नई दिल्ली: दिल्ली के प्रगति मैदान में शनिवार से विश्व पुस्तक मेले की शुरुआत हो चुकी है. किताबों का महाकुंभ का आज पहला दिन है. यह मेला 10 फरवरी से 18 फरवरी तक दिल्ली के प्रगति मैदान में चलेगा. पुस्तक मेले में 1000 से अधिक प्रकाशक पहुंचे हुए हैं. हालांकि, इस पुस्तक मेले में आकर्षण का केंद्र जम्मू कश्मीर और लेह लद्दाख का एग्जीबिशन बना हुआ है. दरअसल, पुस्तक मेले में जम्मू कश्मीर और लद्दाख की कला संस्कृति को नजदीक से जानने के लिए लोगों के लिए अलग से एग्जीबिशन लगाया गया है. क्योंकि बहुत सारी चीज लोगों को जम्मू कश्मीर और लेह लद्दाख के बारे में पता नहीं होती है.
प्रगति मैदान के हाल नंबर 5 में जम्मू कश्मीर एवं लेह लद्दाख का एग्जीबिशन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. पहले ही दिन लोगों की नजर जैसे ही इस एग्जीबिशन पर पड़ी लोग अपने आप को रोक नहीं पाए. वहीं, महाराष्ट्र के नागपुर से पुस्तक मेले में पहुंचे शौविक ने बताया कि वह दिल्ली आज किसी काम से दिल्ली आए थे. उन्हें पता चला कि विश्व पुस्तक मेले की शुरुआत आज से हो चुकी है. वह विश्व पुस्तक मेले में काफी घूमे हैं. आज यहां पर जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख का एग्जीबिशन उन्हें बहुत अच्छा लगा.
प्रदर्शनी में इंग्लिश हिंदी और अलग-अलग भाषाओं में भी जम्मू कश्मीर और लेह लद्दाख के बारे में जानकारी दी गई है. किस तरह से वहां पर शासन चला था? जम्मू कश्मीर का क्या इतिहास है? लेह लद्दाख की क्या चीज फेमस है? कैसा इतिहास है, कौन सी भाषा वहां बोली जाती है? किस तरह वहां पर सभी धर्म का एक विषम संगम है. बाकायदा हर एक चीज की यहां पर जानकारी दी जा रही है.
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बता दें कि जम्मू एंड कश्मीर उत्तर भारत में स्थित देश के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है. इस राज्य का अधिकांश हिस्सा पर्वत नदियों से ढका हुआ एवं प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है. जम्मू कश्मीर की संस्कृति कई संस्कृतियों का एक विधिक मिश्रण है. यह राज्य प्राकृतिक सुंदरता के साथ ही अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां की संस्कृति को मुस्लिम, हिंदू, सिख और बौद्ध सभी ने बनाया है. वहीं लेह लद्दाख यह ग्रेट हिमालय और काराकोरम से घिरा हुआ है.