शिमला: हिमाचल प्रदेश में 'समोसे पर सियासत' चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल सीआईडी के एक सम्मेलन में जो समोसे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए लाए गए थे, उन्हें गलती से सुरक्षाकर्मियों में बांट दिया गया. जिसके बाद सीआईडी ने इसकी जांच करवाई और रिपोर्ट तैयार की. रिपोर्ट में इस सारी घटना को 'सरकार विरोधी' बताया गया है. जिसपर अब पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी तंज कसा है.
सीएम सुक्खू पर जयराम का तंज
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा, "एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को समोसे परोसे जाने थे, लेकिन जहां समोसे पहुंचने चाहिए थे, वहां नहीं पहुंचे. समोसे बीच में ही गुम हो गए. मुख्यमंत्री और हिमाचल सरकार को लगा कि ये बड़ा गंभीर विषय है और इसकी जांच होनी चाहिए. हैरानी की बात है कि इसमें कहा गया कि ये सरकार विरोधी गतिविधि है. मगर समोसा तो विपक्ष ने नहीं खाया, लोगों को नहीं बांटा गया, जिसने खाया वो सरकार का ही हिस्सा हो, तो ये सरकार विरोधी गतिविधि कैसे हो गई?"
'बड़े-बड़े भ्रष्टाचार की जगर समोसे पर जांच'
जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार को ये मामला इतना ज्यादा गंभीर लगा कि सीनियर अधिकारी ने इस सारे समोसा प्रकरण की जांच करवाई और रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए. जयराम ठाकुर ने कहा, "हिमाचल प्रदेश में कई विभागों में बड़े-बड़े भ्रष्टाचार हो रहे हैं. अधिकारियों और नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं. उसपर जांच नहीं हो रही है, लेकिन जांच हो रही है तो समोसे पर."
सरकार पर जयराम का गंभीर आरोप
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि इस समोसा प्रकरण में एक महिला पुलिस अधिकारी जो जिले में अपनी ड्यूटी दे रही थी, उसे इतना जलील और परेशान किया गया कि वो रातों -रात सामान समेट कर चली गई. उन्होंने कहा कि हिमाचल में सरकार बिना सोचे-समझे फैसले लेती है. जब उन फैसलों पर चारों तरफ से जग हंसाई होती है तो फिर सरकार उसे वापस लेने में लग जाती है.