नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के विवेक विहार इलाके में स्थित बेबी केयर सेंटर में शनिवार रात भीषण आग लग गई. हादसे में सात बच्चों की मौत की मौत हो गई जबकि अन्य पांच बच्चों का इलाज जारी है. इस बारे में ईटीवी भारत ने प्रत्यक्षदर्शियों से बातचीत कर घटना का हाल जाना. घटना वाली बिल्डिंग से तीसरी कोठी सी-52 में रहने वाले बृजेश गोयल ने बताया कि आग लगने से उनकी खिड़कियों और दरवाजों के शीशे टूटकर गिरने लगे. इससे उनके परिवार के तीन लोग चोटिल हो गए.
इस दौरान शीशा टूटने से उनके हाथ में, उनके पोते के पैर में और नौकर के हाथ में भी चोट आई. उन्होंने बताया कि 120 गज की बिल्डिंग में अवैध रूप से बेबी केयर सेंटर बनाया था और पीछे का रास्ता बंद किया हुआ था. उन्होंने आगे बताया कि यहां ऑक्सीजन के बड़े सिलेंडरों से छोटा सिलेंडर में गैस भरकर बेचा जाता था. गाड़ी में भर-भर के यहां सिलेंडर आते थे. हमने कई बार इसकी शिकायत पुलिस से की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
वहीं बगल की बिल्डिंग सी-53 में रहने वाले विजय जैन ने बताया कि बिना लाइसेंस, बिना फायर एनओसी और बिना गैस रिफिलिंग की परमिशन के तीन साल से इस बिल्डिंग में यह काम हो रहा था. पंजाबी बाग के रहने वाला डॉ. नवीन इस केंद्र को चला रहा था. इस केंद्र में बच्चों की डिलीवरी नहीं होती थी, बल्कि जो बच्चे प्रीमेच्योर डिलीवरी से पैदा हो जाते हैं या जिन बच्चों में खून या फ्लूड की कमी होती है, उन्हें यहां पर भर्ती किया जाता था. यहां एनआईसीयू केंद्र बना हुआ था. इस केंद्र की उन्होंने कई बार शिकायत भी की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई और अवैध तरीके से ये सेंटर यहां तीन साल से संचालित हो रहा था.
उनके अलावा लोकेश गुप्ता ने बताया की आग लगने के बाद बहुत तेज धमाका सुनाई दिया और लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. एक सिलेंडर फटकर सामने आईटीआई के कैंपस में जाकर गिरा. उसके थोड़ी देर बाद एक और धमाका हुआ और वह सिलेंडर भी फटकर दूर जा गिरा. ऐसे लगातार चार-पांच धमाके हुए, जिसके बाद आग बढ़ती गई. उन्होंने बताया कि धमाके से हमारे मकान के शीशे तो टूटे ही, अलमारी गिर गई और घर का मार्बल तक उखड़ गया.
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उधर फैयाज आलम नामक व्यक्ति ने बताया कि लगातार तीन धमाके हुए, जिसके बाद आग पूरी बिल्डिंग में फैल गई. आग ने हमारे दूसरे फ्लोर को भी अपनी चपेट में ले लिया, जिससे काफी सामान जल गया. आग से हमारे पूरे मकान में धुंआ भर गया. हम लोग जैसे तैसे घर से निकल के बाहर पहुंचे. साथ ही हमने बच्चों को जगाकर जल्दी से बाहर निकाला.
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