धमतरी: छत्तीसगढ़ में नए साल के जश्न का खुमार चढ़ना शुरू हो गया है. अब दो दिन बाद ही नए साल की शुरुआत हो जाएगी. ऐसे में आप लोगों को छत्तीसगढ़ के किन शहरों में घूमना चाहिए और न्यू ईयर सेलिब्रेट करना चाहिए. इसकी जानकारी हम आपको देंगे. ये सारी जानकारी के लिए आपको इस खबर को पढ़ना होगा. तो चलिए हो जाइए रेडी धमतरी के चुनिंदा जगहों की जानकारी हासिल करने के लिए जहां आप सैर सपाटा कर सकते हैं. धमतरी के टूरिस्ट स्पॉट की बात करें तो यहां रविशंकर जलाशय बांध, धमतरी की आराध्य देवी माँ बिलाई माता मंदिर और अंगारमोती मंदिर मौजूद है.
छत्तीसगढ़ में मिनी गोवा: छत्तीसगढ़ में आप अगर मिनी गोवा का आनंद उठाना चाहते हैं और नए साल की शुरुआत को यादगार बनाना चाहते हैं तो आप गंगरेल बांध आ सकते हैं. गंगरेल बांध को छत्तीसगढ़ का गोवा कहा जाता है. यह छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण जल स्रोतों में से एक है. गंगरेल पर्यटक आकर्षण और अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण बेहद लोकप्रिय है. यहां आप नौका विहार कर सकते हैं. इसके अलावा आप यहां पिकनिक और अन्य मनोरंजक गतिविधियों का आनंद उठा सकते हैं.
गंगरेल बांध में वाटर स्पोर्ट्स का आनंद: गंगरेल बांध में आप पिकनिक मनाने के अलावा कई वाटर स्पोर्ट्स का आनंद उठा सकते हैं. जिसमें वाटर स्कीइंग और जेटस्की शामिल है. गंगरेल बांध धमतरी से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां पहुंचने पर आपको मनोरम दृश्य के दर्शन होंगे. नए साल पर आप बोटिंग का आनंद भी यहां उठा सकते हैं. यहां पर एक शानदार गार्डन भी है. जहां पर आप घूम सकते हैं. गंगरेल में रुकने की अच्छी व्यवस्था भी गई है. यहां लग्जरी कॉटेज भी बने हुए हैं. जहां से आप प्राकृतिक नजारे का लुत्फ उठा सकते हैं.
रुद्री डैम भी बेहतरीन विकल्प: नए साल के जश्न के लिए और पिकनिक मनाने के लिए रुद्री डैम भी बेहतरीन विकल्प है. रुद्री का मुख्य आकर्षण भगवान शिव को समर्पित रुद्रेश्वर महादेव मंदिर है. यहां एक बड़ा रुद्री बांध है, और यह महानदी नदी के किनारे सबसे पुरानी सिंचाई परियोजनाओं में से एक है. यह धमतरी में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है. यहां पर भी आप नए साल की खुशियां मना सकते हैं.
नरहरा जलप्रपात की खूबियां जानिए: धमतरी में वाटर टूरिस्ट स्पॉट की कमी नहीं है. धमतरी शहर से 30 किलोमीटर की दूरी पर नरहरा जलप्रपात है. यह सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों में से एक है. यहां झरने के रूप में गिरने वाला जल आपका मन मोह लेगा. करीब15 से 20 फीट की ऊंचाई वाला यह वाटरफॉल मिनी चित्रकोट के नाम से भी प्रसिद्ध है. यह क्षेत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऋषि मार्कंडेय ने साधना की थी. झरने के पास नरेश्वरी देवी का एक मंदिर है, जहां भक्त इसके प्राचीन जल में स्नान करने के बाद अनुष्ठान करते हैं.
माड़मसिल्ली डैम सबसे प्राचीन डैम: छत्तीसगढ़ के प्राचीन डैम की बात करें तो माड़मसिल्ली बांध सबसे प्राचीन बांधों में से एक है. इसका निर्माण साल 1914 में हुआ. यह एशिया का पहला सायफन बांध है. यह महानदी की सहायक नदी सिलयारी पर स्थित है. इस बांध की दीवारों पर कई तरह के शिल्प भी देखने को मिल जाएंगे. 100 साल बाद भी आज इस बांध की खूबसूरती जस की तस है.
जबर्रा इको टूरिज्म स्पॉट: धमतरी में जबर्रा इको टूरिज्म सेंटर है. यहां छत्तीसगढ़ से ही नहीं बल्कि देश के कोने कोने से लोग पहुंचते है. यहां पर्यटकों के आने से स्थानीय कामगारों को रोजगार का अवसर मिलता है. जिला मुख्यालय धमतरी से 60 किमी दूर नगरी ब्लॉक में जबर्रा गांव स्थित है.यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को कमारों के जीवन को करीब से देखने का मौका मिलता है. कमार जाति बांस शिल्प में पारंगत हैं. इसलिए यहां बांस से बनी अनोखी चीजें मिलती हैं. नदी किनारे की ब्यूटी यहां आपका दिल जीत लेगी.
सिहावा पहाड़: धमतरी में सिहावा पहाड़ भी टूरिज्म का सबसे शानदार स्थल है.यहां की पहाड़ियाँ पूर्वी घाट का हिस्सा हैं. इन पहाड़ियों पर से आप खूबसूरत और सुंदर नजारों का दीदार कर सकते हैं. इस पहाड़ी की सड़कें हरियाली, चट्टानी इलाकों और कई नज़ारों से भरे हैं. हाइकिंग करते समय, आप बंदरों जैसे कुछ जंगली जानवरों को देख सकते हैं. पहाड़ियों में मार्ग के किनारे कई प्राचीन मंदिर और गुफाएं आपको दिख जाएंगे. जिसमें जाकर आप नया आनंद अनुभव कर सकते हैं. यह पहाड़ आपके रोमांच को बनाए रखती हैं. इस पहाड़ से आपको पूरे धमतरी शहर और उसके आस पास के इलाकों का शानदार दृश्य दिखाई देगा.
श्रृंगी ऋषि का आश्रम सबसे मनोरम: धमतरी के सबसे मनोरम स्थानों की बात करें तो श्रृंगी ऋषि के आश्रम का जिक्र जरूर होता है. इस आश्रम के समीप पवित्र जल कुंड है. माना जाता है कि यहीं से महानदी का उद्गम हुआ है. जानकार यह भी कहते हैं कि महर्षि श्रृंगी ने अपने प्रिय शिष्य महानंद के नाम पर पर इस नदी को महानदी नाम दिया. श्रृंगी ऋषि आश्रम पर आप आकर अपने नए साल की शुरुआत कर सकते हैं.
बिलाई माता मंदिर में कर सकते हैं पूजा: धमतरी में धार्मिक पर्यटन केंद्रों की कमी नहीं है. यहां बिलाई माता का मंदिर भी स्थित है. जहां आप पूजा पाठ कर अपने नए साल की शुरुआत कर सकते हैं. पौराणिक कथा के अनुसार मां विंध्यवासिनी की मूर्ति इस मंदिर में जमीन से निकली थी. एक समय पर राजा मांडलिक का घोड़ा यहां आकर ठिठक गया था और आगे बढ़ने को तैयार नहीं था. सैनिकों ने खोजबीन में पाया कि यहां पर एक पत्थर के इर्द-गिर्द जंगली बिल्लियां बैठी हैं. इसके बाद राजा ने उस स्थान पर चबूतरे का निर्माण कराकर देवी की स्थापना करा दी. स्थानीय लोग इसी कारण इस मंदिर को बिलाई माता मंदिर के नाम से पुकारने लगे.
अंगारमोती मंदिर में करिए देवी के दर्शन: धमतरी से 13 किलोमीटर की दूरी पर अंगारमोती माता का मंदिर स्थित है. यह छत्तीसगढ़ के पूजनीय स्थलों में से एक है. यहां साल पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. चंवरगांव में मां अंगारमोती का 600 साल पुराना मंदिर था. लेकिन गंगरेल बांध के बनने के बाद गांव में स्थित मंदिर डूब गया था. लोग कहते हैं कि इसके बाद डूब के क्षेत्र चंवरगांव के बीहड़ में माता स्वयं प्रकट हुईं और अपने तेज से इलाके को अलौकिक कर दिया. चमत्कारों वाली माता के नाम से प्रसिद्ध माता के भक्तों ने 1972 में गंगरेल बांध के पास मां अंगारमोती के मंदिर को स्थापित किया. मंदिर में अंगारमोती माता के अलावा शीतला माता, दंतेश्वरी माता और भैरव बाबा भी स्थापित हैं. मान्यता है कि श्रद्धा के साथ जो भक्त यहां नारियल बांधता है, मां उसकी मुराद हमेशा पूरी करती है.
सीतानदी अभयारण्य की कर सकते हैं सैर: अगर आप वाइल्ड लाइफ के शौकीन हैं तो यहां उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व अभयारण्य है. यहां पर आप नए साल का जश्न मना सकते हैं. इस अभयारण्य में आपको कई तरह के जीव देखने को मिल जाएंगे. जिसमें बाघ, तेंदुआ, चीता, नीलगाय, चीतल, वन भैसा, हिरण, मृग और भालू जैसे जानवरों को आप देख सकते हैं. इसके साथ आप अपने वाइल्ड लाइफ के शौक को पूरा कर सकते हैं.
इस तरह आप धमतरी में अपने नए साल का जश्न मना सकते हैं. कुल मिलाकर धमतरी पर्यटकों और सैर सपाटे के लिए शौकीन लोगों के लिए मनोरंजन का बेहतरीन स्थान है. यहां हर तरह से आप पर्यटन क्षेत्र का आनंद उठा सकते हैं.