जानबूझकर उनकी बाइक को टक्कर मारी. जिसके बाद वह एक कार से भीड़ गए. साथ ही पिकअप ने वहां पर खड़ी हुई एक अन्य कार को भी टक्कर मार दी. इसके बाद बदमाश एक्टिवा पर सवार होकर फरार हो गए. इस घटना में बने सिंह मीणा के चोट लगी और उसके हाथ पैर फैक्चर हो गए थे.

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बने सिंह मीणा ने कहा कि वाहन चालक और उसमें बैठे हुए लोगों को पहचान लेंगे. घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखा जिसमें चित्तौड़गढ़ में रजिस्टर्ड गाड़ी से दुर्घटना होना सामने आया. इसकी तलाश शुरू की. जिसके बाद पिकअप मालिक नरेंद्र रावल, पिकअप उपलब्ध कराने वाले मोहम्मद हुसैन और राजेश साहू को डिटेन किया गया. इसके साथ ही पिकअप चालक के साथी अशोक को बापर्दा गिरफ्तार किया गया. इस मामले में पूछताछ के बाद सामने आया कि घटना उदयपुर के सुखेर थाने के हिस्ट्रीशीटर नरेश वाल्मीकि और पीएचईडी के ठेकेदार मनोज वागड़ी ने कारित की है.

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सीआई मीणा ने बताया कि एक्सईएन बने सिंह मीणा मार्च 2024 से पहले उदयपुर में तैनात थे. इसी दौरान ठेकेदार मनोज वागड़ी से उनका झगड़ा हो गया था. मनोज के फर्जी बिलों का भुगतान उन्होंने नहीं किया था. इसी बात पर डरा धमकाकर वह भुगतान करवाना चाह रहा था, लेकिन उनके हस्ताक्षर करने से मना करने से यह भुगतान अटक गया. इसके बाद बने सिंह का कोटा ट्रांसफर हो गया. मनोज इस घटना से काफी नाराज था और उसने अपने हिस्ट्रीशीटर मित्र नरेश वाल्मीकि को साथ लिया. इसमें पिकअप खरीद कर इस घटना को अंजाम दिया है.

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सीआई मीणा ने बताया कि यह घटना भी पूरी तरह साजिशन जानलेवा हमले की है. जिसे दुर्घटना की तरह कारित किया गया. ताकि जानलेवा हमले को एक्सीडेंट का रूप दिया जा सके. इस मामले में पुलिस ने हत्या के प्रयास की धाराओं में ही मुकदमा दर्ज किया और चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. जबकि ठेकेदार मनोज और हिस्ट्रीशीटर नरेश वाल्मीकि भी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. दोनों अपने घरों पर भी नहीं पहुंच रहे हैं.

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