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'गुंडागर्दी सही नहीं, हर वो बात सुनी जाती है जो सलीके से कही जाती है' : लक्ष्यराज सिंह मेवाड़

उदयपुर में धूणी दर्शन को लेकर हुए विवाद पर पूर्व राजपरिवार सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

पूर्व राजपरिवार सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़
पूर्व राजपरिवार सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ (ETV Bharat Udaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ से खास बातचीत (ETV Bharat Udaipur)

उदयपुर : राजस्थान के उदयपुर में पूर्व राजपरिवार में धूणी दर्शन को लेकर हुआ विवाद अब थमता नजर आ रहा है. बुधवार को विश्वराज सिंह मेवाड़ ने धूणी के दर्शन भी किए. इस बीच पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने पूरे घटनाक्रम पर अपनी बात रखी है. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि यह पूरा घटनाक्रम बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. पहले ही हम एक सौहार्दपूर्ण सोच रखते तो हल निकल जाता. हर वह बात सुनी जाती है, जो सलीके से कही जाती है.

धूणी दर्शन को लेकर इतना विवाद क्यों हुआ : पूर्व राजपरिवार सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि इस तरह का घटनाक्रम हो जाएगा सोचा नहीं था. इसका हमें दुख है. दबाव बनाया गया, तो ये माहौल हुआ, लेकिन जब प्रेम पूर्वक बात रखी गई तो उसे स्वीकार भी किया गया. इस घटनाक्रम के बाद पूर्व मेवाड़ राजपरिवार की छवि प्रभावित हुई, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि बिल्कुल, इन सबके बाद एक सवाल जरूर उठा है, लेकिन अब हम और जोश और सकारात्मक ऊर्जा के साथ काम करेंगे.

पढ़ें. विश्वराज सिंह मेवाड़ ने किया धूणी दर्शन, बोले- पहले दिन ही ऐसा हो जाता तो इतना बड़ा विवाद नहीं होता, लक्ष्यराज सिंह ने कही ये बात

लक्ष्यराज सिंह ने कहा कि अब वातावरण सौहार्दपूर्ण है. सहमति बनाने में अहम भूमिका सलीके, इज्जत और कद्र करने की रही. प्रदेश सरकार और जिला-पुलिस प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए विधि संवत कार्य किया है. इस कार्य में शामिल आला अधिकारियों सहित सभी शुभचिंतक जमीन से जुड़े रहे, जिसके लिए उनका आभार है. उन्होंने कहा कि गुंडागर्दी की सोच मेवाड़ की इस महान माटी में नहीं चल सकती. धूनी के दर्शन को रिसीवर में लेने को लेकर लक्ष्यराज सिंह ने कहा कि उसका कानूनी तरीके से जवाब दिया जाएगा.

पढ़ें. 'धूणी' को लेकर मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्यों में गहराया विवाद, जानिए उसका क्या है इतिहास

यह कहीं बड़ी बात : उन्होंने कहा कि यह स्वाभिमान की धरा है. सरकार ने गुंडागर्दी वाली सोच के लोगों का साथ भी नहीं दिया. एक व्यक्ति के घमंड एवं गुरुर की वजह से सभी को परेशानियां झेलनी पड़ रही थी. अगर वह घमंड के घोड़े पर सवार होकर नहीं आते तो सब ठीक से हो सकता था. सैकड़ों लोगों को लेकर किसी के घर पहुंचकर हिंसा करना सभ्य तरीका नहीं है. बेवजह हिंसा के प्रशंसक हम भी नहीं हैं, लेकिन समझ ले दुनिया हम नपुंसक नहीं हैं.

पढ़ें. मेवाड़ रॉयल परिवार विवाद : विश्वराज सिंह मेवाड़ बोले- धूणी दर्शन रोकना गलत, इतना विवाद होना नहीं चाहिए था

उन्होंने सिटी पैलेस को पर्यटकों के लिए खोलने के सवाल पर कहा कि हमारी किसी भी बात में कोई फर्क नहीं आया. जो सूचना पहले जारी की गई थी वह आज भी है. प्रशासन आश्वासन देता है कि कोई परेशानी नहीं होगी तो सिटी पैलेस के दरवाजे खुल जाएंगे. हम भी चाहते हैं कि उदयपुर भ्रमण पर आने वाले देश-दुनिया के पर्यटक परेशान नहीं हों, वे हमारे गौरवशाली इतिहास और धरोहर को देखकर प्रेरणा लें. राजतिलक दस्तूर पर उन्होंने कहा कि परंपराओं का सम्मान एवं इज्जत सबको करनी चाहिए.

ये था मामला : पूर्व सांसद और मेवाड़ के पूर्व राज परिवार के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ का चित्तौड़गढ़ के किले में राजतिलक किया गया, लेकिन राजतिलक के बाद वे परम्परानुसार उदयपुर किले में एतिहासिक धूणी के दर्शन नहीं कर पाए. विश्वराज सिंह मेवाड़ के चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ ने सिटी पैलेस के दरवाजे बंद कर दिए. विवाद इतना बढ़ा कि वहां पथराव तक हो गया. ऐसे में विश्वराज सिंह को धूणी के दर्शन किए बिना ही लौटना पड़ा. कई दौर की बातचीत के बाद दोनों पक्षों में सहमति बनी और बुधवार शाम को विश्वराज सिंह मेवाड़ ने धूणी के दर्शन किए.

लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ से खास बातचीत (ETV Bharat Udaipur)

उदयपुर : राजस्थान के उदयपुर में पूर्व राजपरिवार में धूणी दर्शन को लेकर हुआ विवाद अब थमता नजर आ रहा है. बुधवार को विश्वराज सिंह मेवाड़ ने धूणी के दर्शन भी किए. इस बीच पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने पूरे घटनाक्रम पर अपनी बात रखी है. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि यह पूरा घटनाक्रम बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. पहले ही हम एक सौहार्दपूर्ण सोच रखते तो हल निकल जाता. हर वह बात सुनी जाती है, जो सलीके से कही जाती है.

धूणी दर्शन को लेकर इतना विवाद क्यों हुआ : पूर्व राजपरिवार सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि इस तरह का घटनाक्रम हो जाएगा सोचा नहीं था. इसका हमें दुख है. दबाव बनाया गया, तो ये माहौल हुआ, लेकिन जब प्रेम पूर्वक बात रखी गई तो उसे स्वीकार भी किया गया. इस घटनाक्रम के बाद पूर्व मेवाड़ राजपरिवार की छवि प्रभावित हुई, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि बिल्कुल, इन सबके बाद एक सवाल जरूर उठा है, लेकिन अब हम और जोश और सकारात्मक ऊर्जा के साथ काम करेंगे.

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लक्ष्यराज सिंह ने कहा कि अब वातावरण सौहार्दपूर्ण है. सहमति बनाने में अहम भूमिका सलीके, इज्जत और कद्र करने की रही. प्रदेश सरकार और जिला-पुलिस प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए विधि संवत कार्य किया है. इस कार्य में शामिल आला अधिकारियों सहित सभी शुभचिंतक जमीन से जुड़े रहे, जिसके लिए उनका आभार है. उन्होंने कहा कि गुंडागर्दी की सोच मेवाड़ की इस महान माटी में नहीं चल सकती. धूनी के दर्शन को रिसीवर में लेने को लेकर लक्ष्यराज सिंह ने कहा कि उसका कानूनी तरीके से जवाब दिया जाएगा.

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यह कहीं बड़ी बात : उन्होंने कहा कि यह स्वाभिमान की धरा है. सरकार ने गुंडागर्दी वाली सोच के लोगों का साथ भी नहीं दिया. एक व्यक्ति के घमंड एवं गुरुर की वजह से सभी को परेशानियां झेलनी पड़ रही थी. अगर वह घमंड के घोड़े पर सवार होकर नहीं आते तो सब ठीक से हो सकता था. सैकड़ों लोगों को लेकर किसी के घर पहुंचकर हिंसा करना सभ्य तरीका नहीं है. बेवजह हिंसा के प्रशंसक हम भी नहीं हैं, लेकिन समझ ले दुनिया हम नपुंसक नहीं हैं.

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उन्होंने सिटी पैलेस को पर्यटकों के लिए खोलने के सवाल पर कहा कि हमारी किसी भी बात में कोई फर्क नहीं आया. जो सूचना पहले जारी की गई थी वह आज भी है. प्रशासन आश्वासन देता है कि कोई परेशानी नहीं होगी तो सिटी पैलेस के दरवाजे खुल जाएंगे. हम भी चाहते हैं कि उदयपुर भ्रमण पर आने वाले देश-दुनिया के पर्यटक परेशान नहीं हों, वे हमारे गौरवशाली इतिहास और धरोहर को देखकर प्रेरणा लें. राजतिलक दस्तूर पर उन्होंने कहा कि परंपराओं का सम्मान एवं इज्जत सबको करनी चाहिए.

ये था मामला : पूर्व सांसद और मेवाड़ के पूर्व राज परिवार के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ का चित्तौड़गढ़ के किले में राजतिलक किया गया, लेकिन राजतिलक के बाद वे परम्परानुसार उदयपुर किले में एतिहासिक धूणी के दर्शन नहीं कर पाए. विश्वराज सिंह मेवाड़ के चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ ने सिटी पैलेस के दरवाजे बंद कर दिए. विवाद इतना बढ़ा कि वहां पथराव तक हो गया. ऐसे में विश्वराज सिंह को धूणी के दर्शन किए बिना ही लौटना पड़ा. कई दौर की बातचीत के बाद दोनों पक्षों में सहमति बनी और बुधवार शाम को विश्वराज सिंह मेवाड़ ने धूणी के दर्शन किए.

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