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'दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में रोकेंगे मनमानी' AAP ज्वाइन करने के बाद जितेंद्र सिंह शंटी से खास बातचीत - INTERVIEW OF JITENDRA SINGH SHUNTY

'एंबुलेंस मैन' के नाम से प्रसिद्ध जितेन्द्र शंटी 2013 में BJP के टिकट से विधायक बने थे. ETV Bharat संवाददाता राहुल ने विशेष बातचीत की.

जितेंद्र सिंह शंटी से खास बातचीत
जितेंद्र सिंह शंटी से खास बातचीत (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 8, 2024, 1:19 PM IST

Updated : Dec 8, 2024, 2:05 PM IST

नई दिल्ली: ज्यों ज्यों विधानसभा चुनाव समीप आ रहा है, दिल्ली में चुनावी सरगर्मी बढ़ती जा रही है. विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं में टिकट की दौड़ में शामिल होने की होड़ मची हुई है. इस राजनीतिक हलचल के बीच, वरिष्ठ समाजसेवी पद्मश्री जितेंद्र सिंह शंटी ने हाल ही में आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल होकर सबको चौंका दिया. जितेंद्र सिंह शंटी, जिन्हें 'एंबुलेंसमैन' के रूप में जाना जाता है, अक्सर लावारिश लाशों और गरीब असहाय लोगों की मदद निस्वार्थ भाव से करते आए हैं.

उन्होंने शहीद भगत सिंह सेवादल के माध्यम से पिछले एक दशक में 70,000 से भी अधिक लाशों का अंतिम संस्कार करवा चुके हैं. हालांकि, वह राजनीति से लगभग 10 वर्षों तक दूर रहे, लेकिन अब आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ने के बाद एक बार फिर सक्रिय नजर आ रहे हैं. आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद, शंटी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह दिल्ली के शाहदरा इलाके में 11,000 से अधिक मतदाताओं के वोट काटने की कोशिश कर रही है. शंटी ने ईटीवी संवाददाता राहुल चौहान के साथ एक एक्सक्लूसिव बातचीत की, जिसमें उन्होंने अपने राजनीतिक भविष्य और प्राथमिकताओं पर खुलकर चर्चा की जानिए...

जितेंद्र सिंह शंटी से खास बातचीत (ETV Bharat)

प्रश्न: आप अब आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं, क्या आगे चुनाव लड़ने की तैयारी है?
उत्तर: हम आज इस कॉलोनी में चुनावी तैयारियों के लिए नहीं आए हैं. हमारा यहां आना मानवाधिकारों के लिए है. हमने सुना है कि कुछ शरारती तत्वों ने शाहदरा विधानसभा में साढ़े ग्यारह हजार वोटों को कटवाने के लिए अपने आप फॉर्म भर दिए हैं. जबकि यह कानून के खिलाफ है. अगर मेरे घर में किसी की मौत होती है, तो मैं उसके वोट को कटवाने के लिए फॉर्म भरूंगा, डेथ सर्टिफिकेट लगवाऊंगा और तब जाकर वोट कटेगा. या यदि कोई दूसरी जगह शिफ्ट हो जाता है या शादी करता है, तब उसके परिवार के लोग फॉर्म भरकर वोट कटवाते हैं. लेकिन यहां गुंडागर्दी से वोट काट दिए गए हैं.

प्रश्न: आप राजनीति से 10 साल से दूर थे. अचानक आम आदमी पार्टी को आपकी जरूरत कैसे पड़ी?
उत्तर: अरविंद केजरीवाल जो काम कर रहे हैं, वह पूरे देश के लिए एक उदाहरण है. इसलिए लोगों को उनकी जरूरत है. जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक, चाहे वह बच्चों की शिक्षा हो, दवा हो या बहनों की पेंशन, मुफ्त बस यात्रा जैसी अनेक सुविधाएं प्रदान की गई हैं. फ्री बिजली और पानी जैसी सेवाएं तो हैं, जिन्हें कोई सोच भी नहीं सकता.

यह भी पढ़ें- दिल्ली में ऑनलाइन गेमिंग के खिलाफ अभियान, सोनल मान सिंह बोलीं- सख्त कानून की जरूरत

प्रश्न: आपने कहा था कि आपको केजरीवाल का फोन आया था, उस फोन पर क्या बातचीत हुई थी?
उत्तर: मुझे फोन आया था कि शंटी जी, हम आपके इस यज्ञ में योगदान देना चाहते हैं. मैं एक सिपाही की तरह इस आंदोलन में शामिल हुआ हूं. चाहे टिकट मिले या न मिले, मैं सेवा के लिए आया हूं. अगर मेरा उद्देश्य टिकट लेना होता, तो मैं पहले ही दूसरी पार्टियों से टिकट ले चुका होता. मुझे उनका काम पसंद है और उन्हें मेरा काम पसंद आया. इसलिए हम साथ आ गए हैं. सेवा ने हमें एक साथ जोड़ा है.

प्रश्न: अगर आम आदमी पार्टी आपको चुनाव लड़ने का मौका देती है और आप विधायक बनते हैं, तो कौन से बड़े काम करेंगे?
उत्तर: मैं चाहूंगा कि पूरे देश में ये काम हों. लेकिन अगर मैं दिल्ली से शुरू करूं तो, मेरा फोकस उन अधिकारों पर होगा, जो मरने के बाद किसी के लिए नहीं देखे जाते. गरीब के पास अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी खरीदने के पैसे नहीं होते. अस्पताल वाले तुरंत कहते हैं कि अपनी एंबुलेंस लाओ और शव ले जाओ. जो लोग पैसे नहीं दे सकते, वे क्या करेंगे? एंबुलेंस वाले 10 हजार रुपये मांगते हैं. पिछले 30 वर्षों से हम ऐसी सेवाएं दे रहे हैं. लकड़ी, एंबुलेंस या शव रखने के लिए एयरकंडीशनर फ्रिज, ये सारी सुविधाएं मैं चाहूंगा कि सरकार घर-घर मुफ्त में उपलब्ध कराए. अब हम मिलकर मानव जीवन के जन्म से लेकर अंत तक के लिए सुरक्षा की व्यवस्था कर चुके हैं.

यह भी पढ़ें- "संगीत तो सही-गलत हो ही नहीं सकता , मगर पसंद अपनी-अपनी है " जानिये शुभा मुद्गल के विचार इस खास इंटरव्यू में

प्रश्न: सरकार में सत्ता में आने के बाद दिल्ली के लोगों के लिए आप क्या दूसरा महत्वपूर्ण कदम उठाना चाहेंगे?

उत्तर: दूसरा महत्वपूर्ण कदम यह होगा कि दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में होने वाली गुंडागर्दी को रोका जाए. यदि किसी बहन की डिलिवरी प्राइवेट अस्पताल में हो रही है, तो डॉक्टर लाखों रुपये की मांग करते हैं. मैं चाहता हूं कि यदि कोई गरीब है, तो उसकी डिलीवरी मुफ्त होनी चाहिए. इसके अलावा, दिल्ली में पार्किंग की बहुत बड़ी समस्या है.

प्रश्न: लोग कह रहे हैं कि केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. इस पर आपका क्या कहना है?

उत्तर: आरोप तो किसी पर भी लगाए जा सकते हैं. किसी को भी जेल में डाल सकते हैं. यह लोकतंत्र नहीं है. हमारे कई बड़े नेता भी जेल गए हैं. अपराध तब होता है जब कानून किसी को दोषी ठहराता है. अगर वे इतने बड़े अपराधी थे, तो वे बाहर कैसे आए? इसका मतलब यह है कि उन्हें किसी विशेष कारण से अंदर रखा गया. ताकि उनकी सुविधाएं जैसे बिजली और पानी रोक दी जाएं.

प्रश्न: लोग दिल्ली में लगातार गंदे पानी और जलभराव की समस्याओं की शिकायत कर रहे हैं. बारिश होते ही शहर पानी-पानी हो जाता है. क्या कहेंगे?

उत्तर: मैं एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि पिछले 10 सालों में जो भी प्रदर्शन हुए, वे सभी राजनीतिक दलों द्वारा किए गए हैं. क्या आपने कभी जनता का प्रदर्शन देखा है? अगर जनता का कोई मुद्दा होता, तो वे सड़कों पर आतीं. मैं अभी भी घर-घर जाकर बात कर रहा हूं. लेकिन लोगों को इस बात का अफसोस है कि उनकी वोटें काट ली गई हैं. उनके अधिकारों का हनन हो रहा है. बिना बताए उनकी वोटें काटी जा रही हैं. अगर किसी परिवार के दो लोग रोजगार के लिए गांव गए हैं, तो ऐसे में उनकी वोटें नहीं काटनी चाहिए.

यह भी पढ़ें- 'दिल्ली की हवा शरीर के हर अंग के लिए है जानलेवा', जानिए- कौन सी बीमारियों का है खतरा?

नई दिल्ली: ज्यों ज्यों विधानसभा चुनाव समीप आ रहा है, दिल्ली में चुनावी सरगर्मी बढ़ती जा रही है. विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं में टिकट की दौड़ में शामिल होने की होड़ मची हुई है. इस राजनीतिक हलचल के बीच, वरिष्ठ समाजसेवी पद्मश्री जितेंद्र सिंह शंटी ने हाल ही में आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल होकर सबको चौंका दिया. जितेंद्र सिंह शंटी, जिन्हें 'एंबुलेंसमैन' के रूप में जाना जाता है, अक्सर लावारिश लाशों और गरीब असहाय लोगों की मदद निस्वार्थ भाव से करते आए हैं.

उन्होंने शहीद भगत सिंह सेवादल के माध्यम से पिछले एक दशक में 70,000 से भी अधिक लाशों का अंतिम संस्कार करवा चुके हैं. हालांकि, वह राजनीति से लगभग 10 वर्षों तक दूर रहे, लेकिन अब आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ने के बाद एक बार फिर सक्रिय नजर आ रहे हैं. आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद, शंटी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह दिल्ली के शाहदरा इलाके में 11,000 से अधिक मतदाताओं के वोट काटने की कोशिश कर रही है. शंटी ने ईटीवी संवाददाता राहुल चौहान के साथ एक एक्सक्लूसिव बातचीत की, जिसमें उन्होंने अपने राजनीतिक भविष्य और प्राथमिकताओं पर खुलकर चर्चा की जानिए...

जितेंद्र सिंह शंटी से खास बातचीत (ETV Bharat)

प्रश्न: आप अब आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं, क्या आगे चुनाव लड़ने की तैयारी है?
उत्तर: हम आज इस कॉलोनी में चुनावी तैयारियों के लिए नहीं आए हैं. हमारा यहां आना मानवाधिकारों के लिए है. हमने सुना है कि कुछ शरारती तत्वों ने शाहदरा विधानसभा में साढ़े ग्यारह हजार वोटों को कटवाने के लिए अपने आप फॉर्म भर दिए हैं. जबकि यह कानून के खिलाफ है. अगर मेरे घर में किसी की मौत होती है, तो मैं उसके वोट को कटवाने के लिए फॉर्म भरूंगा, डेथ सर्टिफिकेट लगवाऊंगा और तब जाकर वोट कटेगा. या यदि कोई दूसरी जगह शिफ्ट हो जाता है या शादी करता है, तब उसके परिवार के लोग फॉर्म भरकर वोट कटवाते हैं. लेकिन यहां गुंडागर्दी से वोट काट दिए गए हैं.

प्रश्न: आप राजनीति से 10 साल से दूर थे. अचानक आम आदमी पार्टी को आपकी जरूरत कैसे पड़ी?
उत्तर: अरविंद केजरीवाल जो काम कर रहे हैं, वह पूरे देश के लिए एक उदाहरण है. इसलिए लोगों को उनकी जरूरत है. जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक, चाहे वह बच्चों की शिक्षा हो, दवा हो या बहनों की पेंशन, मुफ्त बस यात्रा जैसी अनेक सुविधाएं प्रदान की गई हैं. फ्री बिजली और पानी जैसी सेवाएं तो हैं, जिन्हें कोई सोच भी नहीं सकता.

यह भी पढ़ें- दिल्ली में ऑनलाइन गेमिंग के खिलाफ अभियान, सोनल मान सिंह बोलीं- सख्त कानून की जरूरत

प्रश्न: आपने कहा था कि आपको केजरीवाल का फोन आया था, उस फोन पर क्या बातचीत हुई थी?
उत्तर: मुझे फोन आया था कि शंटी जी, हम आपके इस यज्ञ में योगदान देना चाहते हैं. मैं एक सिपाही की तरह इस आंदोलन में शामिल हुआ हूं. चाहे टिकट मिले या न मिले, मैं सेवा के लिए आया हूं. अगर मेरा उद्देश्य टिकट लेना होता, तो मैं पहले ही दूसरी पार्टियों से टिकट ले चुका होता. मुझे उनका काम पसंद है और उन्हें मेरा काम पसंद आया. इसलिए हम साथ आ गए हैं. सेवा ने हमें एक साथ जोड़ा है.

प्रश्न: अगर आम आदमी पार्टी आपको चुनाव लड़ने का मौका देती है और आप विधायक बनते हैं, तो कौन से बड़े काम करेंगे?
उत्तर: मैं चाहूंगा कि पूरे देश में ये काम हों. लेकिन अगर मैं दिल्ली से शुरू करूं तो, मेरा फोकस उन अधिकारों पर होगा, जो मरने के बाद किसी के लिए नहीं देखे जाते. गरीब के पास अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी खरीदने के पैसे नहीं होते. अस्पताल वाले तुरंत कहते हैं कि अपनी एंबुलेंस लाओ और शव ले जाओ. जो लोग पैसे नहीं दे सकते, वे क्या करेंगे? एंबुलेंस वाले 10 हजार रुपये मांगते हैं. पिछले 30 वर्षों से हम ऐसी सेवाएं दे रहे हैं. लकड़ी, एंबुलेंस या शव रखने के लिए एयरकंडीशनर फ्रिज, ये सारी सुविधाएं मैं चाहूंगा कि सरकार घर-घर मुफ्त में उपलब्ध कराए. अब हम मिलकर मानव जीवन के जन्म से लेकर अंत तक के लिए सुरक्षा की व्यवस्था कर चुके हैं.

यह भी पढ़ें- "संगीत तो सही-गलत हो ही नहीं सकता , मगर पसंद अपनी-अपनी है " जानिये शुभा मुद्गल के विचार इस खास इंटरव्यू में

प्रश्न: सरकार में सत्ता में आने के बाद दिल्ली के लोगों के लिए आप क्या दूसरा महत्वपूर्ण कदम उठाना चाहेंगे?

उत्तर: दूसरा महत्वपूर्ण कदम यह होगा कि दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में होने वाली गुंडागर्दी को रोका जाए. यदि किसी बहन की डिलिवरी प्राइवेट अस्पताल में हो रही है, तो डॉक्टर लाखों रुपये की मांग करते हैं. मैं चाहता हूं कि यदि कोई गरीब है, तो उसकी डिलीवरी मुफ्त होनी चाहिए. इसके अलावा, दिल्ली में पार्किंग की बहुत बड़ी समस्या है.

प्रश्न: लोग कह रहे हैं कि केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. इस पर आपका क्या कहना है?

उत्तर: आरोप तो किसी पर भी लगाए जा सकते हैं. किसी को भी जेल में डाल सकते हैं. यह लोकतंत्र नहीं है. हमारे कई बड़े नेता भी जेल गए हैं. अपराध तब होता है जब कानून किसी को दोषी ठहराता है. अगर वे इतने बड़े अपराधी थे, तो वे बाहर कैसे आए? इसका मतलब यह है कि उन्हें किसी विशेष कारण से अंदर रखा गया. ताकि उनकी सुविधाएं जैसे बिजली और पानी रोक दी जाएं.

प्रश्न: लोग दिल्ली में लगातार गंदे पानी और जलभराव की समस्याओं की शिकायत कर रहे हैं. बारिश होते ही शहर पानी-पानी हो जाता है. क्या कहेंगे?

उत्तर: मैं एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि पिछले 10 सालों में जो भी प्रदर्शन हुए, वे सभी राजनीतिक दलों द्वारा किए गए हैं. क्या आपने कभी जनता का प्रदर्शन देखा है? अगर जनता का कोई मुद्दा होता, तो वे सड़कों पर आतीं. मैं अभी भी घर-घर जाकर बात कर रहा हूं. लेकिन लोगों को इस बात का अफसोस है कि उनकी वोटें काट ली गई हैं. उनके अधिकारों का हनन हो रहा है. बिना बताए उनकी वोटें काटी जा रही हैं. अगर किसी परिवार के दो लोग रोजगार के लिए गांव गए हैं, तो ऐसे में उनकी वोटें नहीं काटनी चाहिए.

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Last Updated : Dec 8, 2024, 2:05 PM IST
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