लखनऊ : उत्तर प्रदेश में खुले में शराब पीने को लेकर आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने नाराजगी जाहिर की है. आबकारी मंत्री मंगलवार को विभाग की समीक्षा बैठक में अफसरों से मुखातिब थे. इस दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. सबसे अधिक अयोध्या, मिर्जापुर और प्रयागराज में शराब बिक्री से राजस्व मिला है. वहीं गोरखपुर, झांसी और बांदा में सबसे कम राजस्व मिला है. ऐसे में इन जिलों के अफसरों को चेतावनी दी गई है.
आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल कहा कि कई जिलों में सूचना मिल रही है कि लोग शराब की दुकानों के बाहर शराब पीते हैं. जिसे तत्काल रूप से रोका जाए. जिन शराब की दुकानों पर बैठकर पिलाने का लाइसेंस नहीं है. वहां पर खुले में लोग किसी भी हालत में शराब न पिएं. यदि ऐसा होता है तो आबकारी इंस्पेक्टर की सीधी जिम्मेदारी तय की जाएगी. इसके अलावा बार और क्लब में 21 वर्ष से कम उम्र के लोगों को शराब बिलकुल परोसी न जाए. आबकारी मंत्री ने कहा कि किसी भी दशा में बाहर से प्रदेश में अवैध शराब न आने पाए. ओवर रेटिंग करने वाले अनुज्ञापियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई हो.ओवर रेटिंग मिलने परे अनुज्ञापी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए और दुकान का भी लाइसेंस निरस्त किया जाए. बैठक में मंत्री ने कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में 58 हजार 310 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जून तक 11 हजार 783.76 करोड़ राजस्व मिल चुका है.
समीक्षा बैठक के दौरान प्रमुख सचिव आबकारी वीना कुमारी ने बताया कि जून में 3431.20 करोड़ रुपये राजस्व मिला हैं. बीते वर्ष इसी महीने में 3622.24 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था. जून के निर्धारित लक्ष्य 4800 करोड़ रुपये के सापेक्ष 71.48 प्रतिशत राजस्व प्राप्त हुआ है. जून तक कुल 2 लाख 24 हजार 147 छापे मारे गए. इस दौरान 27 हजार 256 अभियोग दर्ज किए गए तथा 7 लाख 35 हजार 735 लीटर अवैध शराब पकड़ी गई. तस्करी में लिप्त 49 वाहन जब्त किए गए और 2056 व्यक्तियों को जेल भेजा गया.
यह भी पढ़ें : सीएम योगी के सख्त तेवर, शराब का अवैध धंधा करने वालों पर लगेगा एनएसए
यह भी पढ़ें : CAG Report : यूपी के कई विभागों ने सरकार को लगाई हजारों करोड़ की चपत